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बांग्लादेश में दुर्गा पूजा: गृह मंत्री ने पूजा समितियों के साथ की बैठक, दिया सुरक्षा का आश्वासन

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Published : Sep 13, 2022, 9:25 AM IST

इस साल बांग्लादेश में करीब 32 हजार पंडाल बनेंगे. सरकार ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए पूजा समितियों से संख्या को और नहीं बढ़ाने का अनुरोध किया है. 13 अक्टूबर 2021 में नानुआ दिघिर पर पूजा मंडप में एक व्यक्ति द्वारा कुरान की एक प्रति रखे जाने के बाद दंगे भड़क उठे थे. दंगों में बांग्लादेश में कई लोग मारे गए थे.

बांग्लादेश में दुर्गा पूजा
बांग्लादेश में दुर्गा पूजा

कोलकाता: बांग्लादेश में अक्टूबर 2021 में दुर्गा पूजा (Durga Puja in Bangladesh) पंडालों में हुई व्यापक हिंसा को देखते हुए गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल ने इस बार सुरक्षा देने की बात कही है. उन्होंने स्थानीय मीडिया से बात करते हुए से कहा कि पूरे देश में पूजा पंडाल में उचित पुलिस बल प्रदान किया जाएगा. बता दें, इस बार एक अक्टूबर, 2022 से दुर्गा पूजा शुरू हो रही है. मंत्री ने कहा कि संबंधित अधिकारियों द्वारा मंडपों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए भी कहा गया है. यह उल्लेख करना उचित है कि 2022 में पूजा मंडपों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है.

इस साल बांग्लादेश में करीब 32 हजार पंडाल बनेंगे. सरकार ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए पूजा समितियों से संख्या को और नहीं बढ़ाने का अनुरोध किया है. 13 अक्टूबर 2021 में नानुआ दिघिर पर पूजा मंडप में एक व्यक्ति द्वारा कुरान की एक प्रति रखे जाने के बाद दंगे भड़क उठे थे. दंगों में बांग्लादेश में कई लोग मारे गए थे. जबकि बड़ी संख्या में लोग घायल भी हुए थे. जब बांग्लादेश के गृह मंत्री ने कहा था दंगे 'पूर्व नियोजित' थे और देश में सांप्रदायिक सद्भाव को नष्ट करने के उद्देश्य से थे. प्रधान मंत्री शेख हसीना ने भी दंगाइयों के खिलाफ कार्रवाई का वादा किया था.

पढ़ें: बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमला बेदखल करने की साजिश : आरएसएस

गृह मंत्री कमाल ने कहा कि दुर्गा पूजा उत्सव के दौरान तोड़फोड़ रोकने और किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचने के लिए कदम उठाए गए हैं. उन्होंने आगे बहुस्तरीय स्तर पर सुरक्षा प्रदान करने के लिए किए गए विस्तृत प्रबंधों के बारे में बताया. उन्होंने बताया कि पूजा पंडालों में स्वयंसेवकों को तैनात किया जाएगा. महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए अलग-अलग व्यवस्था की जाएगी. साथ ही प्रशासन के स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जाएंगे और उपद्रवियों से तत्काल निपटने के लिए मोबाइल कोर्ट भी उपलब्ध रहेंगे.

पिछले साल के आतंकवाद को ध्यान में रखते हुए पूजा के आयोजक भी अतिरिक्त सावधानी बरत रहे हैं. बांग्लादेश पूजा उत्सव परिषद की एक विस्तारित बैठक शुक्रवार (9 सितंबर, 2022) को ढाका के ढाकेश्वरी मंदिर में सुबह 10 बजे आयोजित की गई थी. इस बैठक में बांग्लादेश के 75 संगठनात्मक जिलों में से 62 जिलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था. उस बैठक में कुल 21 दिशा-निर्देशों को प्रस्तुत और स्वीकार किया गया. दो पूर्व स्वतंत्रता सेनानियों ने ईटीवी से बातचीत में कहा कि काजोल ने कहा कि धर्मस्थलों पर चरमपंथियों के हमलों को रोकने के लिए हमेशा सुरक्षा इंतजाम किए जाएंगे. ऐसे में पूजा कमेटी के कुछ सदस्य 24 घंटे मंडप में रहेंगे.

