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ED ने तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री के सचिव के बेटे, प्रवीण जाफर व अन्य की संपत्ति कुर्क की - Rajamanickam Secretary to Tamil Nadu ex CM

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अवैध रूप से मकानों के आवंटन के मामले में सेवानिवृत्त आईपीएस एम. एस जाफर सैत की पत्नी परवीन जाफर, तमिलनाडु के तत्कालीन सीएम के पूर्व सचिव राजमणिक्कम के बेटे आर दुर्गाशंकर और चेन्नई के लैंडमार्क कंस्ट्रक्शन के मालिक टी उदयकुमार की कुल 14.23 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की.

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Published : Nov 9, 2022, 3:57 PM IST

Updated : Nov 9, 2022, 7:21 PM IST

चेन्नई : तमिलनाडु में सरकारी भूखंडों के आवंटन में कथित अनियमितताओं से जुड़े एक मामले में राज्य के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी के. राजमणिक्कम के बेटे, पूर्व आईपीएस अधिकारी एस जाफर सैत की पत्नी और एक रियल एस्टेट डेवलपर की संपत्ति धनशोधन रोधी कानून के तहत कुर्क की गई है. यह जानकारी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को दी. राजमणिक्कम ने दिवंगत मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि के सचिव के रूप में कार्य किया था.

धनशोधन का मामला सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (डीवीएसी) द्वारा 2011 में उपरोक्त नौकरशाहों सहित सात व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी से उपजा है. प्रवर्तन निदेशालय ने एक बयान में कहा कि तमिलनाडु पुलिस के गुप्तचर विभाग के पूर्व महानिरीक्षक एस जाफर सैत की पत्नी प्रवीण जाफर, राजमणिकम के बेटे आर. दुर्गाशंकर और चेन्नई के लैंडमार्क कंस्ट्रक्शन के मालिक टी. उदयकुमार के खिलाफ एक अस्थायी आदेश जारी किया गया है. सैत तमिलनाडु अग्निशमन और बचाव सेवाओं के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के पद से पिछले साल सेवानिवृत्त हुए थे. संघीय एजेंसी ने कहा कि कुर्क की गई संपत्तियों का कुल मूल्य 14.23 करोड़ रुपये है.

डीवीएसी ने दो नौकरशाहों, उनके परिवार के सदस्यों और रियल एस्टेट व्यवसायी के अलावा, तमिलनाडु हाउसिंग बोर्ड के कार्यकारी अभियंता के मुरुगैया और तमिलनाडु के आवास एवं शहरी विकास के पूर्व मंत्री आई पेरियासामी के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है. जांच में पाया गया कि पेरियासामी द्वारा सरकारी विवेकाधीन कोटा (जीडीक्यू) भूखंडों का गलत आवंटन किया गया था.

ईडी ने कहा, "जीडीक्यू के तहत जाफर सैत को एक आवासीय भूखंड आवंटित किया गया था जबकि वह इस तरह के आवंटन के लिए पात्र नहीं थे और तत्कालीन मुख्यमंत्री एम करुणानिधि के सचिव राजमणिकम ने जीडीक्यू के मानदंडों का उल्लंघन करते हुए अपने बेटे आर दुर्गाशंकर को सटा हुआ भूखंड आवंटित कराया था." उसने आरोप लगाया कि प्रवीण जाफर और आर दुर्गाशंकर ने उदयकुमार (लैंड मार्क कंस्ट्रक्शन) के साथ संयुक्त भूमि के संयुक्त विकास के लिए एक समझौता किया. ईडी ने आरोप लगाया कि उदयकुमार ने "यह अच्छी तरह से जानते हुए भी कि उसे वित्तपोषित किया कि संयुक्त विकास समझौते के दिन आवंटी उसके मालिक नहीं थे.

ईडी ने आरोप लगाया कि उदयकुमार से प्राप्त उक्त धन का उपयोग परवीन जाफर और आर दुर्गाशंकर द्वारा तमिलनाडु हाउसिंग बोर्ड द्वारा अवैध रूप से आवंटित भूखंडों की कीमत का भुगतान करने के लिए किया गया था. ईडी ने आरोप लगाया कि प्रवीण जाफर, आर दुर्गाशंकर और टी उदयकुमार ने उक्त आवंटित भूखंडों पर एक बहु-मंजिला अपार्टमेंट बनाकर बड़ी मात्रा में अपराध की आय अर्जित की और फ्लैटों को आम जनता को बेचकर पैसे की वसूली की.

