हैदराबाद : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की राह आसान होती दिख रही है. जल्द ही बंगाल में उपचुनाव कराने पर चुनाव आयोग फैसला ले सकता है. मंगलवार को चुनाव आयोग (Election Commission) ने तमिलनाडु से राज्यसभा की खाली सीट भरने के लिए 13 सितंबर को उपचुनाव कराने की घोषणा कर दी है.
उपचुनाव के लिए अधिसूचना 24 अगस्त को जारी की जाएगी. तमिलनाडु की राज्यसभा सीट इस साल 23 मार्च को अन्नाद्रमुक सदस्य ए मोहम्मदजान (A Mohammedjan) की मृत्यु के बाद खाली हुई थी. मोहम्मदजान का कार्यकाल 24 जुलाई 2025 को समाप्त होना था. तमिलनाडु उपचुनाव पर ईसी के फैसले के बाद माना जा रहा है कि बंगाल में भी उपचुनाव की तारीख का एलान जल्द किया जा सकता है. ममता बनर्जी को 5 नवंबर तक विधायक बनना होगा.
ईसी ने चुनाव कराने पर मांगी है राजनीतिक दलों की राय
भारत निर्वाचन आयोग ने बीते दिनों सभी राजनीतिक दलों को पत्र लिखकर पश्चिम बंगाल में कोविड दिशानिर्देशों का पालन करते हुए उपचुनाव के लिए प्रचार करने के संबंध में राय मांगी थी. राजनीतिक दलों को 30 अगस्त तक अपने विचार चुनाव आयोग को भेजने को कहा गया है. इससे यह स्पष्ट होता है कि चुनाव आयोग राज्य में उपचुनाव की तैयारी कर रहा है.
हालांकि चुनाव आयोग ने आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा और उल्लेख किया कि महामारी की स्थिति के बीच चुनाव के लिए तैयार होना एक नियमित अभ्यास है, लेकिन चुनाव पैनल के अधिकारियों की राय है कि यदि उपचुनाव की प्रक्रिया नवंबर से पहले पूरा होना है, आयोग को सितंबर के अंत तक उपचुनाव कराने होंगे.
मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'दुर्गा पूजा अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में है और उससे पहले राज्य उत्सव के मौसम में प्रवेश करेगा, जो अक्टूबर के अंत तक ही समाप्त हो जाएगा. आयोग नवंबर में चुनाव कराने के लिए तैयार नहीं होगा, क्योंकि सर्दियों में बहुत सारी लॉजिस्टिक और तकनीकी समस्याएं होंगी.' उपचुनाव कराने के लिए लगातार दबाव बनाने वाली मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी कहा था कि, 'हम समय पर अपनी राय भेजेंगे. हम लंबे समय से उपचुनाव कराने के लिए कह रहे हैं.'
ममता को 5 नवंबर तक विधायक बनना होगा
गौरतलब है कि ममता बनर्जी को उनके ही पुराने सिपहसालार भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने हराया था. ममता ने नंदीग्राम सीट से हुए चुनाव को कोर्ट में चुनौती दी है, लेकिन इस मामले की अगली तारीख 15 नवंबर तय कर दी. ऐसे में उनके सामने और कोई भी विकल्प नहीं बचा है. ममता को 5 नवंबर तक विधायक बनना होगा. टीएमसी बार-बार चुनाव आयोग से गुहार लगा रही है कि खाली सीटों पर उपचुनाव करवाए जाएं, लेकिन आयोग कोरोना महामारी का हवाला देकर चुनाव की तारीखों का एलान नहीं कर रहा है.
नंदीग्राम से हारी थीं ममता
आपको बता दें कि ममता बनर्जी की पारंपरिक सीट भवानीपुर रही है, लेकिन इस बार उन्होंने शुभेंदु का मुकाबला करने के लिए नंदीग्राम सीट को चुना था. भवानीपुर से टीएमसी के शोभनदेव चट्टोपाध्याय विधायक बने थे. वे यहां से इस्तीफा दे चुके हैं. माना जा रहा है कि ममता इसी सीट से चुनाव लड़ेंगी. ममता और उनकी पार्टी टीएमसी का आरोप है कि चुनाव आयोग भाजपा के दबाव में उपचुनाव कराने का फैसला नहीं ले रहा है.
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