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एडिटर्स गिल्ड ने उठाई मांग, पत्रकारों पर दर्ज मुकदमें वापस लिए जाएं

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों से मुकदमें वापस लेने की मांग की है. कुछ पत्रकारों पर आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे जिस पर एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने विरोध जताया.

एडिटर्स गिल्ड
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Published : Jan 30, 2021, 10:17 PM IST

Updated : Jan 31, 2021, 5:02 PM IST

नई दिल्ली : किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों पर आपराधिक मामले दर्ज किए जाने का एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने विरोध किया है. मुकदमें वापस लेने की मांग की है.
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के अध्यक्ष आनंद के सहाय ने कहा ' पूरी दुनिया में किसी भी लोकतंत्रिक देश में देशद्रोह कानून लागू नहीं है. आजादी के दौरान भी जब पत्रकारों के खिलाफ नियम इतने कठोर थे, मुझे याद नहीं है कि किसी पत्रकार पर इसके तहत मामला दर्ज किया गया हो.'
राष्ट्रीय राजधानी में किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा को लेकर नोएडा पुलिस ने गुरुवार को राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडे, जफर आगा, आनंद नाथ, विनोद जोस और परेश नाथ सहित छह पत्रकारों को अन्य आरोपों के लिए देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया.
हरियाणा और मध्य प्रदेश में भी पत्रकारों के खिलाफ इसी तरह की एफआईआर दर्ज की गई हैं. प्राथमिकी में कहा गया है कि उन्होंने गलत खबरें साझा कीं और 26 जनवरी को हिंसा भड़काई.
एडिटर्स गिल्ड ने प्रस्ताव पारित किया और मांग की कि 28 जनवरी को दायर संपादकों और प्रकाशनों के खिलाफ देशद्रोह और हाल के वर्षों में देश के सभी पत्रकारों पर दर्ज एफआईआर को तुरंत वापस लिया जाए.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने कहा, 'अगर आरोप तुरंत नहीं हटाए जाते तो हम इस संबंध में अभियान चलाएंगे. हमारा संघर्ष संविधान के दायरे में होगा.'

पढ़ें- ईटीवी भारत से बोले राकेश टिकैत- गिरफ्तार किसानों को छोड़े सरकार, फिर होगी बातचीत

पत्रकारों की सभा को संबोधित करते हुए राजदीप सरदेसाई ने कहा कि 'हम सभी के लिए एक स्वर में विरोध करने का समय आ गया है. पत्रकारों के खिलाफ देशद्रोह का आरोप अस्वीकार्य है.'

नई दिल्ली : किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों पर आपराधिक मामले दर्ज किए जाने का एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने विरोध किया है. मुकदमें वापस लेने की मांग की है.
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के अध्यक्ष आनंद के सहाय ने कहा ' पूरी दुनिया में किसी भी लोकतंत्रिक देश में देशद्रोह कानून लागू नहीं है. आजादी के दौरान भी जब पत्रकारों के खिलाफ नियम इतने कठोर थे, मुझे याद नहीं है कि किसी पत्रकार पर इसके तहत मामला दर्ज किया गया हो.'
राष्ट्रीय राजधानी में किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा को लेकर नोएडा पुलिस ने गुरुवार को राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडे, जफर आगा, आनंद नाथ, विनोद जोस और परेश नाथ सहित छह पत्रकारों को अन्य आरोपों के लिए देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया.
हरियाणा और मध्य प्रदेश में भी पत्रकारों के खिलाफ इसी तरह की एफआईआर दर्ज की गई हैं. प्राथमिकी में कहा गया है कि उन्होंने गलत खबरें साझा कीं और 26 जनवरी को हिंसा भड़काई.
एडिटर्स गिल्ड ने प्रस्ताव पारित किया और मांग की कि 28 जनवरी को दायर संपादकों और प्रकाशनों के खिलाफ देशद्रोह और हाल के वर्षों में देश के सभी पत्रकारों पर दर्ज एफआईआर को तुरंत वापस लिया जाए.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने कहा, 'अगर आरोप तुरंत नहीं हटाए जाते तो हम इस संबंध में अभियान चलाएंगे. हमारा संघर्ष संविधान के दायरे में होगा.'

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पत्रकारों की सभा को संबोधित करते हुए राजदीप सरदेसाई ने कहा कि 'हम सभी के लिए एक स्वर में विरोध करने का समय आ गया है. पत्रकारों के खिलाफ देशद्रोह का आरोप अस्वीकार्य है.'

Last Updated : Jan 31, 2021, 5:02 PM IST
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