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प. बंगाल में अब तक का सबसे लंबा चुनाव, आठ चरणों में डाले जाएंगे वोट - ममता बनर्जी मुख्यमंत्री के रूप में अपना तीसरा कार्यकाल

पश्चिम बंगाल में पहले से ही सवाल उठ रहे हैं कि क्या ममता बनर्जी मुख्यमंत्री के रूप में अपना तीसरा कार्यकाल हासिल करने में कामयाब होंगी. या उनकी दीदी को फिर से कुर्सी पर देखने का तृणमूल कांग्रेस का सपना इस बार भगवा खेमे की लहर में बिखर जाएगा.

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Published : Feb 26, 2021, 11:05 PM IST

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में पहले से ही सवाल उठ रहे हैं कि क्या ममता बनर्जी मुख्यमंत्री के रूप में अपना तीसरा कार्यकाल हासिल करने में कामयाब होंगी. या उनकी दीदी को फिर से कुर्सी पर देखने का तृणमूल कांग्रेस का सपना इस बार भगवा खेमे की लहर में बिखर जाएगा.

यद्यपि चुनाव आयोग ने इस बात पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें बंगाल चुनावों को एक महीने में आठ-चरणों तक लंबा न खींचने का संकेत था. राज्य के राजनीतिक हलकों द्वारा यह माना जा रहा है कि चुनावे के दिन हिंसा की आशंका काफी हद तक है. अन्य विपक्षी दलों को सहित स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए आयोग को ऐसा कठोर कदम उठाने के लिए प्रेरित किया है.

राज्य में अब तक के सबसे लंबे चुनावों की घोषणा करने के अलावा शुक्रवार को चुनाव आयोग ने एक और बड़ा फैसला लिया. जोकि कोलकाता, उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, हावड़ा, पश्चिम मिदनापुर, हुगली और पूर्वी मिदनापुर जैसे बड़े जिलों में मतदान को एक से अधिक चरण में विभाजित करना है. शहर के एक राजनीतिक विश्लेषक ने कहा कि यह पहली बार हुआ है. आमतौर पर हमें एक ही दिन एक जिले के सभी निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव कराने की प्रक्रिया की आदत होती है. इस आठ चरण के मतदान के फैसले ने स्वाभाविक रूप से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को परेशान किया है.

उन्होंने दावा किया कि आठ-चरण का मतदान पश्चिम बंगाल के लोगों का अपमान करना है. उन्होंने कहा कि यह भाजपा नेतृत्व की इच्छा के अनुसार किया गया है. दक्षिण 24 परगना जैसे जिलों के लिए जानबूझकर मतदान को चरणों को विभाजित किया गया है क्योंकि ये जिले हमारे गढ़ हैं. हालांकि हम डरते नहीं हैं क्योंकि हमें बंगाल के लोगों पर विश्वास है. जो लोकतांत्रिक तरीके से इसका जवाब देंगे.

हालांकि भाजपा नेता शामिक भट्टाचार्य ने राज्य में आठ चरण के मतदान कराने के आयोग के फैसले को सही ठहराया, लेकिन इसके लिए कौन जिम्मेदार है? भट्टाचार्य ने कहा कि वर्षों से तृणमूल कांग्रेस ने पूरे राज्य को असामाजिक तत्वों और अवैध कार्य करने वालों के लिए स्वर्ग बना दिया है. इसलिए आयोग ने आठ चरण में मतदान का सही निर्णय लिया है.

कांग्रेस विधायक मनोज चक्रवर्ती बंगाल में अब तक के सबसे लंबे चुनावों के फैसले पर एक कदम आगे निकल गए और कहा कि पश्चिम बंगाल की कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए बेहतर होगा कि आयोग 12 चरण के मतदान कराए. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि शांतिपूर्ण मतदान हो. मतदाता भयभीत न हों और बिना किसी भय के मतदान कर सकें.

