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2जी, कॉमनवेल्थ और चिदंबरम मामले की जांच करने वाले ईडी अधिकारी ज्वाइन करेंगे भाजपा, लड़ेंगे चुनाव

ईडी के वरिष्ठ अधिकारी राजेश्वर सिंह भाजपा ज्वाइन कर सकते हैं. उन्होंने सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन दिया है. वह 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामला, 2010 राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन से जुड़ी कथित अनियमितताओं और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के खिलाफ धनशोधन की जांच समेत कुछ महत्वपूर्ण अभियान का नेतृत्व कर चुके हैं.

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Published : Aug 20, 2021, 10:32 PM IST

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कॉन्सेप्ट फोटो

नई दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी राजेश्वर सिंह ने सरकारी सेवा से सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन किया है और उनके भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने तथा उत्तर प्रदेश का आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने की उम्मीद है. आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.

सिंह वर्तमान में लखनऊ में ईडी के जोनल कार्यालय में संयुक्त निदेशक के रूप में तैनात हैं. बी.टेक और पुलिस, मानवाधिकार तथा सामाजिक न्याय में पीएचडी कर चुके सिंह 2009 में उत्तर प्रदेश से प्रतिनियुक्ति पर ईडी से जुड़े. उत्तर प्रदेश में वह राज्य पुलिस सेवा अधिकारी के रूप में कार्यरत थे.

सूत्रों ने बताया कि सिंह ने सरकारी सेवा से सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन किया है. उन्होंने कहा कि संभावना है कि वह उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं और अगले साल राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव भी लड़ सकते हैं. सूत्रों ने कहा कि अभी उनका आवेदन स्वीकृत नहीं हुआ है.

राजेश्वर सिंह की बहन और पेशे से वकील आभा सिंह ने भी ट्विटर पर एक संदेश पोस्ट कर रहा, 'देश की सेवा करने की खातिर जल्दी सेवानिवृत्ति लेने के लिए मेरे भाई राजेश्वर सिंह को बधाई. देश को आपकी जरूरत है.' आभा सिंह मुंबई में रहती हैं.

उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर के रहने वाले राजेश्वर सिंह को 2015 में स्थायी रूप से ईडी कैडर में शामिल कर लिया गया था. उन्होंने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामला, 2010 राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन से जुड़ी कथित अनियमितताओं और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के खिलाफ धनशोधन की जांच समेत कुछ महत्वपूर्ण अभियान का नेतृत्व किया.

कई बार वह विवादों में भी फंस चुके हैं. जून, 2018 में केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने उच्चतम न्यायालय को एक गुप्त रिपोर्ट सौंपी थी जिसमें संभवत: दुबई से सिंह को आई एक फोन कॉल का विवरण था. बताया जाता है कि यह रिपोर्ट बाह्य खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) द्वारा तैयार की गई और वित्त मंत्रालय में राजस्व विभाग को सौंप दी गई, जिसके तहत ईडी कार्य करता है. तत्कालीन ईडी निदेशक करनाल सिंह ने एक प्रेस बयान जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि सिंह के पास विदेश से आयी कॉल एक मौजूदा जांच से संबंधित थी और वह उत्कृष्ट कैरियर रिकॉर्ड वाले एक जिम्मेदार अधिकारी हैं.

सिंह के खिलाफ कुछ अन्य कथित अनियमितताओं के आरोपों की ईडी, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) द्वारा जांच की गई थी, और अदालत को एक रिपोर्ट भेजी गई थी जिसमें कहा गया था कि आरोपों में कोई दम नहीं था और इसलिए जांच बंद कर दी गई.

पुलिस में अपने कार्यकाल के दौरान कई मुठभेड़ों को अंजाम देने वाले सिंह की शादी भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की अधिकारी लक्ष्मी सिंह से हुई है जो वर्तमान में लखनऊ रेंज के महानिरीक्षक के रूप में कार्यरत हैं.

नई दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी राजेश्वर सिंह ने सरकारी सेवा से सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन किया है और उनके भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने तथा उत्तर प्रदेश का आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने की उम्मीद है. आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.

सिंह वर्तमान में लखनऊ में ईडी के जोनल कार्यालय में संयुक्त निदेशक के रूप में तैनात हैं. बी.टेक और पुलिस, मानवाधिकार तथा सामाजिक न्याय में पीएचडी कर चुके सिंह 2009 में उत्तर प्रदेश से प्रतिनियुक्ति पर ईडी से जुड़े. उत्तर प्रदेश में वह राज्य पुलिस सेवा अधिकारी के रूप में कार्यरत थे.

सूत्रों ने बताया कि सिंह ने सरकारी सेवा से सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन किया है. उन्होंने कहा कि संभावना है कि वह उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं और अगले साल राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव भी लड़ सकते हैं. सूत्रों ने कहा कि अभी उनका आवेदन स्वीकृत नहीं हुआ है.

राजेश्वर सिंह की बहन और पेशे से वकील आभा सिंह ने भी ट्विटर पर एक संदेश पोस्ट कर रहा, 'देश की सेवा करने की खातिर जल्दी सेवानिवृत्ति लेने के लिए मेरे भाई राजेश्वर सिंह को बधाई. देश को आपकी जरूरत है.' आभा सिंह मुंबई में रहती हैं.

उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर के रहने वाले राजेश्वर सिंह को 2015 में स्थायी रूप से ईडी कैडर में शामिल कर लिया गया था. उन्होंने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामला, 2010 राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन से जुड़ी कथित अनियमितताओं और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के खिलाफ धनशोधन की जांच समेत कुछ महत्वपूर्ण अभियान का नेतृत्व किया.

कई बार वह विवादों में भी फंस चुके हैं. जून, 2018 में केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने उच्चतम न्यायालय को एक गुप्त रिपोर्ट सौंपी थी जिसमें संभवत: दुबई से सिंह को आई एक फोन कॉल का विवरण था. बताया जाता है कि यह रिपोर्ट बाह्य खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) द्वारा तैयार की गई और वित्त मंत्रालय में राजस्व विभाग को सौंप दी गई, जिसके तहत ईडी कार्य करता है. तत्कालीन ईडी निदेशक करनाल सिंह ने एक प्रेस बयान जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि सिंह के पास विदेश से आयी कॉल एक मौजूदा जांच से संबंधित थी और वह उत्कृष्ट कैरियर रिकॉर्ड वाले एक जिम्मेदार अधिकारी हैं.

सिंह के खिलाफ कुछ अन्य कथित अनियमितताओं के आरोपों की ईडी, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) द्वारा जांच की गई थी, और अदालत को एक रिपोर्ट भेजी गई थी जिसमें कहा गया था कि आरोपों में कोई दम नहीं था और इसलिए जांच बंद कर दी गई.

पुलिस में अपने कार्यकाल के दौरान कई मुठभेड़ों को अंजाम देने वाले सिंह की शादी भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की अधिकारी लक्ष्मी सिंह से हुई है जो वर्तमान में लखनऊ रेंज के महानिरीक्षक के रूप में कार्यरत हैं.

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