चंडीगढ़ : पंजाब को विकासशील प्रदेश कहा जाता है लेकिन, पिछले दो दशकों से पंजाब में नशे की खेप का और सेवन भी बढ़ गया है.शराब,अफीम, भुक्की, हेरोइन, स्मैक,कोकीन और सिंथेटिक ड्रग नशे की जकड़ में पंजाब जकड़ हुआ है.आंकड़ों के मुताबिक पंजाब में 9 लाख लोग ड्रग्स लेते हैं, इनमें से साढ़े 3 लाख लोग एडिक्ट है और हर महीने नशे से 112 लोगों की मौत होती है. यह एक गंभीर समस्या है लेकिन इसपर राजनीति भरपूर होती आई है.सरकारों ने कई बार दावे कि की नशे को खत्म करेंगे पर हैरानी की बात है स्तिथि आज भी ज्यों की त्यों है.
केस स्टडी वैसे तो पंजाब में आए दिन नशे की ओवरडोज से मरने वालों के मामले सामने आते हैं हाल में एक मामला आया है जिसमें कि नौजवान की मौत हो गई है और भटिंडा में 2 मामले सामने आए जहां पर दो नौजवान नशे की ओवरडोज की वजह से मर गया है.दूसरा मामला बठिंडा से श्रीगंगानगर हाईवे का है जहां हाईवे पर बने पुल से नशे की खोज में एक नौजवान गिर गया जिससे सरकारी अस्पताल में दाखिल किया गया दोनों ही मामलों में पंजाब सरकार की कार गुजारी पर सवाल उठे रहे कि नशे की कमर तोड़ने की बात कहने वाले मुख्यमंत्री जिन्होंने नौजवानों को नशे से बाहर निकालने की बात कर रहे थे.आज नौजवान मर रहे है और नशे के सौदागर बाहर खुले में घूम रहे हैं. पंजाब में नशे की पकड़ कितनी मजबूत है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हाल ही में केंद्रीय एजेंसियों द्वारा नशे की तीन बड़ी खेप बरामद की गई है.इन सब के पीछे पंजाबी मूल के लोगों का हाथ है जो कि कनाडा में बैठकर गिरोह हवाला के जरिए पैसे का आदान प्रदान कर कर रहे हैं.
आपको बता दें कि साल 2017 में नशे को जड़ से खत्म करने का वादा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किया था और वह भी हाथ में श्री गुटका साहिब को पकड़कर कहा था कि 4 हफ्ते में नशे को खत्म कर देंगे जो बड़ी मछलियां है उन्हें सलाखों के पीछे भेज देंगे.
मुख्यमंत्री ने का गठन किया और शुरुआत में ऐसी गिरफ्तारियां की और इस रिपोर्ट बनाकर पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में सौंपी गई, लेकिन आज भी वो रिपोर्ट सील बंद है उनमें कई बड़े लोगों के नाम शामिल है रिपोर्ट को आज तक खोला नहीं गया है.सूत्रों का कहना है कि रिपोर्ट लीक हो गई तो, नशे के कारोबार में कई राजनेताओं का भी हाथ है खासकर अकाली दल के विधायक विक्रम मजीठिया का भी.
पंजाब विधानसभा में कई बार हुई चर्चा
पंजाब विधानसभा में भी कई बार इस मुद्दे को उठाया गया और इसके पीछे जो बड़े लोग शामिल हैं उन्हें गिरफ्तार करने की मांग उठी लेकिन साढ़े 4 साल बीत जाने के बाद भी वह रिपोर्ट हाईकोर्ट में बंद है. सरकार के अपने मंत्रियों ने मुख्यमंत्री पर सवाल उठाए और कहा कि वह नशाखोरी को बचाना चाहते हैं. कुछ साल पहले सरकार ने ऐलान किया था, कि सभी सरकारी कर्मचारियों का डोप टेस्ट होगा.पंजाब में पिछले कई सालों के मुकाबले नशे की वजह से मरने वालों की तादाद दोगुनी हो गई है.यह आंकड़ा दिनों दिन बढ़ता जा रहा है.
पंजाब में ग्रामीण और शहरी इलाकों में लोग अलग-अलग नशा करते हैं जैसे लुधियाना शहर में मेडिकल नशे की शिकायतें मिलती है. जबकि ग्रामीण इलाकों में हीरोइन या चिट्टे की शिकायतें ज्यादा मिलती है.
