हैदराबाद: डीआरआई अधिकारियों ने हैदराबाद में दो गुप्त लैब से करीब 50 करोड़ रुपये मूल्य की उत्तेजक दवा मेफेड्रोन का करीब 25 किलोग्राम जब्त किया है. वित्त मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी दी. खुफिया सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए डीआरआई ने 21 दिसंबर को एक अभियान शुरू किया और दो गुप्त लैब का भंडाफोड़ किया. इन दो स्थानों पर दवा बनाने वाले सात लोगों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
मंत्रालय ने कहा कि डीआरआई के अधिकारियों ने 24.885 किलोग्राम मेफेड्रोन को तैयार रूप में जब्त किया, जिसकी कीमत ग्रे मार्केट में 49.77 करोड़ रुपये है. साथ ही इन-प्रोसेस सामग्री, 18.90 लाख रुपये की बिक्री आय, मुख्य कच्चा माल, मशीनरी और तस्करी के लिए इस्तेमाल किए गए वाहन को भी जब्त किया गया है. मंत्रालय ने कहा कि इस गतिविधि के मास्टरमाइंड और मुख्य फाइनेंसर को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में पकड़ा गया, क्योंकि वह 60 लाख रुपये की नकदी के साथ नेपाल भागने की कोशिश कर रहा था. मंत्रालय ने कहा कि गिरफ्तार व्यक्तियों में से कुछ 2016 के डीआरआई मामले में इंदौर में 236 किलोग्राम एफेड्रिन के गुप्त निर्माण के लिए भी आरोपी हैं.
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अप्रैल और नवंबर में किए NDPS पदार्थ जब्त : मंत्रालय ने कहा कि गुप्त प्रयोगशालाओं को बेअसर करने और पूरे ड्रग सिंडिकेट को पकड़ने से नए साल के मद्देनजर और उसके बाद नापाक गतिविधियों को अंजाम देने की उनकी योजना को झटका लगा है. वहीं, अप्रैल-नवंबर, 2022 के बीच, डीआरआई के अधिकारियों ने लगभग 990 किलोग्राम हेरोइन, 88 किलोग्राम कोकीन, 10,000 मेथामफेटामाइन की गोलियां, 2,400 लीटर फेंसेडिल कफ सिरप और कई अन्य हानिकारक एनडीपीएस पदार्थ जब्त किए.
निर्मला सीतारमण ने दिए थे ये निर्देश: इस महीने की शुरुआत में डीआरआई अधिकारियों को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रवर्तन एजेंसियों को 'बड़ी मछलियों' के खिलाफ जाने और देश में अवैध दवाओं के 'पहाड़' भेजने के संचालन को नियंत्रित करने वाले वैश्विक माफिया को पकड़ने के लिए कहा था. मंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि डीआरआई अधिकारी अपराध के मुख्य अपराधियों तक पहुंचने के लिए खुफिया जानकारी साझा करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग और अधिक वैश्विक समन्वय के लिए अधिक पहुंच का निर्माण करें.