ETV Bharat / bharat

भारत-चीन के संबंध सामान्य नहीं हो सकते जब तक वह LAC को बदलने का एकतरफा प्रयास करेगा: जयशंकर

भारत और चीन के बीच तब तक संबंध सामान्य नहीं हो सकते हैं जब तक वह एलएसी (LAC) को बदलने के एकतरफा प्रयास और सीमा पर सैन्य बलों का जमावड़ा जारी रखेगा. उक्त बातें विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने राज्यसभा में विदेश नीति में नए घटनाक्रम को लेकर मांगे स्पष्टीकरण में कहीं. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच वरिष्ठ सैन्य कमांडर स्तरीय वार्ता जारी है. उन्होंने कहा कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए फिलहाल इसे सैन्य कमांडर स्तरीय वार्ता पर छोड़ दिया जाना चाहिए.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Dec 7, 2022, 7:28 PM IST

नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने बुधवार को कहा कि भारत और चीन के बीच तब तक संबंध सामान्य नहीं हो सकते हैं जब तक वह वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) को बदलने के एकतरफा प्रयास और सीमा पर सैन्य बलों का जमावड़ा जारी रखेगा. राज्यसभा में भारत की विदेश नीति में नवीनतम घटनाक्रमों पर दिए गए एक बयान के बाद सदस्यों की ओर से मांगे गए स्पष्टीकरण पर जयशंकर ने यह जानकारी दी.

कांग्रेस के प्रमोद तिवारी और नासिर हुसैन ने भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव से जुड़े मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री से जवाब मांगा था. जयशंकर ने कहा, 'कूटनीतिक रूप से हम चीन के साथ बहुत स्पष्ट रहे हैं कि वास्तविक नियंत्रण रेखा को बदलने के प्रयासों को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे. जब तक वे ऐसा करना जारी रखते हैं और यदि उन्होंने ऐसी ताकतों का निर्माण किया जो हमारे लिए सीमावर्ती क्षेत्र में एक गंभीर चिंता का विषय हैं, तो हमारे संबंध सामान्य नहीं हैं.'

चीन ने कथित तौर पर लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैन्य अवसरंचना का निर्माण किया है. इस साल की शुरुआत में अमेरिका के एक शीर्ष सुरक्षा अधकारी ने एलएसी पर चीन की गतिविधि को आंखें खोलने वाला बताया था. जयशंकर ने कहा कि पिछले कुछ सालों में दोनों देशों के असामान्य रिश्ते भी इसका सबूत है. जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों के बीच वरिष्ठ सैन्य कमांडर स्तरीय वार्ता जारी है. उन्होंने कहा कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए फिलहाल इसे सैन्य कमांडर स्तरीय वार्ता पर छोड़ दिया जाना चाहिए.

उन्होंने यह भी कहा कि सदन को इस तरह के नाजुक मामले की राष्ट्रीय संवेदनशीलता को समझना चाहिए. विदेश मंत्री ने पिछले महीने कहा था कि सीमावर्ती क्षेत्रों में अमन एवं शांति स्पष्ट तौर पर भारत और चीन के बीच सामान्य संबंधों का आधार हैं हालांकि समय-समय पर शरारतपूर्ण ढंग से इसे सीमा से जुड़े सवालों के समाधान के साथ जोड़ दिया जाता है. जयशंकर ने कहा था कि 2020 के बाद भारत और चीन के बीच असहमति दूर करने वाली व्यवस्था स्थापित करना आसान नहीं है लेकिन इस कार्य को दरकिनार नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध आपसी सम्मान, संवेदनशीलता और हित के आधार पर ही टिकाऊ हो सकते हैं.

