वाराणसी : बनारस में लगातार जनसंख्या और वाहनों का दबाव बढ़ता जा रहा है. लाखों की संख्या में टूरिस्ट वाराणसी में बाहरी राज्यों, जिलों और विदेश से आते हैं. कुछ टूरिस्ट अपने वाहनों से आते रहते हैं. ऐसे में सड़क पर ट्रैफिक भी काफी बढ़ जाता है. लेकिन, वाराणसी में अब सड़कों पर चलना खतरे से खाली भी नहीं है. पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में ऐसे 8 खतरनाक स्थान हैं, जहां पर सबसे अधिक हादसे हो चुके हैं. इन जगहों पर 6 माह में लगभग 70 से अधिक मौतें हो चुकी हैं, जबकि 80 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं. ये सारे स्थान शहर के साथ बाईपास से भी जुड़े हुए हैं.
बुधवार को वाराणसी-लखनऊ हाईवे पर सुबह एक भीषण सड़क हादसा हुआ था. इस हादसे में 8 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी. हादसा इतना भीषण था कि वाहन के परखच्चे उड़ गए थे. ऐसे में वाराणसी में सड़क सुरक्षा पर एक बार फिर से सवाल उठने लगे हैं. सड़क हादसों के आंकड़े ऐसे हैं कि इससे हर कोई भयभीत हो जाएगा. 33 महीने और 4 दिन में अब तक 773 लोगों की मौत हुई है. एक जनवरी 2023 से अब तक के आंकड़ों के मुताबिक वाराणसी में 229 लोगों की जान सड़क हादसे में जा चुकी है. वहीं नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे पर वाहन बेतरतीब खड़े रहते हैं. ये भी हादसे की वजह बनते हैं.
वाराणसी में 33 महीने में 773 लोगों की मौत: यातायात पुलिस के आंकड़े और भी डरावने हैं. पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, नेशनल हाईवे वाले 4 थाना क्षेत्रों बड़ागांव, चौबेपुर, मिर्जामुराद और फूलपुर में 1 जनवरी 2023 से अब तक 113 लोगों की जान सड़क हादसों में जा चुकी है. इसके साथ ही कमिश्नरेट के सभी थाना क्षेत्रों में 229 लोगों की मौत हुई है. साल 2021 में 267 और साल 2022 में 277 लोगों की मौत सड़क हादसों में हुई थी.
सड़क हादसों से 6 माह में 70 लोगों की मौत: पुलिस-प्रशासन के मुताबिक, विश्वसुंदरी पुल-टेंगरा मोड़ सबसे अधिक खतरनाक है. आंकड़ों के हिसाब से अप्रैल से लेकर अभी तक यहां पर 37 सड़क हादसे हो चुके हैं. इन हादसों में 30 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं 6 माह में 70 लोगों की मौत हुई है. वहीं गिलट बाजार-शिवपुर तरना मोड़ पर हादसों में 28 लोग गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं. यह भी ब्लैक स्पॉट में शामिल हैं. 17 मार्च को एक रोडवेज बस ने ऑटो में टक्कर मार दी थी. इसमें एक की मौत हो गई, जबकि 8 लोग घायल हो गए थे. 23 अप्रैल को एक हादसे में पिंडरा-कठिराव मार्ग पर बेकाबू वाहन की टक्कर से बाइक सवार पिता-पुत्र की मौत हो गई थी.
ब्लैक स्पॉट और उन स्थानों पर हुए हादसों के आंकड़े: वाराणसी स्थित हरहुआ बाजार में 17 हादसों में 8 लोगों की मौत हुई, जबकि 10 घायल हुए. सूजाबाद से रामनगर रास्ते पर 20 हादसों में 5 लोगों की मौत हुई, जबकि 15 घायल हुए. गिलट बाजार से तरना के रास्ते पर 33 हादसों में 19 की मौत हुई, जबकि 28 घायल हुए. विश्वसुंदरी पुल से टेंगरा मोड़ के रास्ते पर 37 हादसों में 30 की मौत हुई, जबकि 12 घायल हुए. मोहनसराय बाइपास पर 9 हादसों में 6 की मौत हुई, जबकि 3 घायल हुए. अमरा अखरी बाइबास पर 12 हादसों में 5 की मौत हुई, जबकि 4 घायल हुए. धमरी पुल पर 7 हादसों में 4 की मौत हुई, जबकि 3 घायल हुए. वहीं चिलबिला में 5 हादसों में 2 की मौत हुई, जबकि 3 घायल हुए.
कैसे बनाया जाता है शहर में ब्लैक स्पॉट: शहर उन स्थानों पर जहां सबसे अधिक सड़क हादसे होते हैं, उन्हें ब्लैक स्पॉट कहा जाता है. पुलिस-प्रशासन ऐसे स्थानों का चुनाव कर उन्हें ब्लैक स्पॉट घोषित करता है. इसमें सड़क, हाईवे, एक्सप्रेस-वे पर अगर तीन साल में एक ही जगह पर 5 हादसे होते हैं तो उसे पुलिस-प्रशासन ब्लैक स्पॉट घोषित कर सकता है. इसके साथ ही अगर तीन साल में एक ही स्थान पर हुए हादसों में 10 मौतें हो जाती हैं तो उस स्थान को ब्लैक स्पॉट घोषित कर दिया जाता है. ब्लैक स्पॉट में हादसे के आसपास का 500 मीटर का एरिया इसके दायरे में आता है. ऐसे में उन स्थानों पर सुरक्षा के इंतजाम भी किए जाते हैं.
यह भी पढ़े-Varanasi Road Accident: ट्रक ने बाइक सवार दो सगे भाइयों को रौंदा, मौके पर ही हुई मौत