अलग-अलग रास्ते से होती नशे की सप्लाई
पंजाब में नशे के रूट अलग-अलग है जहां पंजाब की सरहद पाकिस्तान की पर लगती है जब नशे के सौदागरों के खिलाफ कार्रवाई होती है तो दूसरे रूट का इस्तेमाल करते हैं यह रास्ता राजस्थान जम्मू-कश्मीर हो सकता है वही नशे की खेप दिल्ली रूट से भी आती है.नशे को खत्म करने के लिए नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो अपना काम कर रही है वही पिछले 5 सालों में बड़े पैमाने पर एनसीबी ने केमिकल सहित अन्य नशीले पदार्थ पकड़े गए हैं.
साल 2017 में एसटीएफ का गठन किया गया था और गठन होने के बाद एक हजार 1335 केस रजिस्टर किए गए, जिनमें से 2065 लोगों को हिरासत में लिया गया था. इसी कड़ी में करीब 500000 लोगों को ड्रग एब्यूज प्रीवेंशन ऑफ रिसर्च के तौर पर रजिस्टर किया गया. पंजाब में नशा सीमा पार से आता है पहले तस्कर बॉर्डर से नशा फेंक दिया करते थे जो कई बार बीएसएफ के हाथ लग जाता था लेकिन अब ड्रोन के जरिए नशे की तस्करी की जा रही है. पंजाब पिछले कई सालों से नशे का हब बनकर रह गया है.
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो चंडीगढ़ के जॉइंट डायरेक्टर जी के सिंह ने बताया कि अफीम,भुक्की से लेकर आज हीरोइन ,कोकीन, स्मैक,सिंथेटिक ड्रग, आईस ड्रग जैसे महंगे नशे पंजाब में मिलना आम हो चुके है. पंजाब बॉर्डर स्टेट है ऐसे में नशे की तस्करी विदेशों से होती है. उन्होंने बताया कि जो ड्रग्स आती है उनका रूट पाकिस्तान ही रहता है हालांकि, ईरान अफगानिस्तान और कई कंट्री से भी नशा पाकिस्तान होते हुए भारत ही पहुंचता है.
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के आंकडों के अनुसार
एनडीपीएस एक्ट में दर्ज मामले 5102 है और अब तक गिरफ्तारियां 6813 हो चुकी है.
हेरोइन :- 261.457 किलो
ओपियम :- 297.715 किलो
भुक्की :- 12929.567 किलो
चरस :- 47.063 किलो
गांजा :- 685.609 किलो
दवाइयां/कैप्सूल :- 1.32 करोड़
ड्रग मनी :- 3.84 करोड़
मुख्यमंत्री ने चुनावों में नशे को खत्म करने का किया था वादा
साल 2017 की तो मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चुनावों में कैंपेनिंग के दौरान कहा था कि 4 हफ्तों में नशे को खत्म कर देंगे पर उस वादे को पूरा करने के लिए कैप्टन सरकार ने एसटीएफ का गठन किया था.स्पेशल टास्क फोर्स और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के साथ मिलकर काम करती है. क्योंकि पंजाब बॉर्डर पर स्थित है ऐसे में बीएसएफ काफी काफी योगदान रहता है.
वही तो बात करें मामलों की तो पिछले 5 सालों में नशे के विरुद्ध बनाई गई स्पेशल टास्क फोर्स ने एनडीपीएस के कई मामले दर्ज किए है. यहां तक कि पंजाब पुलिस भी सक्रिय है और हj नशीले पदार्थ बरामद किए जा रहे हैं.
पंजाब पुलिस के डाटा अनुसार
पंजाब पुलिस के डाटा के अनुसार साल 2019 में हीरोइन की बरामदगी की 464 किलो की खेप अब तक किसी एक वर्ष में बरामद की जाने वाली सबसे अधिक खेप है.मार्च 2017 से रिकवरी बहुत बड़ी है 5 गुना विस्तार हुआ है जो वर्ष 2016 में 19 किलो था और 2019 तक 464 किलो हो गया है. वर्ष 2016 में हीरोइन की बरामदगी 19 किलो,2017 में 207 किलो,2018 में 410 किलो और 2019 में 464 किलो थी. वहीं अगर पंजाब में नशे से मृत्यु की संख्या की बात की जाए तो उसमें भी कमी आई है जो वर्ष 2018 में 114 थी और 2019 में घटकर 47 रह गई है.
एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत 33500 केस दर्ज किए गए और 44500 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया और 11000 नशा तस्कर राज्य भर की अलग-अलग जेलों में बंद है.आज पंजाब में नशे के अवैध कारोबार का बिजनेस अब ₹3000 करोड़ के आसपास पहुंच चुका है.