नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने धन शोधन रोकथाम मामले (money laundering prevention case) में केरल के कोझिकोट हवाई अड्डे से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Popular Front of India) के एक सदस्य को गिरफ्तार किया है. जानकारी के मुताबिक ईडी के अधिकारियों ने शुक्रवार को अब्दुल रज्जाक नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया है.
करीबी सूत्रों ने कहा कि रज्जाक विदेश भागने की कोशिश कर रहा था जब उसे पकड़ा गया. एक सूत्र ने कहा कि पहले उसे लखनऊ ले जाया गया. उसे संबंधित लखनऊ की अदालत में पेश किया गया, जिसने उसे ट्रांजिट रिमांड पर ईडी के पास भेज दिया. फिर उसे दिल्ली लाया गया, जहां ईडी के अधिकारी उससे पूछताछ कर रहे हैं. हाथरस की घटना के बाद ईडी ने पीएफआई और उसके सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. इस मामले में पहले चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
रज्जाक मामले से जुड़ा बताया जा रहा है. हाथरस का मामला सितंबर 2020 में 19 वर्षीय दलित लड़की के साथ चार उच्च जाति के पुरुषों द्वारा सामूहिक बलात्कार से संबंधित है. कुछ दिनों बाद उसने दम तोड़ दिया. पीएफआई केरल के स्टेट प्रेसीडेंट सीपी मोहम्मद बशीर (CP Mohd Basheer, State President of PFI Kerala) ने एक बयान में कहा कि ईडी अधिकारी उसे बलि का बकरा बनाने के लिए जानबूझकर गिरफ्तार किये हैं. ईडी का भ्रामक कार्य अत्यधिक निंदनीय है और ईडी के तौर-तरीकों पर प्रकाश डालता है.
दिसंबर की छापेमारी के बाद ईडी ने एक बयान जारी कर कहा था कि जब्त दस्तावेज केरल में विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से पीएफआई की मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों के बारे में संकेत देते हैं, जिसमें मुन्नार विला विस्टा परियोजना भी शामिल है, जिसे पीएफआई नेताओं द्वारा भारत और विदेशों में उत्पन्न अपराध की आय को कम करने के लिए बनाया जा रहा है.
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पीएफआई नामक इस्लामिक संगठन का गठन 2006 में केरल में हुआ था और इसका मुख्यालय दिल्ली में है. ईडी ने देश में नागरिकता विरोधी (संशोधन) अधिनियम के विरोध को हवा देने के आरोप में पीएफआई के कथित वित्तीय लिंक की जांच कर रहा है. फरवरी 2020 में दिल्ली में हुए दंगे और कुछ अन्य उदाहरण हैं. उत्तर प्रदेश के हाथरस में 2020 में एक दलित महिला के कथित सामूहिक बलात्कार और मौत के बाद सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने और दंगे भड़काने के लिए भी कथित अवैध धन के संबंध में उनकी भूमिका एजेंसी की जांच के दायरे में है. ईडी ने इस मामले में पिछले साल फरवरी में लखनऊ की एक अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी.