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क्वाड FM बैठक में शामिल होंगे जयशंकर, चीन से मुकाबला करने को साझेदारी गहरी करने का अवसर

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Published : Feb 2, 2022, 10:36 PM IST

विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर (External Affairs Minister Dr S Jaishankar) वार्षिक क्वाड (भारत, जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया) के विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए फरवरी के मध्य में ऑस्ट्रेलिया का दौरा करेंगे. हालांकि, विदेश मंत्रालय ने अभी उनकी यात्रा की तारीख की घोषणा नहीं की है. 'ईटीवी भारत' की वरिष्ठ संवाददाता चंद्रकला चौधरी की रिपोर्ट.

External Affairs Minister Dr S Jaishankar
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर

नई दिल्ली : ऑस्ट्रेलिया इस महीने मेलबर्न में क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक की मेजबानी करेगा, जिसमें अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी और अन्य क्वाड नेताओं की भागीदारी भी दिखाई देगी.
यह यात्रा विदेश मंत्री के रूप में ऑस्ट्रेलिया की पहली यात्रा होगी और वर्ष 2022 में यह पहली विदेश यात्रा होगी. बहुपक्षीय पहलू के अलावा, जयशंकर की यात्रा में क्वाड नेताओं के साथ द्विपक्षीय चर्चा भी होगी ताकि इंडो-पैसिफिक में बीजिंग से मुकाबला करने के लिए मजबूत संबंधों को और बढ़ाया जा सके.

भारत-प्रशांत में चीन के आक्रामक व्यवहार और बढ़ते प्रभाव पर बढ़ती चिंताओं को देखते हुए, ऑस्ट्रेलिया में यह वार्षिक क्वाड बैठक बहुत महत्व रखती है. ऐसे समय में जब चीनियों की रणनीतिक प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है ऑस्ट्रेलिया में क्वाड विदेश मंत्री नेताओं के लिए काम करने और इस क्षेत्र में साझेदारी को और गहरा करने के तरीकों पर चर्चा करने का यह अवसर होगा. वास्तव में यह भारत के लिए भी बड़ा अवसर है. ऑस्ट्रेलिया में क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक ऐसे समय में हो रही है जब रूस और यूक्रेन के बीच सीमा पर तनाव रूस-चीन संबंधों को बढ़ा रहा है.

यूक्रेन संकट पर चर्चा की संभावना नहीं : पूर्व राजदूत
'ईटीवी भारत' के साथ एक साक्षात्कार में पूर्व राजदूत जितेंद्र त्रिपाठी (former ambassador Jitendra Tripathi ) ने कहा कि क्वाड शिखर सम्मेलन में यूक्रेन संकट पर विस्तार से चर्चा करने की संभावना नहीं है क्योंकि क्वाड एजेंडा मुख्य रूप से इंडो-पैसिफिक और चीन है. बैठक चीन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है और यह क्वाड नेताओं को विभिन्न क्षेत्रों पर संयुक्त कार्य समूहों की समीक्षा करने और उनका अध्ययन करने का अवसर प्रदान करेगी.

इस महीने की शुरुआत में, ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन ने ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री मारिस पायने के एक बयान का जिक्र किया था. जिसमें उन्होंने कहा था कि क्वाड मीट रणनीतिक प्रतिस्पर्धा के समय में साझेदारी को गहरा करके इस क्षेत्र और दुनिया को सक्रिय रूप से आकार देने और प्रभावित करने के मॉरिसन सरकार के प्रयासों का एक और प्रदर्शन है.

नए साल की शुरुआत में विदेश मंत्री जयशंकर ने ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री (Australian Foreign Minister) और क्वाड पार्टनर मारिस पायने (Marise Payne) के साथ राजनयिक बातचीत की और दोहराया कि उन्हें विश्वास है कि 2022 में संबंधों में और भी अधिक प्रगति होगी. जयशंकर ने इस संबंध में ट्वीट भी किया है.
अक्टूबर 2020 में हुई थी बैठक
क्वाड विदेश मंत्रियों की आखिरी बैठक अक्टूबर 2020 में हुई थी. तब से क्वाड का स्तर काफी बढ़ गया है. वर्ष 2021 में दो क्वाड शिखर सम्मेलन हुए, पहला वर्चुअल था. दूसरा इन-पर्सन समिट वाशिंगटन में हुआ. क्वाड शिखर सम्मेलन अब सालाना होगा. शिखर सम्मेलन इस साल के अंत में जापान में होगा, इसके बाद अगले साल भारत में होगा. क्वाड चार देशों का समूह है. जिसमें भारत के साथ अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान है. साल 2004 में आई सुनामी के बाद इन चारों देशों के बीच समुद्री सहयोग शुरू हुआ था.

