एंटीगुआ : पूर्वी कैरेबियाई सुप्रीम कोर्ट, डोमिनिका के राष्ट्रमंडल सहित पूर्वी कैरेबियाई राज्यों के लिए सर्वोच्च अदालत ने भगोड़े हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी के प्रत्यावर्तन पर रोक लगा दी है. इस मामले की सुनवाई 28 मई को सुबह नौ बजे होगी.
इससे पहले उनके कानूनी वकील विजय अग्रवाल ने कहा कि डोमिनिका में हिरासत में लिए गए भगोड़े हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी के वकीलों ने कैरिबियन द्वीप देश की एक अदालत में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की.
उन्होंने कहा कि कानूनी टीम ने डोमिनिका में मेहुल चौकसी के लिए एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है और मेहुल चोकसी तक पहुंच से वंचित करने और कानूनी सहायता के संवैधानिक अधिकारों से वंचित करने पर भी प्रकाश डाला है.
इससे पहले दिन में, अग्रवाल ने एंटीगुआ और बारबुडा से चोकसी के लापता होने के बारे में संदेह जताया था, जिसे लगभग 100 समुद्री मील दूर डोमिनिका में अवैध प्रवेश के लिए हिरासत में लिया गया था.
चोकसी के वकीलों ने एंटीगुआ और बारबुडा से उसके भागने के दावे पर सवाल उठाया और कहा कि भारतीय और डोमिनिका के पुलिसकर्मियों की तरह दिखने वाले लोगों ने उसे अगवा किया.
चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने कहा, 'एंटीगुआ और बारबुडा तथा डोमिनिका के वकील डोमिनिका में संवैधानिक अधिकार के तहत मेहुल चोकसी से बात करने का प्रयास कर रहे थे लेकिन उस तक पहुंच की अनुमति नहीं दी गयी.'
अग्रवाल ने कहा कि काफी प्रयासों के बाद जब चोकसी से वकीलों की मुलाकात हुई तो उसने हैरान करने वाली बात बतायी कि उसे एंटीगुआ में जॉली बंदरगाह में एक जहाज में जबर्दस्ती बैठाया गया और उसे डोमिनिका लाया गया.
अग्रवाल ने कहा कि चोकसी के शरीर पर कुछ निशान भी मिले हैं, जिससे लगता है कि कुछ गड़बड़ है.
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि चोकसी को दूसरे देश ले जाने की रणनीति बनायी गयी ताकि उसे भारत भेजा जा सके। मुझे नहीं पता कौन सी ताकतें काम कर रही हैं.
अग्रवाल ने कहा कि उन्होंने डोमिनिका में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की है.
स्थानीय मीडिया के अनुसार एंटीगुआ और बारबुडा के प्रधानमंत्री गेस्टन ब्राउने ने डोमिनिका से चोकसी को सीधे भारत भेजने को कहा है.
डोमिनिका में चोकसी की गिरफ्तारी की खबरें आने के बाद ब्राउने ने स्थानीय मीडिया से कहा कि उन्होंने डोमिनिका के प्राधिकारियों को चोकसी को भारत प्रत्यर्पित करने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं.
एक मीडिया संगठन एंटीगुआ न्यूज रूम ने पत्रकारों के साथ ब्राउने की बातचीत के हवाले से कहा कि हमने कहा है कि वे उसे एंटीगुआ प्रत्यर्पित न करें. उसे भारत लौटाने की जरूरत है जहां वह अपने खिलाफ लगे आपराधिक आरोपों का सामना कर सके.
ब्राउने ने संकेत दिया कि चोकसी के पास डोमिनिका में वैसे अधिकार नहीं होंगे जैसे कि एंटीगुआ एंड बारबुडा में थे. वर्ष 2017 में नागरिकता लेने के बाद 2018 से वह एंटीगुआ एंड बारबुडा में रह रहा था.
चोकसी की मौजूदगी की पुष्टि करते हुए डोमिनिका के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्रालय ने कहा कि उसे देश में अवैध तौर पर प्रवेश करने के आरोप में ‘हिरासत’ में लिया गया है.
बयान में कहा गया, 'राष्ट्रीय सुरक्षा और गृह मंत्रालय ने चोकसी की एंटीगुआ की नागरिकता समेत कुछ मुद्दों का पता लगाने के लिए वहां के प्राधिकारों से संवाद किया है. एंटीगुआ के प्राधिकारों द्वारा सूचना मुहैया कराने पर मेहुल चोकसी को एंटीगुआ प्रत्यर्पित किया जाएगा.'
हाल ही में एंटीगुआ एंड बारबुडा से भागे चोकसी को इंटरपोल के उसके खिलाफ जारी येलो नोटिस के बाद पकड़ लिया गया था.
इंटरपोल लापता लोगों का पता लगाने के लिए येलो नोटिस जारी करता है.
चोकसी के लापता होने की खबरों ने कैरिबियाई द्वीपीय देश में उथल-पुथल मचा दी थी. विपक्ष ने एंटीगुआ एंड बारबुडा की संसद में इस मुद्दे को उठाया था.
सूत्रों ने कहा कि भारत इस मामले में एंटीगुआ और बारबूडा के सम्पर्क में था और अब उसने डोमिनिका सरकार के साथ सम्पर्क स्थापित किया है.
एक सूत्र ने बताया, 'हम उनके सम्पर्क में हैं. चोकसी और अन्य भगोड़े को वापस लाने को लेकर हमारी रूचि दृढ़ है. ’उन्होंने कहा, हमारा ध्यान इन्हें जल्द से जल्द देश वापस लाने पर है.'
समझा जाता है कि जांच एजेंसियां चोकसी को भारत लाने के लिये मामले को आगे बढ़ा रही है.
चोकसी और उसके भांजे नीरव मोदी ने पंजाब नेशनल बैंक से 13,500 करोड़ रुपये की धनराशि का कथित तौर पर गबन किया.
नीरव मोदी लंदन की एक जेल में बंद है और वह भारत प्रत्यर्पित किए जाने के खिलाफ मुकदमा लड़ रहा है.
चोकसी ने 2017 में एंटीगुआ एंड बारबुडा की नागरिकता ली थी और जनवरी 2018 के पहले हफ्ते में भारत से भाग गया था. इसके बाद ही यह घोटाला सामने आया था। दोनों ही सीबीआई जांच का सामना कर रहे हैं.