पढ़ें: बांग्लादेश हिंसा का मुख्य आरोपी इकबाल हुसैन गिरफ्तार, दुर्गा पूजा मंडप में कुरान रखने का आरोप

जरूरत पड़ने पर प्रशासन की ओर से पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे. वे छोटे-छोटे समूहों में बंटेंगे और मंडप की रखवाली करेंगे. साथ ही मोबाइल वैन में लगातार पुलिस चौकसी रहेगी. यदि किसी घटना का संकेत मिलता है, तो उन्हें विशेष नंबर पर कॉल करके मदद के लिए बुलाया जा सकता है. आवेदक स्थानीय पुलिस स्टेशन ओसी और जिला पुलिस अधीक्षक के नंबर पर संपर्क कर सकेंगे. उस नंबर पर कॉल कर मदद ली जा सकती है. हर मंडप में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे.

इसके साथ ही सरकार ने पूजा के दिनों में सभी पूजा मंडपों में निर्बाध बिजली कनेक्शन देने का भी आश्वासन दिया है. साथ ही, प्रत्येक पूजा समिति को 'बांग्लादेश पूजा उत्सव परिषद' की विस्तारित बैठक में पारित 21 सूत्री दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए कहा गया है. चटगांव के एक शिल्पकार उत्तम पाल ने कहा कि कोविड काल के मुकाबले उनके काम में वृद्धि हुई है. इस साल उन्हें मूर्तियों के ज्यादा ऑर्डर मिले हैं. नाटककार सुनील धर ने कहा, बांग्लादेश का गठन मुक्ति संग्राम की विचारधारा से हुआ था. लेकिन, जो लोग बांग्लादेश की स्वतंत्रता नहीं चाहते थे, वे देश में फिर से कट्टरपंथ को बढ़ावा दे रहे हैं. यही कारण है कि पिछले साल दुर्गाष्टमी पर कई अप्रिय घटनाएं हुईं. हालांकि, सुनील को उम्मीद है कि बांग्लादेश में एक बार फिर धार्मिक सह-अस्तित्व और सांप्रदायिक सद्भाव स्थापित होगा. दुर्गतिनाशिनी सही मायने में बुराई का दमन करेगी.

पढ़ें: दुर्गा पूजा पंडालों पर हमला हसीना सरकार के खिलाफ साजिश : विश्लेषक

पढ़ें: बांग्लादेश : दुर्गा पूजा के दौरान मंदिरों पर हमला, तीन लोगों की मौत

पढ़ें: बांग्लादेश: ISKCON मंदिर का दावा- तालाब से मिली पुजारी की लाश

कोलकाता: बांग्लादेश में अक्टूबर 2021 में दुर्गा पूजा (Durga Puja in Bangladesh) पंडालों में हुई व्यापक हिंसा को देखते हुए गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल ने इस बार सुरक्षा देने की बात कही है. उन्होंने स्थानीय मीडिया से बात करते हुए से कहा कि पूरे देश में पूजा पंडाल में उचित पुलिस बल प्रदान किया जाएगा. बता दें, इस बार एक अक्टूबर, 2022 से दुर्गा पूजा शुरू हो रही है. मंत्री ने कहा कि संबंधित अधिकारियों द्वारा मंडपों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए भी कहा गया है. यह उल्लेख करना उचित है कि 2022 में पूजा मंडपों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है.

इस साल बांग्लादेश में करीब 32 हजार पंडाल बनेंगे. सरकार ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए पूजा समितियों से संख्या को और नहीं बढ़ाने का अनुरोध किया है. 13 अक्टूबर 2021 में नानुआ दिघिर पर पूजा मंडप में एक व्यक्ति द्वारा कुरान की एक प्रति रखे जाने के बाद दंगे भड़क उठे थे. दंगों में बांग्लादेश में कई लोग मारे गए थे. जबकि बड़ी संख्या में लोग घायल भी हुए थे. जब बांग्लादेश के गृह मंत्री ने कहा था दंगे 'पूर्व नियोजित' थे और देश में सांप्रदायिक सद्भाव को नष्ट करने के उद्देश्य से थे. प्रधान मंत्री शेख हसीना ने भी दंगाइयों के खिलाफ कार्रवाई का वादा किया था.

