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SC की कॉलेजियम ने बीते एक साल में 80 नाम की सिफारिश : सरकार

केंद्र सरकार ने बताया कि पिछले एक साल में उच्चतम न्यायालय की कॉलेजियम ने विभिन्न उच्च न्यायालयों में न्यायाधीश के तौर पर नियुक्त करने के लिए 80 नामों की सिफारिश की थी जिनमें से 45 न्यायाधीशों की नियुक्ति की जा चुकी है.

किरेन रिजीजू
किरेन रिजीजू
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Published : Jul 22, 2021, 8:53 PM IST

नई दिल्ली : सरकार ने बताया कि पिछले एक साल में उच्चतम न्यायालय की कॉलेजियम ने विभिन्न उच्च न्यायालयों में न्यायाधीश के तौर पर नियुक्त करने के लिए 80 नामों की सिफारिश की थी जिनमें से 45 न्यायाधीशों की नियुक्ति की जा चुकी है.

विधि मंत्री किरेन रिजीजू ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि एक जुलाई 2020 से 15 जुलाई 2021 के बीच उच्चतम न्यायालय की कॉलेजियम विभिन्न उच्च न्यायालयों में न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति के लिए 80 नामों की सिफारिश की थी. इनमें से 45 न्यायाधीशों की नियुक्ति उच्च न्यायालयों में की जा चुकी है और शेष प्रस्ताव सरकार तथा कॉलेजियम के समक्ष प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में हैं.

उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालयों में रिक्तियों को भरना कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच एक सतत, एकीकृत और समन्वित प्रक्रिया है. इसके लिए राज्य और केंद्र स्तर पर विभिन्न संवैधानिक प्राधिकारों के साथ गहन विचारविमर्श करने और मंजूरी लेने की जरूरत होती है.

इसे भी पढ़े-UPSC में शामिल होने के आखिरी मौके वाले उम्मीदवारों को झटका, SC ने किया इंकार

भारत में 25 उच्च न्यायालय हैं जिनमें न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 1,098 है. वर्तमान में इनमें 645 न्यायाधीश कार्यरत हैं और 453 न्यायाधीशों की कमी है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : सरकार ने बताया कि पिछले एक साल में उच्चतम न्यायालय की कॉलेजियम ने विभिन्न उच्च न्यायालयों में न्यायाधीश के तौर पर नियुक्त करने के लिए 80 नामों की सिफारिश की थी जिनमें से 45 न्यायाधीशों की नियुक्ति की जा चुकी है.

विधि मंत्री किरेन रिजीजू ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि एक जुलाई 2020 से 15 जुलाई 2021 के बीच उच्चतम न्यायालय की कॉलेजियम विभिन्न उच्च न्यायालयों में न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति के लिए 80 नामों की सिफारिश की थी. इनमें से 45 न्यायाधीशों की नियुक्ति उच्च न्यायालयों में की जा चुकी है और शेष प्रस्ताव सरकार तथा कॉलेजियम के समक्ष प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में हैं.

उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालयों में रिक्तियों को भरना कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच एक सतत, एकीकृत और समन्वित प्रक्रिया है. इसके लिए राज्य और केंद्र स्तर पर विभिन्न संवैधानिक प्राधिकारों के साथ गहन विचारविमर्श करने और मंजूरी लेने की जरूरत होती है.

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भारत में 25 उच्च न्यायालय हैं जिनमें न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 1,098 है. वर्तमान में इनमें 645 न्यायाधीश कार्यरत हैं और 453 न्यायाधीशों की कमी है.

(पीटीआई-भाषा)

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