ज्ञात हो कि जून 2020 में गलवान घाटी में भीषण झड़प के बाद भारत और चीन के बीच संबंधों में तनाव पैदा हो गया था. पूर्वी लद्दाख के डेमचोक और देपसांग क्षेत्रों में गतिरोध को हल करने पर अभी तक कोई प्रगति नहीं हुई है, हालांकि दोनों पक्षों ने सैन्य और राजनयिक वार्ता के जरिये टकराव वाले बिंदुओं से सैनिकों को पीछे हटाया है.

ये भी पढ़ें - भारत-चीन सीमा से लगे हर्षिल में सेना को युद्धाभ्यास के लिए मिलेगी 476.75 एकड़ जमीन

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने बुधवार को कहा कि भारत और चीन के बीच तब तक संबंध सामान्य नहीं हो सकते हैं जब तक वह वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) को बदलने के एकतरफा प्रयास और सीमा पर सैन्य बलों का जमावड़ा जारी रखेगा. राज्यसभा में भारत की विदेश नीति में नवीनतम घटनाक्रमों पर दिए गए एक बयान के बाद सदस्यों की ओर से मांगे गए स्पष्टीकरण पर जयशंकर ने यह जानकारी दी.

कांग्रेस के प्रमोद तिवारी और नासिर हुसैन ने भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव से जुड़े मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री से जवाब मांगा था. जयशंकर ने कहा, 'कूटनीतिक रूप से हम चीन के साथ बहुत स्पष्ट रहे हैं कि वास्तविक नियंत्रण रेखा को बदलने के प्रयासों को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे. जब तक वे ऐसा करना जारी रखते हैं और यदि उन्होंने ऐसी ताकतों का निर्माण किया जो हमारे लिए सीमावर्ती क्षेत्र में एक गंभीर चिंता का विषय हैं, तो हमारे संबंध सामान्य नहीं हैं.'

चीन ने कथित तौर पर लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैन्य अवसरंचना का निर्माण किया है. इस साल की शुरुआत में अमेरिका के एक शीर्ष सुरक्षा अधकारी ने एलएसी पर चीन की गतिविधि को आंखें खोलने वाला बताया था. जयशंकर ने कहा कि पिछले कुछ सालों में दोनों देशों के असामान्य रिश्ते भी इसका सबूत है. जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों के बीच वरिष्ठ सैन्य कमांडर स्तरीय वार्ता जारी है. उन्होंने कहा कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए फिलहाल इसे सैन्य कमांडर स्तरीय वार्ता पर छोड़ दिया जाना चाहिए.

उन्होंने यह भी कहा कि सदन को इस तरह के नाजुक मामले की राष्ट्रीय संवेदनशीलता को समझना चाहिए. विदेश मंत्री ने पिछले महीने कहा था कि सीमावर्ती क्षेत्रों में अमन एवं शांति स्पष्ट तौर पर भारत और चीन के बीच सामान्य संबंधों का आधार हैं हालांकि समय-समय पर शरारतपूर्ण ढंग से इसे सीमा से जुड़े सवालों के समाधान के साथ जोड़ दिया जाता है. जयशंकर ने कहा था कि 2020 के बाद भारत और चीन के बीच असहमति दूर करने वाली व्यवस्था स्थापित करना आसान नहीं है लेकिन इस कार्य को दरकिनार नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध आपसी सम्मान, संवेदनशीलता और हित के आधार पर ही टिकाऊ हो सकते हैं.

ज्ञात हो कि जून 2020 में गलवान घाटी में भीषण झड़प के बाद भारत और चीन के बीच संबंधों में तनाव पैदा हो गया था. पूर्वी लद्दाख के डेमचोक और देपसांग क्षेत्रों में गतिरोध को हल करने पर अभी तक कोई प्रगति नहीं हुई है, हालांकि दोनों पक्षों ने सैन्य और राजनयिक वार्ता के जरिये टकराव वाले बिंदुओं से सैनिकों को पीछे हटाया है.

ये भी पढ़ें - भारत-चीन सीमा से लगे हर्षिल में सेना को युद्धाभ्यास के लिए मिलेगी 476.75 एकड़ जमीन

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.