यह भी पढ़ें-पांच राज्यों में चुनाव की तारीखों का एलान, देखें पूरा ब्योरा

सीपीआई (एम) पोलित ब्यूरो के सदस्य मोहम्मद सलीम ने भी आठ-चरण के चुनावों के निर्णय की सराहना की. कहा कि आयोग को यह सुनिश्चित करना है कि मतदाताओं को केवल मतदान के दिन ही नहीं बल्कि चुनावों से पहले भी न डराया जा सके.

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में पहले से ही सवाल उठ रहे हैं कि क्या ममता बनर्जी मुख्यमंत्री के रूप में अपना तीसरा कार्यकाल हासिल करने में कामयाब होंगी. या उनकी दीदी को फिर से कुर्सी पर देखने का तृणमूल कांग्रेस का सपना इस बार भगवा खेमे की लहर में बिखर जाएगा.

यद्यपि चुनाव आयोग ने इस बात पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें बंगाल चुनावों को एक महीने में आठ-चरणों तक लंबा न खींचने का संकेत था. राज्य के राजनीतिक हलकों द्वारा यह माना जा रहा है कि चुनावे के दिन हिंसा की आशंका काफी हद तक है. अन्य विपक्षी दलों को सहित स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए आयोग को ऐसा कठोर कदम उठाने के लिए प्रेरित किया है.

राज्य में अब तक के सबसे लंबे चुनावों की घोषणा करने के अलावा शुक्रवार को चुनाव आयोग ने एक और बड़ा फैसला लिया. जोकि कोलकाता, उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, हावड़ा, पश्चिम मिदनापुर, हुगली और पूर्वी मिदनापुर जैसे बड़े जिलों में मतदान को एक से अधिक चरण में विभाजित करना है. शहर के एक राजनीतिक विश्लेषक ने कहा कि यह पहली बार हुआ है. आमतौर पर हमें एक ही दिन एक जिले के सभी निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव कराने की प्रक्रिया की आदत होती है. इस आठ चरण के मतदान के फैसले ने स्वाभाविक रूप से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को परेशान किया है.

उन्होंने दावा किया कि आठ-चरण का मतदान पश्चिम बंगाल के लोगों का अपमान करना है. उन्होंने कहा कि यह भाजपा नेतृत्व की इच्छा के अनुसार किया गया है. दक्षिण 24 परगना जैसे जिलों के लिए जानबूझकर मतदान को चरणों को विभाजित किया गया है क्योंकि ये जिले हमारे गढ़ हैं. हालांकि हम डरते नहीं हैं क्योंकि हमें बंगाल के लोगों पर विश्वास है. जो लोकतांत्रिक तरीके से इसका जवाब देंगे.

हालांकि भाजपा नेता शामिक भट्टाचार्य ने राज्य में आठ चरण के मतदान कराने के आयोग के फैसले को सही ठहराया, लेकिन इसके लिए कौन जिम्मेदार है? भट्टाचार्य ने कहा कि वर्षों से तृणमूल कांग्रेस ने पूरे राज्य को असामाजिक तत्वों और अवैध कार्य करने वालों के लिए स्वर्ग बना दिया है. इसलिए आयोग ने आठ चरण में मतदान का सही निर्णय लिया है.

कांग्रेस विधायक मनोज चक्रवर्ती बंगाल में अब तक के सबसे लंबे चुनावों के फैसले पर एक कदम आगे निकल गए और कहा कि पश्चिम बंगाल की कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए बेहतर होगा कि आयोग 12 चरण के मतदान कराए. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि शांतिपूर्ण मतदान हो. मतदाता भयभीत न हों और बिना किसी भय के मतदान कर सकें.

यह भी पढ़ें-पांच राज्यों में चुनाव की तारीखों का एलान, देखें पूरा ब्योरा

सीपीआई (एम) पोलित ब्यूरो के सदस्य मोहम्मद सलीम ने भी आठ-चरण के चुनावों के निर्णय की सराहना की. कहा कि आयोग को यह सुनिश्चित करना है कि मतदाताओं को केवल मतदान के दिन ही नहीं बल्कि चुनावों से पहले भी न डराया जा सके.

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