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अफगान संकट का भारत पर असर, बादाम-किशमिश हुए महंगे

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद देश का आयात ठप हो गया है. इसका असर भारत में भी देखने को मिल रहा है. अफगानिस्तान से आयात बाधित होने के कारण ड्राई फ्रूट की कीमतों में तेजी आई है और ड्राई फ्रूट खरीदाना एक आम खरीदार के बजट से बाहर हो गया है.

अफगान संकट
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Published : Aug 19, 2021, 3:39 AM IST

नई दिल्ली : अफगानिस्तान संकट का असर भारत में भी देखने को मिल रहा है. अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के कब्जे के बाद आयात बुरी तरह प्रभावित हुआ है. आयात बाधित होने से दिल्ली, जम्मू समेत देश के अन्य हिस्सों में ड्राई फ्रूट की कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है.

दिल्ली के व्यापरियों का कहना है कि अफगानिस्तान से आयात किए जाने वाले बादाम महंगे हो गए हैं. राजधानी में दिल्ली में बादाम की कीमत 600 रुपये से बढ़कर 1,000 रुपये हो गई है. आवक बंद होने से पिस्ता और अंजीर के दाम भी बढ़े हैं.

अफगानिस्तान से आयात बाधित होने से जम्मू में भी सूखे मेवों की कीमतों में वृद्धि हुई है. जम्मू में ड्राई फ्रूट्स रिटेलर एसोसिएशन (Dry Fruits Retailer Association) की अध्यक्ष ज्योति गुप्ता के अनुसार, पिछले 15-20 दिनों से अफगानिस्तान से आयात ठप हो गया है.

गुप्ता ने कहा, 10 दिनों के भीतर सूखे मेवों की कीमतों में 250 रुपये प्रति किलोग्राम तक वृद्धि हुई है, इस कारण ग्राहकों को समझाना बहुत मुश्किल है. लेकिन हम असहाय हैं. ग्राहकों के साथ किसी भी परेशानी से बचने के लिए, मैंने स्थिति के अनुसार रेट सूची में संशोधन किया है.

गुप्ता ने आगे कहा कि त्योहारी सीजन और कोरोना महामारी के कारण सूखे मेवों की मांग अधिक है. उन्होंने कहा, हम अफगानिस्तान से बादाम, अंजीर, खुबानी, पिस्ता, जीरा जैसी कई चीजें आयात करते हैं. अंजीर की मांग विशेष रूप से महामारी के कारण अधिक है, क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि इसे प्रतिरक्षा बढ़ाती है. लेकिन आयात रुकने से कीमतों में तेजी आई है.

यह भी पढ़ें- 'काफी सावधानीपूर्वक अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर नजर रख रहा भारत'

अफगानी बादाम, अंजीर, खुबानी और किशमिश की कीमतों में 200 रुपये प्रति किलोग्राम की वृद्धि हुई है, जबकि पिस्ता की कीमत में 250 रुपये प्रति किलोग्राम की वृद्धि हुई है.

वहीं, ग्राहकों का कहना है कि कीमतों में वृद्धि के कारण उन्हें सूखे मेवे खरीदना मुश्किल हो जाएगा. एक ग्राहक स्वामी गुप्ता ने कहा, 'कीमतें एक सप्ताह के भीतर लगभग दोगुनी हो गई हैं. यह एक आम खरीदार के बजट से बाहर है.'

नई दिल्ली : अफगानिस्तान संकट का असर भारत में भी देखने को मिल रहा है. अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के कब्जे के बाद आयात बुरी तरह प्रभावित हुआ है. आयात बाधित होने से दिल्ली, जम्मू समेत देश के अन्य हिस्सों में ड्राई फ्रूट की कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है.

दिल्ली के व्यापरियों का कहना है कि अफगानिस्तान से आयात किए जाने वाले बादाम महंगे हो गए हैं. राजधानी में दिल्ली में बादाम की कीमत 600 रुपये से बढ़कर 1,000 रुपये हो गई है. आवक बंद होने से पिस्ता और अंजीर के दाम भी बढ़े हैं.

अफगानिस्तान से आयात बाधित होने से जम्मू में भी सूखे मेवों की कीमतों में वृद्धि हुई है. जम्मू में ड्राई फ्रूट्स रिटेलर एसोसिएशन (Dry Fruits Retailer Association) की अध्यक्ष ज्योति गुप्ता के अनुसार, पिछले 15-20 दिनों से अफगानिस्तान से आयात ठप हो गया है.

गुप्ता ने कहा, 10 दिनों के भीतर सूखे मेवों की कीमतों में 250 रुपये प्रति किलोग्राम तक वृद्धि हुई है, इस कारण ग्राहकों को समझाना बहुत मुश्किल है. लेकिन हम असहाय हैं. ग्राहकों के साथ किसी भी परेशानी से बचने के लिए, मैंने स्थिति के अनुसार रेट सूची में संशोधन किया है.

गुप्ता ने आगे कहा कि त्योहारी सीजन और कोरोना महामारी के कारण सूखे मेवों की मांग अधिक है. उन्होंने कहा, हम अफगानिस्तान से बादाम, अंजीर, खुबानी, पिस्ता, जीरा जैसी कई चीजें आयात करते हैं. अंजीर की मांग विशेष रूप से महामारी के कारण अधिक है, क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि इसे प्रतिरक्षा बढ़ाती है. लेकिन आयात रुकने से कीमतों में तेजी आई है.

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अफगानी बादाम, अंजीर, खुबानी और किशमिश की कीमतों में 200 रुपये प्रति किलोग्राम की वृद्धि हुई है, जबकि पिस्ता की कीमत में 250 रुपये प्रति किलोग्राम की वृद्धि हुई है.

वहीं, ग्राहकों का कहना है कि कीमतों में वृद्धि के कारण उन्हें सूखे मेवे खरीदना मुश्किल हो जाएगा. एक ग्राहक स्वामी गुप्ता ने कहा, 'कीमतें एक सप्ताह के भीतर लगभग दोगुनी हो गई हैं. यह एक आम खरीदार के बजट से बाहर है.'

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