नई दिल्ली: वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को कहा कि ड्रोन से संबंधित नए नियमों के तहत इन उपकरणों का पंजीकरण अनिवार्य किया गया है और एजेंसियां ट्रैकिंग प्रणाली के जरिये संदिग्ध उपकरणों की पहचान कर सकेंगी.
ड्रोन नियम, 2021, बुधवार को जारी किए गए. इसने मानव रहित विमान प्रणाली (यूएएस) नियम, 2021 की जगह ली है, जो 12 मार्च को लागू हुआ था. प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन ने कहा कि ड्रोन नीति के अभाव में, इन उपकरणों को पंजीकृत नहीं किया जाता था और यह भी तय नहीं किया गया था कि उन्हें कहां उड़ाया जाना चाहिए. उन्होंने संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि नए मानदंड सभी ड्रोन के पंजीकरण को निर्धारित करते हैं और इनके तहत विशिष्ट ट्रैकिंग तंत्र काम करेगा.
नागरिक उड्डयन सचिव प्रदीप सिंह खरोला ने ड्रोन के दुरुपयोग और सुरक्षा जोखिम पर एक सवाल के जवाब में कहा कि इस नियम में हमें संदिग्ध ड्रोन की पहचान करने की सुविधा प्रदान की गई है. उन्होंने कहा कि हर कार का एक रजिस्ट्रेशन नंबर होता है और यह जानने के लिए एक तंत्र होता है कि इसका मालिक कौन है.
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खरोला ने कहा कि ड्रोन के साथ भी कुछ ऐसा ही होगा. नियमों में प्रावधान है कि भविष्य में प्रत्येक ड्रोन की एक पहचान होगी। पहली चुनौती एक अच्छे ड्रोन और एक खराब ड्रोन की पहचान करना है.
पीटीआई-भाषा