मुंबई: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के मुख्य साजिशकर्ता और योजनाकार अब भी सुरक्षित हैं और उन्हें सजा नहीं दी गयी है. 'आतंकवादी उद्देश्यों के लिए नयी और उभरती प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल का मुकाबला' विषय पर यहां आयोजित एक विशेष बैठक में उन्होंने कहा कि जब कुछ आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाने की बात आती है तो कुछ मामलों में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद 'राजनीतिक कारणों से, खेदजनक रूप से' कार्रवाई करने में असमर्थ रही है.
उन्होंने कहा, '26/11 आतंकी हमलों के मुख्य साजिशकर्ता और योजनाकार अब भी सुरक्षित हैं तथा उन्हें सजा नहीं दी गयी है.' जयशंकर ने कहा कि यह स्थिति सामूहिक विश्वसनीयता और सामूहिक हित को कमतर करती है. जयशंकर के साथ गबोन के विदेश मंत्री और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष माइकल मूसा ने यहां ताज महल पैलेस होटल में 26/11 आतंकी हमले में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी.
जयशंकर ने कहा कि 'स्तब्ध' करने वाला यह आतंकी हमला केवल मुंबई पर ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर हुआ आतंकी हमला था. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद विरोधी समिति की विशेष बैठक होटल ताजमहल पैलेस में हुई. इस दौरान अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सदस्यों ने होटल में 26/11 स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा की दो दिवसीय आतंकवाद विरोधी बैठक शुक्रवार से शुरू हुई. इस मौके पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि हमें मिलकर यह संदेश देना चाहिए कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय आतंकवादियों को जवाबदेह ठहराने और न्याय देने में कभी हार नहीं मानेगा.
उन्होंने कहा,'हमने 26/11 हमले के मास्टरमाइंड और अपराधियों को न्याय के कटघरे में खड़ा करने का प्रयास किया है. यह कार्य अधूरा है. इस स्थल पर यूएनएससी की आतंकवाद-रोधी समिति का एक साथ आना विशेष और महत्वपूर्ण है. ताज होटल में यूएनएससी की बैठक में बोलते हुए, जयशंकर ने कहा, 'भारतीय पुलिस बलों के 18 सदस्य, ताज होटल के कर्मचारियों के 12 सदस्य और सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे.
उन्होंने कहा, 'जब हम 26/11 के स्मारक स्थल पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं, हम उनकी वीरता और उनके संकल्प को सलाम करते हैं.' जयशंकर ने अपने भाषण में कहा कि यह सिर्फ 'मुंबई पर हमला नहीं था, यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर हमला था.' उन्होंने कहा, 'हत्या से पहले विशिष्ट देशों की पहचान की गई थी. परिणामस्वरूप, आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रत्येक सदस्य राष्ट्र की प्रतिबद्धता को सार्वजनिक रूप से चुनौती दी गई.'
ये भी पढ़ें- टाटा एअरबस परियोजना गुजरात चले जाने पर विपक्ष के निशाने पर आयी महाराष्ट्र सरकार
26 नवंबर, 2008 को पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) द्वारा प्रशिक्षित दस आतंकवादियों ने ताजमहल होटल, ओबेरॉय होटल, लियोपोल्ड कैफे, नरीमन (चबाड) हाउस और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस ट्रेन स्टेशन सहित मुंबई में कई जगहों पर समन्वित हमले किए थे जिसमें 166 लोग मारे गए थे.
(एक्सट्रा इनपुट भाषा)