नई दिल्ली/जालंधर : पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Former Punjab chief minister Charanjit Singh Channi) से प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने राज्य में एक कथित रेत खनन मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में छह घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की. अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी. 59 वर्षीय कांग्रेस नेता जालंधर में स्थित प्रवर्तन निदेशालय के क्षेत्रीय कार्यालय से बुधवार रात धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अपना बयान दर्ज करवा कर बाहर निकले.
इसी मामले में चन्नी के भतीजे भूपिंदर सिंह उर्फ हनी को ईडी ने पंजाब विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले 20 फरवरी को गिरफ्तार किया था. इस महीने की शुरुआत में उनके और इस मामले में नामजद अन्य लोगों के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया गया है. सूत्रों के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय ने चन्नी को पहले भी कई बार समन भेजे थे. ईडी के अधिकारियों ने चन्नी से हनी और अन्य लोगों के साथ उनके संबंधों और मुख्यमंत्री कार्यालय में उनके भतीजे की कुछ यात्राओं के बारे में पूछताछ की. साथ ही सूत्रों के मुताबिक उनसे राज्य में अवैध बालू खनन अभियान के तहत कुछ अधिकारियों के तबादले और पदस्थापना के आरोपों के बारे में भी पूछताछ की गई.
गौरतलब है कि चन्नी ने 10 मार्च को पंजाब विधानसभा चुनाव की मतगणना के बाद राज्य के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था क्योंकि आम आदमी पार्टी (आप) ने इन चुनावों में जीत हासिल की थी. कांग्रेस नेता चन्नी दोनों विधानसभा सीटों - चमकौर साहिब और भदौर से भी चुनाव हार गए थे. इस मामले में ईडी की कार्रवाई 18 जनवरी को हनी और अन्य के खिलाफ छापेमारी के बाद शुरू हुई थी. हनी के परिसर से ईडी ने लगभग 7.9 करोड़ रुपये नकद और संदीप कुमार नामक एक व्यक्ति से लगभग 2 करोड़ रुपये जब्त किए थे.
ईडी के अधिकारियों ने कहा था कि उन्होंने तलाशी के दौरान कुदरतदीप सिंह, भूपिंदर सिंह (हनी), हनी के पिता संतोख सिंह और संदीप कुमार के बयान दर्ज किए और यह 'पता चला' कि जब्त 10 करोड़ रुपये भूपिंदर सिंह पुत्र संतोख सिंह के थे.' ईडी ने एक बयान में दावा किया था, 'इसके अलावा, भूपिंदर सिंह ने स्वीकार किया कि उन्हें रेत खनन कार्यों और अधिकारियों के स्थानांतरण व पदस्थापना में मदद के बदले में जब्त की गई नकदी प्राप्त हुई थी.'
एजेंसी के अनुसार, हनी अपनी गिरफ्तारी से पहले पूछताछ के लिए उनके सामने पेश हुआ था. उसने अपना बयान दिया था, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ हनी ने कहा था कि वह खनन से संबंधित गतिविधियों में शामिल है, लेकिन कुछ अहम सवालों पर उसने टालमटोल का रुख अपनाया. हनी, कुदरतदीप सिंह और संदीप कुमार 'प्रोवाइडर्स ओवरसीज कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड' नामक एक कंपनी के निदेशक बताए जाते हैं, जिस पर जनवरी में प्रवर्तन निदेशालय ने छापा मारा था.
ईडी ने पिछले साल नवंबर में पंजाब पुलिस (राहोन पुलिस स्टेशन, शहीद भगत सिंह नगर) की 2018 की प्राथमिकी का संज्ञान लेने के बाद धनशोधन का मामला दर्ज किया था, जिसमें भारतीय दंड संहिता और (विकास का विनियमन) अधिनियम, 1957 की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए थे.
पढ़ें- Sand Mining Case: पूर्व सीएम चन्नी के भतीजे के खिलाफ चार्जशीट दाखिल