मैसूर : शहर में स्थित रक्षा खाद्य शोध प्रयोगशाला (DFRL) ने पर्यावरण के अनुकूल प्लास्टिक तैयार किया है. इस बैग विशेषता है कि यह मिट्टी में आसानी से न केवल घुल जाता है बल्कि इस बैग में 5 किलो तक का भारी सामान भी ले जाया जा सकता है.
इस बैग को प्राकृतिक रूप से उपलब्ध पॉली लैक्टिक एसिड पॉलीपेट से बनाया गया है. इसे लंच प्लेट, चम्मच और खाने के पैक एक ही तकनीक से तैयार किया जाता है. इतना ही नहीं बायो डिग्रेडेबल बैग प्लास्टिक बैग की तरह दिखता है लेकिन 180 दिनों में पूरी तरह से घुल जाता है. बताया गया है कि डॉ. जानसी जॉर्ज, डॉ. एम. पॉल मुरुगन और डॉ. वासुदेवन के नेतृत्व में 15 वैज्ञानिकों की एक टीम पर्यावरण के अनुकूल प्लास्टिक बैग को लेकर 5 साल का शोध कर रही है.
आमतौर पर 5 किलो वजन के कपड़े के एक बैग की कीमत 10 से 15 रुपये होगी लेकिन डीएफआरएल द्वारा बनाए गए प्लास्टिक बैग की कीमत महज 2 रुपये है. इसी क्रम में चामुंडी हिल में प्रसाद वितरण के लिए 5000 से अधिक बैग का वितरण किया गया है. साथ ही जन जागरूकता बढ़ाने का भी काम किया गया है. इन बैगों को निकट भविष्य में नंजनगुड के श्रीकांतेश्वर मंदिर, श्रीरंगपट्टन रंगनाथ स्वामी मंदिर और अन्य मंदिरों को देने की योजना है.
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