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राष्ट्रपति चुनाव के पर्यवेक्षकों को प्रासंगिक वैधानिक प्रावधानों से अवगत होना चाहिए: EC

राष्ट्रपति चुनाव (presidential election) के लिए चुनाव आयोग ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सहित राज्य विधानसभा सचिवालयों को नामित मतपेटियों, मतपत्रों, विशेष पेन और अन्य सीलबंद चुनाव सामग्री का वितरण और प्रेषण शुरू कर दिया है.

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Published : Jul 12, 2022, 3:38 PM IST

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राष्ट्रपति चुनाव

नई दिल्ली : मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार और निर्वाचन आयुक्त अनूप चंद्र पांडे ने सोमवार को कहा कि पर्यवेक्षकों को 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से संबंधित सभी प्रासंगिक वैधानिक प्रावधानों और निर्देशों की जानकारी होनी चाहिए. चुनाव के लिए तैनात किए जाने वाले पर्यवेक्षकों को संबोधित करते हुए राजीव कुमार और पांडे ने कहा कि चुनाव के सुचारु संचालन को सुनिश्चित करने की उनकी पूरी जिम्मेदारी है.

राज्यों के एआरओ से बात करते हुए सीईसी राजीव कुमार ने जोर देकर कहा कि पोल बॉडी टीमों द्वारा प्रक्रियाओं का सख्ती से पालन करना, त्रुटि मुक्त चुनाव कराने की पहचान बन गया है. निर्वाचन आयोग ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि ये पर्यवेक्षक केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी हैं, जिन्हें राज्यों की विधानसभा और संसद भवन के 30 मतदान स्थलों में से प्रत्येक पर तैनात किया जाना है. निर्वाचित सांसद और निर्वाचित विधायक निर्वाचक मंडल का सदस्य होते हैं, जो राष्ट्रपति का चुनाव करता है. इस चुनाव में विधान पार्षद को वोट देने का अधिकार नहीं है.

आयोग ने आज से 30 स्थानों पर मतपत्रों और मतपेटियों सहित मतदान सामग्री भेजना शुरू किया. दिल्ली और पुडुचेरी विधानसभाओं वाले दो केंद्र शासित प्रदेश हैं, जहां विधायक मतदान करेंगे. गौरतलब है कि राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया में बैलेट बॉक्स की प्रमुख भूमिका होती है. क्योंकि इसके जरिए दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के सर्वोच्च पद के भाग्य का फैसला होता है. यही वजह है कि बैलेट बॉक्स के परिवहन, भंडारण और उपयोग के दौरान विशेष सावधानी बरती जाती है. जब ये बैलेट बॉक्स विमान से भेजे जाते हैं तो व्यक्तिगत पर्यवेक्षण के तहत सामग्री का परिवहन करने वाले अधिकारी की सीट के बगल में 'मिस्टर बैलेट बॉक्स' के नाम से सीट बुक की जाती है.

37 पर्यवेक्षक नियुक्त : 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले, मतदान और मतगणना की व्यवस्था की निगरानी के लिए 37 पर्यवेक्षकों को भी नियुक्त किया गया है. इससे पहले 11 जुलाई को इन पर्यवेक्षकों की एक ब्रीफिंग मीटिंग भी आयोजित की गई थी. पर्यवेक्षक भारत सरकार के अपर सचिव/संयुक्त सचिव स्तर के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं. आयोग ने राज्य/संघ राज्य क्षेत्र विधान सभाओं में मतदान के 30 स्थानों में से प्रत्येक पर मतदान की निगरानी के लिए एक पर्यवेक्षक और संसद भवन के लिए 2 पर्यवेक्षक तैनात किए हैं.

पढ़ें- Presidential Election 2022: शिवसेना NDA कैंडीडेट द्रौपदी मुर्मू का करेगी समर्थन

नई दिल्ली : मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार और निर्वाचन आयुक्त अनूप चंद्र पांडे ने सोमवार को कहा कि पर्यवेक्षकों को 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से संबंधित सभी प्रासंगिक वैधानिक प्रावधानों और निर्देशों की जानकारी होनी चाहिए. चुनाव के लिए तैनात किए जाने वाले पर्यवेक्षकों को संबोधित करते हुए राजीव कुमार और पांडे ने कहा कि चुनाव के सुचारु संचालन को सुनिश्चित करने की उनकी पूरी जिम्मेदारी है.

राज्यों के एआरओ से बात करते हुए सीईसी राजीव कुमार ने जोर देकर कहा कि पोल बॉडी टीमों द्वारा प्रक्रियाओं का सख्ती से पालन करना, त्रुटि मुक्त चुनाव कराने की पहचान बन गया है. निर्वाचन आयोग ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि ये पर्यवेक्षक केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी हैं, जिन्हें राज्यों की विधानसभा और संसद भवन के 30 मतदान स्थलों में से प्रत्येक पर तैनात किया जाना है. निर्वाचित सांसद और निर्वाचित विधायक निर्वाचक मंडल का सदस्य होते हैं, जो राष्ट्रपति का चुनाव करता है. इस चुनाव में विधान पार्षद को वोट देने का अधिकार नहीं है.

आयोग ने आज से 30 स्थानों पर मतपत्रों और मतपेटियों सहित मतदान सामग्री भेजना शुरू किया. दिल्ली और पुडुचेरी विधानसभाओं वाले दो केंद्र शासित प्रदेश हैं, जहां विधायक मतदान करेंगे. गौरतलब है कि राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया में बैलेट बॉक्स की प्रमुख भूमिका होती है. क्योंकि इसके जरिए दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के सर्वोच्च पद के भाग्य का फैसला होता है. यही वजह है कि बैलेट बॉक्स के परिवहन, भंडारण और उपयोग के दौरान विशेष सावधानी बरती जाती है. जब ये बैलेट बॉक्स विमान से भेजे जाते हैं तो व्यक्तिगत पर्यवेक्षण के तहत सामग्री का परिवहन करने वाले अधिकारी की सीट के बगल में 'मिस्टर बैलेट बॉक्स' के नाम से सीट बुक की जाती है.

37 पर्यवेक्षक नियुक्त : 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले, मतदान और मतगणना की व्यवस्था की निगरानी के लिए 37 पर्यवेक्षकों को भी नियुक्त किया गया है. इससे पहले 11 जुलाई को इन पर्यवेक्षकों की एक ब्रीफिंग मीटिंग भी आयोजित की गई थी. पर्यवेक्षक भारत सरकार के अपर सचिव/संयुक्त सचिव स्तर के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं. आयोग ने राज्य/संघ राज्य क्षेत्र विधान सभाओं में मतदान के 30 स्थानों में से प्रत्येक पर मतदान की निगरानी के लिए एक पर्यवेक्षक और संसद भवन के लिए 2 पर्यवेक्षक तैनात किए हैं.

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