नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस. जयशंकर (EAM Dr S Jaishankar) ने रविवार को कहा कि भारत के मामलों में कनाडा के कर्मियों के हस्तक्षेप को लेकर चिंताओं के मद्देनजर नई दिल्ली ने देश में कनाडा की राजनयिक उपस्थिति में समानता का प्रावधान लागू किया है. विदेश मंत्री जयशंकर ने यह भी कहा कि यदि कनाडा में भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा में प्रगति दिखती है तो भारत कनाडा के लोगों को वीजा जारी करना फिर से शुरू कर सकता है.
-
#WATCH | On Visa services in Canada, EAM Dr S Jaishankar says, "The relationship right now is going through a difficult phase. But I do want to say the problems we have are with a certain segment of Canadian politics and the policies which flow from that. Right now the big… pic.twitter.com/GfF7um38Ls
— ANI (@ANI) October 22, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">#WATCH | On Visa services in Canada, EAM Dr S Jaishankar says, "The relationship right now is going through a difficult phase. But I do want to say the problems we have are with a certain segment of Canadian politics and the policies which flow from that. Right now the big… pic.twitter.com/GfF7um38Ls
— ANI (@ANI) October 22, 2023#WATCH | On Visa services in Canada, EAM Dr S Jaishankar says, "The relationship right now is going through a difficult phase. But I do want to say the problems we have are with a certain segment of Canadian politics and the policies which flow from that. Right now the big… pic.twitter.com/GfF7um38Ls
— ANI (@ANI) October 22, 2023
गत जून में खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संभावित संलिप्तता संबंधी कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा पिछले महीने आरोप लगाये जाने के बाद भारत और कनाडा के बीच संबंधों में तनाव में आ गया है. ट्रूडो के आरोपों के कुछ दिनों बाद, भारत ने कनाडाई नागरिकों को वीजा जारी करना अस्थायी रूप से निलंबित करने की घोषणा की और ओटावा से भारत में अपनी राजनयिक उपस्थिति कम करने को कहा.
जयशंकर ने एक कार्यक्रम में भारत-कनाडा संबंधों को लेकर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, 'यदि हमें कनाडा में अपने राजनयिकों की सुरक्षा में प्रगति दिखती हैं, तो हम वहां वीजा जारी करना फिर से शुरू करना चाहेंगे.' भारत में कनाडा की राजनयिक उपस्थिति कम करने पर उन्होंने कहा कि राजनयिक संबंधों पर विएना संधि में राजनयिक समानता प्रदान की गई है.
-
#WATCH | On Canadian diplomatic presence in India, EAM Dr S Jaishankar says, "There's this whole issue of parity that the size of how many diplomats there are of one country versus how many diplomats there are of the other country. Parity is very much provided for by the Vienna… pic.twitter.com/xJmk80GHHS
— ANI (@ANI) October 22, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">#WATCH | On Canadian diplomatic presence in India, EAM Dr S Jaishankar says, "There's this whole issue of parity that the size of how many diplomats there are of one country versus how many diplomats there are of the other country. Parity is very much provided for by the Vienna… pic.twitter.com/xJmk80GHHS
— ANI (@ANI) October 22, 2023#WATCH | On Canadian diplomatic presence in India, EAM Dr S Jaishankar says, "There's this whole issue of parity that the size of how many diplomats there are of one country versus how many diplomats there are of the other country. Parity is very much provided for by the Vienna… pic.twitter.com/xJmk80GHHS
— ANI (@ANI) October 22, 2023
जयशंकर ने कहा, 'विएना संधि द्वारा समानता प्रदान की गई है, जो इस पर प्रासंगिक अंतरराष्ट्रीय नियम है. हमारे मामले में, हमने समानता का आह्वान किया क्योंकि हमें कनाडाई कर्मियों द्वारा हमारे मामलों में लगातार हस्तक्षेप को लेकर चिंता थी.' कनाडा अपने 41 राजनयिकों को पहले ही भारत से वापस बुला चुका है. कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने गुरुवार को भारत से राजनयिकों की वापसी की घोषणा करते हुए भारत के कदम को अंतरराष्ट्रीय कानून के विपरीत और राजनयिक संबंधों पर जिनेवा संधि का स्पष्ट उल्लंघन करार दिया है. भारत पहले ही इस आरोप को खारिज कर चुका है. जयशंकर ने कहा कि भारत और कनाडा के बीच संबंध अभी कठिन दौर से गुजर रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत को कनाडा की राजनीति के कुछ हिस्से से दिक्कत है.
कोई भी खतरा अब बहुत दूर नहीं है
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि कोई भी ऐसी अपेक्षा कि संघर्ष और आतंकवाद के दुष्प्रभाव को रोका जा सकता है, अब संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि दुनियाभर में हो रही भू-राजनीतिक उथल-पुथल के संबंध में एक कार्यक्रम में कहा कि पश्चिम एशिया में अभी जो हो रहा है, उसका प्रभाव अभी भी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है. विदेश मंत्री ने रूस-यूक्रेन युद्ध के प्रभाव का हवाला देते हुए कहा कि दुनिया में विभिन्न संघर्षों के परिणामों का असर नजदीकी भौगोलिक क्षेत्रों से कहीं अधिक दूर तक देखा जा रहा है. उन्होंने कहा, 'विभिन्न क्षेत्रों में छोटी-छोटी घटनाएं होती रहती हैं जिनके प्रभाव की अनदेखी नहीं की जा सकती है.'
जयशंकर ने हिंसा के विभिन्न रूपों से निपटने संबंधी चुनौती के बारे में कहा, 'इसका एक कम औपचारिक संस्करण भी है, जो बहुत व्यापक है. मैं आतंकवाद के बारे में बात कर रहा हूं जिसे लंबे समय से शासन कला के एक औजार के रूप में विकसित किया गया है.' उन्होंने कहा कि कोई भी ऐसी अपेक्षा कि संघर्ष और आतंकवाद के दुष्प्रभाव को रोका जा सकता है, अब संभव नहीं है. विदेश मंत्री ने कहा कि कोई भी खतरा अब बहुत दूर नहीं है.
ये भी पढ़ें - Jaishankar in Singapore: विदेश मंत्री जयशंकर ने सिंगापुर के व्यापार मंत्री के साथ सहयोग के नए क्षेत्रों पर चर्चा की