(पीटीआई-भाषा)

चेन्नई : तमिलनाडु में सरकारी भूखंडों के आवंटन में कथित अनियमितताओं से जुड़े एक मामले में राज्य के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी के. राजमणिक्कम के बेटे, पूर्व आईपीएस अधिकारी एस जाफर सैत की पत्नी और एक रियल एस्टेट डेवलपर की संपत्ति धनशोधन रोधी कानून के तहत कुर्क की गई है. यह जानकारी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को दी. राजमणिक्कम ने दिवंगत मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि के सचिव के रूप में कार्य किया था.

धनशोधन का मामला सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (डीवीएसी) द्वारा 2011 में उपरोक्त नौकरशाहों सहित सात व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी से उपजा है. प्रवर्तन निदेशालय ने एक बयान में कहा कि तमिलनाडु पुलिस के गुप्तचर विभाग के पूर्व महानिरीक्षक एस जाफर सैत की पत्नी प्रवीण जाफर, राजमणिकम के बेटे आर. दुर्गाशंकर और चेन्नई के लैंडमार्क कंस्ट्रक्शन के मालिक टी. उदयकुमार के खिलाफ एक अस्थायी आदेश जारी किया गया है. सैत तमिलनाडु अग्निशमन और बचाव सेवाओं के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के पद से पिछले साल सेवानिवृत्त हुए थे. संघीय एजेंसी ने कहा कि कुर्क की गई संपत्तियों का कुल मूल्य 14.23 करोड़ रुपये है.

डीवीएसी ने दो नौकरशाहों, उनके परिवार के सदस्यों और रियल एस्टेट व्यवसायी के अलावा, तमिलनाडु हाउसिंग बोर्ड के कार्यकारी अभियंता के मुरुगैया और तमिलनाडु के आवास एवं शहरी विकास के पूर्व मंत्री आई पेरियासामी के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है. जांच में पाया गया कि पेरियासामी द्वारा सरकारी विवेकाधीन कोटा (जीडीक्यू) भूखंडों का गलत आवंटन किया गया था.

ईडी ने कहा, "जीडीक्यू के तहत जाफर सैत को एक आवासीय भूखंड आवंटित किया गया था जबकि वह इस तरह के आवंटन के लिए पात्र नहीं थे और तत्कालीन मुख्यमंत्री एम करुणानिधि के सचिव राजमणिकम ने जीडीक्यू के मानदंडों का उल्लंघन करते हुए अपने बेटे आर दुर्गाशंकर को सटा हुआ भूखंड आवंटित कराया था." उसने आरोप लगाया कि प्रवीण जाफर और आर दुर्गाशंकर ने उदयकुमार (लैंड मार्क कंस्ट्रक्शन) के साथ संयुक्त भूमि के संयुक्त विकास के लिए एक समझौता किया. ईडी ने आरोप लगाया कि उदयकुमार ने "यह अच्छी तरह से जानते हुए भी कि उसे वित्तपोषित किया कि संयुक्त विकास समझौते के दिन आवंटी उसके मालिक नहीं थे.

ईडी ने आरोप लगाया कि उदयकुमार से प्राप्त उक्त धन का उपयोग परवीन जाफर और आर दुर्गाशंकर द्वारा तमिलनाडु हाउसिंग बोर्ड द्वारा अवैध रूप से आवंटित भूखंडों की कीमत का भुगतान करने के लिए किया गया था. ईडी ने आरोप लगाया कि प्रवीण जाफर, आर दुर्गाशंकर और टी उदयकुमार ने उक्त आवंटित भूखंडों पर एक बहु-मंजिला अपार्टमेंट बनाकर बड़ी मात्रा में अपराध की आय अर्जित की और फ्लैटों को आम जनता को बेचकर पैसे की वसूली की.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Nov 9, 2022, 7:21 PM IST
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