बोनगांव: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने राशन घोटाले में 17 घंटे की लंबी तलाशी के बाद शनिवार को बोनगांव नगर पालिका के अध्यक्ष शंकर आध्या को गिरफ्तार कर लिया. उसे रात 12.32 बजे उसके घर से हिरासत में लिया गया. ईडी की छापेमारी शुक्रवार सुबह 7.30 बजे शुरू हुई और रात 12.15 बजे तक जारी रही.
जांच एजेंसी ने टीएमसी के कद्दावर नेता शाहजहां शेख को शुक्रवार को संदेशखली में गिरफ्तार किया. हालांकि इससे पहले जांच एजेंसी के अधिकारियों को उसके समर्थकों के विरोध का सामना करना पड़ा. जांच अधिकारियों पर छापेमारी के दौरान शेख के वफादार समर्थकों द्वार हमला किया गया था. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने घटना की निंदा की. वहीं, शुक्रवार को पीड़ित ईडी अधिकारियों से मुलाकात भी की.
हालाँकि, जांच एजेंसी के अधिकारी आध्या के समर्थकों के निशाने पर थे. उन्होंने रास्ते में उसका सामना किया. उन पर खतरनाक सामग्रियों से हमला किया गया और सीआरपीएफ जवानों द्वारा जवाबी कार्रवाई करने से पहले उन्होंने उनकी कारों पर गोलीबारी भी की. आध्या को कोलकाता के साल्ट लेक स्थित सीजीओ कॉम्प्लेक्स में लाया गया. हालांकि, आध्या की पत्नी ने अपने पति की गिरफ्तारी के पीछे साजिश की आशंका क रोना रोया. उन्होंने कहा, 'हम जांच में सहयोग कर रहे हैं लेकिन गिरफ्तारी से घबरा गए हैं.'
संयोग से ममता बनर्जी के मंत्रिमंडल के एक वरिष्ठ सदस्य ज्योतिप्रिय मल्लिक को घोटाले में उनकी कथित संलिप्तता के लिए पहले गिरफ्तार किया गया था. इस बीच, शनिवार को संदेशखाली में हुए बवाल पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राज्य मंत्री शशि पांजा ने कहा कि अगर सरकार को सूचित किया गया होता, तो यह घटना टाल दी गई होती. उन्होंने विपक्षी नेताओं को बदनाम करने के लिए जांच एजेंसियों का इस्तेमाल करने के लिए केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार को भी दोषी ठहराया.