हैदराबाद : तेलंगाना चुनाव से पहले केंद्रीय चुनाव आयोग (EC) ने एक अहम फैसला लिया है. उसने सहायता वितरण के लिए 'रायथुबंधु' की अनुमति वापस ले ली है. इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं. EC ने तीन दिन पहले तेलंगाना सरकार को इस महीने की 28 तारीख से पहले रायथु बंधु को वितरित करने की अनुमति दी थी.
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BRS writes to the Election Commission of India requesting them to reconsider the withdrawal of its permission given to the Telangana government to disburse the financial assistance under Rythu Bandhu scheme. pic.twitter.com/tfDU9Ld1q2
— ANI (@ANI) November 27, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) November 27, 2023BRS writes to the Election Commission of India requesting them to reconsider the withdrawal of its permission given to the Telangana government to disburse the financial assistance under Rythu Bandhu scheme. pic.twitter.com/tfDU9Ld1q2
— ANI (@ANI) November 27, 2023
बीआरएस ने भारत के चुनाव आयोग को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि वह रायथु बंधु योजना के तहत वित्तीय सहायता वितरित करने के लिए तेलंगाना सरकार को दी गई अपनी अनुमति को वापस लेने पर पुनर्विचार करें.
ईसी के आदेश में कहा गया कि निर्णय वापस ले लिया गया क्योंकि इसने चुनाव संहिता के संदर्भ में नियमों का उल्लंघन किया. चुनाव आयोग ने पहले ही शर्त लगा दी थी कि चुनाव प्रचार बैठकों में रायथुबंधु का उल्लेख नहीं किया जाना चाहिए. हालांकि हाल ही में चुनाव आयोग ने यह कहते हुए अनुमति देने से इनकार कर दिया कि रायथुबंधु पर मंत्री हरीश राव की टिप्पणी चुनाव नियमों के खिलाफ थी.
केंद्रीय चुनाव आयोग ने शुक्रवार रात को यासांगी (रबी) सीज़न के लिए रायथुबंधु योजना के तहत निवेश सहायता के वितरण की अनुमति दी थी. साथ ही यह स्पष्ट किया था कि भुगतान इस महीने की 28 तारीख तक किया जाना चाहिए.
सरकार हर साल किसानों के खाते में प्रति सीजन 5,000 रुपये प्रति एकड़ की दर से दो सीज़न के लिए निवेश सहायता 10,000 रुपये सीधे जमा करती है. राज्य में बरसात के मौसम के साथ-साथ यासंगी सीज़न की शुरुआत से पहले धन जारी करने किया जाता है. इस बार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आचार संहिता लागू होने के कारण सरकार ने यासांगी सीजन के लिए फंड जमा नहीं किया.
पिछले महीने, सरकार ने एक पत्र लिखकर चुनाव आयोग से इस सहायता को हमेशा की तरह जारी करने की अनुमति देने को कहा था, जिसमें कहा गया था कि यह एक चालू योजना है इसलिए चुनाव आचार संहिता का मामला लागू नहीं होता है.
ईसी ने तीन दिन पहले धनराशि जमा करने की मंजूरी दे दी थी. चूंकि अभियान की समय सीमा 28 तारीख की शाम को समाप्त हो रही है, इसलिए इस महीने की 30 तारीख को मतदान समाप्त होने तक धनराशि जमा नहीं करने का आदेश दिया गया. लेकिन अब चुनाव आयोग ने वह अनुमति वापस ले ली. चुनाव आयोग की अनुमति से इनकार के साथ, राज्य के 70 लाख किसानों के लिए 'रायतुबंधु' सहायता बंद हो जाएगी.
क्या है 'रायथु बंधु' योजना : तेलंगाना के सीएम केसीआर ने किसानों को आर्थिक मदद देने के लिए मई 2018 में रायथु बंधु योजना शुरू की थी. सरकार किसानों के बैंक खाते में साल में दो बार पांच-पांच हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से भेजती है.