पढ़ें- क्या है ये QUAD ? जिसकी बैठक में पीएम मोदी अमेरिका में हिस्सा लेंगे और चिंता चीन को होगी

सूत्रों के अनुसार, जयशंकर के फरवरी में ही फ्रांस जाने की भी उम्मीद है क्योंकि देश इंडो-पैसिफिक 2022 पर एक बैठक की मेजबानी करेगा जिसमें यूरोप और भारत, ऑस्ट्रेलिया सहित अन्य देशों के विदेश मंत्री शामिल होंगे.

पढ़ें- क्वाड के नेता अंतरिक्ष, आपूर्ति श्रृंखला और 5जी के विस्तार संबंधी प्रयासों पर पहल की घोषणा करेंगे

नई दिल्ली : ऑस्ट्रेलिया इस महीने मेलबर्न में क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक की मेजबानी करेगा, जिसमें अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी और अन्य क्वाड नेताओं की भागीदारी भी दिखाई देगी.
यह यात्रा विदेश मंत्री के रूप में ऑस्ट्रेलिया की पहली यात्रा होगी और वर्ष 2022 में यह पहली विदेश यात्रा होगी. बहुपक्षीय पहलू के अलावा, जयशंकर की यात्रा में क्वाड नेताओं के साथ द्विपक्षीय चर्चा भी होगी ताकि इंडो-पैसिफिक में बीजिंग से मुकाबला करने के लिए मजबूत संबंधों को और बढ़ाया जा सके.

भारत-प्रशांत में चीन के आक्रामक व्यवहार और बढ़ते प्रभाव पर बढ़ती चिंताओं को देखते हुए, ऑस्ट्रेलिया में यह वार्षिक क्वाड बैठक बहुत महत्व रखती है. ऐसे समय में जब चीनियों की रणनीतिक प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है ऑस्ट्रेलिया में क्वाड विदेश मंत्री नेताओं के लिए काम करने और इस क्षेत्र में साझेदारी को और गहरा करने के तरीकों पर चर्चा करने का यह अवसर होगा. वास्तव में यह भारत के लिए भी बड़ा अवसर है. ऑस्ट्रेलिया में क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक ऐसे समय में हो रही है जब रूस और यूक्रेन के बीच सीमा पर तनाव रूस-चीन संबंधों को बढ़ा रहा है.

यूक्रेन संकट पर चर्चा की संभावना नहीं : पूर्व राजदूत
'ईटीवी भारत' के साथ एक साक्षात्कार में पूर्व राजदूत जितेंद्र त्रिपाठी (former ambassador Jitendra Tripathi ) ने कहा कि क्वाड शिखर सम्मेलन में यूक्रेन संकट पर विस्तार से चर्चा करने की संभावना नहीं है क्योंकि क्वाड एजेंडा मुख्य रूप से इंडो-पैसिफिक और चीन है. बैठक चीन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है और यह क्वाड नेताओं को विभिन्न क्षेत्रों पर संयुक्त कार्य समूहों की समीक्षा करने और उनका अध्ययन करने का अवसर प्रदान करेगी.

इस महीने की शुरुआत में, ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन ने ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री मारिस पायने के एक बयान का जिक्र किया था. जिसमें उन्होंने कहा था कि क्वाड मीट रणनीतिक प्रतिस्पर्धा के समय में साझेदारी को गहरा करके इस क्षेत्र और दुनिया को सक्रिय रूप से आकार देने और प्रभावित करने के मॉरिसन सरकार के प्रयासों का एक और प्रदर्शन है.

नए साल की शुरुआत में विदेश मंत्री जयशंकर ने ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री (Australian Foreign Minister) और क्वाड पार्टनर मारिस पायने (Marise Payne) के साथ राजनयिक बातचीत की और दोहराया कि उन्हें विश्वास है कि 2022 में संबंधों में और भी अधिक प्रगति होगी. जयशंकर ने इस संबंध में ट्वीट भी किया है.
अक्टूबर 2020 में हुई थी बैठक
क्वाड विदेश मंत्रियों की आखिरी बैठक अक्टूबर 2020 में हुई थी. तब से क्वाड का स्तर काफी बढ़ गया है. वर्ष 2021 में दो क्वाड शिखर सम्मेलन हुए, पहला वर्चुअल था. दूसरा इन-पर्सन समिट वाशिंगटन में हुआ. क्वाड शिखर सम्मेलन अब सालाना होगा. शिखर सम्मेलन इस साल के अंत में जापान में होगा, इसके बाद अगले साल भारत में होगा. क्वाड चार देशों का समूह है. जिसमें भारत के साथ अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान है. साल 2004 में आई सुनामी के बाद इन चारों देशों के बीच समुद्री सहयोग शुरू हुआ था.

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सूत्रों के अनुसार, जयशंकर के फरवरी में ही फ्रांस जाने की भी उम्मीद है क्योंकि देश इंडो-पैसिफिक 2022 पर एक बैठक की मेजबानी करेगा जिसमें यूरोप और भारत, ऑस्ट्रेलिया सहित अन्य देशों के विदेश मंत्री शामिल होंगे.

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