अनुगोल : ओडिशा के अनुगोल जिले के जिलाधिकारी की जन सुनवाई के दौरान लोग अपने-अपने क्षेत्र की समस्याएं लेकर आते हैं. वे जिला प्रशासन के समक्ष अपनी समस्या बताते हैं. जिलाधिकारी समास्या की मैरिट के हिसाब से उनका निराकरण करते हैं या संबंधित अधिकारियों को उससे संबंधित आदेश देते हैं. लेकिन सोमवार को एक शख्स की परेशानी चर्चा का विषय बन गई. एक दिव्यांग ने जिलाधिकारी से जीवन साथी तलाशने की गुहार लगाई.
दिव्यांग संजीव महापात्र ने जिलाधिकारी के समक्ष अपना आवेदन रखते हुए कहा कि उसे उसकी माता-पिता की सेवा और स्वयं के जीवन को आगे बढ़ाने के लिए एक जीवन साथी की जरूरत है. अनुगोल जिले के चेंदीपाड़ा ब्लॉक के तंगीरी पंचायत नुआपाड़ा गांव के मुरलीधर महापात्र के छोटे बेटे संजीव महापात्र ने जिलाधिकारी के पास यह गुहार लगाई है. हालांकि, उनके आवेदन को सुनकर जिलाधिकारी कार्यलय में हर कोई हैरान हो गया.
क्योंकि लोग यहां अपने क्षेत्र की प्रशासनिक समस्याओं या प्रशासन के कारण होने वाली निजी समस्याओं का उल्लेख करते हैं. यह पहला मौका था जब कोई अपने लिए जिलाधिकारी से अपने लिए जीवनसाथी ढूंढने की गुहार लगा रहा था. एक बार तो उसकी बात सुनकर कमरे में उपस्थित सभी लोगों की हंसी छूट गई. लेकिन फिर जिलाधिकारी संजीव की समस्या को गंभीरता से सुना.
क्या कहा संजीव ने? : संजीव ने कहा कि 'सरकार मेरे लिए जीवनसाथी ढूंढे. मैं और मेरा परिवार जीवनसाथी नहीं ढूंढ पा रहे हैं. इसलिए मेरे लिए जीवनसाथी ढूंढ दीजिए. उसने अपने आवेदन में लिखा है कि वह खुद विकलांग है, उसके माता-पिता बूढ़े हैं और उसका बड़ा भाई अलग रहता है, इसलिए उसका आना-जाना मुश्किल है. उसने जिला अधिकारी से कहा कि उसे माता-पिता की देखभाल और अपने जीवन को आगे बढ़ाने के लिए एक जीवनसाथी सख्त जरूरत है.
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उसने जिलाधिकारी से कहा कि उसकी विकलांगता के कारण, कोई भी उसके साथ अपनी बेटी की शादी कराने के लिए तैयार नहीं है. इसलिए जिला मजिस्ट्रेट ने अनुरोध किया कि अगर वे उसके लिए जीवनसाथी ढूंढ लें... संजीव ने ट्राइसाइकिल देने का भी अनुरोध किया. हालांकि, इस शादी के मामले में संजीव को जिलाधिकारी की ओर से कोई आश्वासन नहीं मिला.