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गृह मंत्री कमाल ने कहा कि दुर्गा पूजा उत्सव के दौरान तोड़फोड़ रोकने और किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचने के लिए कदम उठाए गए हैं. उन्होंने आगे बहुस्तरीय स्तर पर सुरक्षा प्रदान करने के लिए किए गए विस्तृत प्रबंधों के बारे में बताया. उन्होंने बताया कि पूजा पंडालों में स्वयंसेवकों को तैनात किया जाएगा. महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए अलग-अलग व्यवस्था की जाएगी. साथ ही प्रशासन के स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जाएंगे और उपद्रवियों से तत्काल निपटने के लिए मोबाइल कोर्ट भी उपलब्ध रहेंगे.

पिछले साल के आतंकवाद को ध्यान में रखते हुए पूजा के आयोजक भी अतिरिक्त सावधानी बरत रहे हैं. बांग्लादेश पूजा उत्सव परिषद की एक विस्तारित बैठक शुक्रवार (9 सितंबर, 2022) को ढाका के ढाकेश्वरी मंदिर में सुबह 10 बजे आयोजित की गई थी. इस बैठक में बांग्लादेश के 75 संगठनात्मक जिलों में से 62 जिलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था. उस बैठक में कुल 21 दिशा-निर्देशों को प्रस्तुत और स्वीकार किया गया. दो पूर्व स्वतंत्रता सेनानियों ने ईटीवी से बातचीत में कहा कि काजोल ने कहा कि धर्मस्थलों पर चरमपंथियों के हमलों को रोकने के लिए हमेशा सुरक्षा इंतजाम किए जाएंगे. ऐसे में पूजा कमेटी के कुछ सदस्य 24 घंटे मंडप में रहेंगे.

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जरूरत पड़ने पर प्रशासन की ओर से पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे. वे छोटे-छोटे समूहों में बंटेंगे और मंडप की रखवाली करेंगे. साथ ही मोबाइल वैन में लगातार पुलिस चौकसी रहेगी. यदि किसी घटना का संकेत मिलता है, तो उन्हें विशेष नंबर पर कॉल करके मदद के लिए बुलाया जा सकता है. आवेदक स्थानीय पुलिस स्टेशन ओसी और जिला पुलिस अधीक्षक के नंबर पर संपर्क कर सकेंगे. उस नंबर पर कॉल कर मदद ली जा सकती है. हर मंडप में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे.

इसके साथ ही सरकार ने पूजा के दिनों में सभी पूजा मंडपों में निर्बाध बिजली कनेक्शन देने का भी आश्वासन दिया है. साथ ही, प्रत्येक पूजा समिति को 'बांग्लादेश पूजा उत्सव परिषद' की विस्तारित बैठक में पारित 21 सूत्री दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए कहा गया है. चटगांव के एक शिल्पकार उत्तम पाल ने कहा कि कोविड काल के मुकाबले उनके काम में वृद्धि हुई है. इस साल उन्हें मूर्तियों के ज्यादा ऑर्डर मिले हैं. नाटककार सुनील धर ने कहा, बांग्लादेश का गठन मुक्ति संग्राम की विचारधारा से हुआ था. लेकिन, जो लोग बांग्लादेश की स्वतंत्रता नहीं चाहते थे, वे देश में फिर से कट्टरपंथ को बढ़ावा दे रहे हैं. यही कारण है कि पिछले साल दुर्गाष्टमी पर कई अप्रिय घटनाएं हुईं. हालांकि, सुनील को उम्मीद है कि बांग्लादेश में एक बार फिर धार्मिक सह-अस्तित्व और सांप्रदायिक सद्भाव स्थापित होगा. दुर्गतिनाशिनी सही मायने में बुराई का दमन करेगी.

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