अमरावती: ईडी ने हैदराबाद में केएमसी कंस्ट्रक्शन के कार्यालय पर प्रिवेंटिव मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट-2002 के तहत छापेमारी की. वाईएसआरसीपी विधायक मेकापति विक्रम रेड्डी इसके निदेशक हैं. विक्रम रेड्डी के साथ मेकापति पृथ्वीकुमार रेड्डी और मेकापति श्रीकीर्ति वाईएसआरसीपी के पूर्व सांसद मेकापति राजमोहन रेड्डी की पारिवारिक कंपनी केएमसी में निदेशक हैं.
केएमसी के साथ ईडी ने कोलकाता में जीआईपीएल में भी छापेमारी की. इसके विक्रम रेड्डी निदेशक हैं. एक अन्य कंपनी, भारत रोड नेटवर्क (बीआरएनएल) है. विक्रम रेड्डी आपराधिक साजिश के दोषी: सीबीआई ने केरल में राष्ट्रीय राजमार्ग कार्यों का ठेका लेने वाले विक्रम रेड्डी के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को धोखा देने का मामला दर्ज किया है. उसी के आधार पर ईडी ने ये छापेमारी की.
2006-16 के बीच जीआईपीएल ने पलक्कड़ में एनएच-47 से संबंधित कार्यों के दो पैकेज शुरू किए. तब उस कंपनी के निदेशक के रूप में विक्रम रेड्डी ने एक आपराधिक साजिश रची और एनएचआईए को 102.44 करोड़ रुपये का चूना लगाया. जीआईपीएल और उसके उपठेकेदार केएमसी एनएचएआई के कुछ अधिकारियों ने परियोजना के स्वतंत्र इंजीनियर से धोखाधड़ी करके सड़क परियोजना के पूरा होने का प्रमाण पत्र प्राप्त किया. इसके अलावा उन्होंने उस सड़क पर एक टोल स्थापित किया और लोगों से पैसे वसूल किये. जांच से पता चला कि बस अड्डों को पूरा किए बिना वहां विज्ञापन स्थानों को किराए पर देकर 125.21 करोड़ रुपये का अवैध लाभ कमाया गया.
ईडी ने एक बयान में कहा, 'जीआईपीएल ने एनएचएआई को अधूरे कार्यों से संबंधित राशि जमा किए बिना म्यूचुअल फंड में निवेश किया है. इसलिए हमने जीआईपीएल से संबंधित बैंक खातों में 125.21 करोड़ रुपये की नकदी और सावधि जमा को फ्रीज कर दिया है. हमने पाया कि केएमसी ने उचित मूल्यांकन के बिना और एनएचएआई से उचित अनुमोदन प्राप्त किए बिना जीआईपीएल में अपने 51 प्रतिशत शेयर बीआरएनएल को बेच दिए. इसलिए हमने केएमसी बैंक खातों में 1.37 करोड़ रुपये जब्त करने के आदेश जारी किए हैं.'