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भारत ने लेजर-गाइडेड एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल का सफल फायरिंग परीक्षण किया - DRDO ATGMs tests Fire

डीआरडीओ और भारतीय सेना ने अहमदनगर में स्थित केके रेंज से आर्मर्ड कोर सेंटर एंड स्कूल के समर्थन से लेजर-गाइडेड एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल का सफल फायरिंग परीक्षण किया.

ATGMs tests fire
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Published : Aug 4, 2022, 7:55 PM IST

Updated : Aug 4, 2022, 8:05 PM IST

नई दिल्ली : डीआरडीओ और भारतीय सेना ने चार अगस्त (गुरुवार) को स्वदेशी रूप से विकसित लेजर-गाइडेड एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGMs) का सफल फायरिंग परीक्षण किया. मुख्य युद्धक टैंक (एमबीटी) अर्जुन से अहमदनगर (महाराष्ट्र) में आर्मर्ड कोर सेंटर एंड स्कूल (एसीसी एंड एस) केके रेंज में इसका सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लेजर गाइडेड एटीजीएम के सफल परीक्षण के लिए डीआरडीओ और भारतीय सेना की सराहना की है. रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने इस प्रणाली के डिजाइन, विकास और परीक्षण में शामिल टीमों को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि लेजर गाइडेड एटीजीएम के सफल विकास से एमबीटी अर्जुन की मारक क्षमता में वृद्धि होगी.

पूर्णतया स्वदेशी तरीके से विकसित एटीजीएम एक्सप्लोसिव रिएक्टिव आर्मर (ईआरए) सुरक्षित बख्तरबंद वाहनों से निपटने के लिए एक टेंडेम हाई एक्सप्लोसिव एंटी-टैंक (हीट) वारहेड का इस्तेमाल करता है. एटीजीएम को मल्टी-प्लेटफॉर्म लॉन्च क्षमता के साथ विकसित किया गया है और वर्तमान में एमबीटी अर्जुन की 120 मिमी राइफल्ड गन से इसके तकनीकी मूल्यांकन का परीक्षण चल रहा है.

एटीजीएम के परीक्षण में इस्तेमाल किए गए टैंक की आयामी बाधाओं के कारण निचली सीमाओं पर लक्ष्यों को भेद पाना एक चुनौती रहा है, जिसे एमबीटी अर्जुन के द्वारा सफलतापूर्वक एटीजीएम का परीक्षण कर पूरा किया गया है. इस उपलब्धि के साथ अब एटीजीएम की न्यूनतम से अधिकतम सीमा तक लक्ष्यों को हासिल करने की क्षमता स्थापित की गई है. इससे पहले के परीक्षण अधिकतम रेंज के लिए सफल रहे हैं.

नई दिल्ली : डीआरडीओ और भारतीय सेना ने चार अगस्त (गुरुवार) को स्वदेशी रूप से विकसित लेजर-गाइडेड एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGMs) का सफल फायरिंग परीक्षण किया. मुख्य युद्धक टैंक (एमबीटी) अर्जुन से अहमदनगर (महाराष्ट्र) में आर्मर्ड कोर सेंटर एंड स्कूल (एसीसी एंड एस) केके रेंज में इसका सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लेजर गाइडेड एटीजीएम के सफल परीक्षण के लिए डीआरडीओ और भारतीय सेना की सराहना की है. रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने इस प्रणाली के डिजाइन, विकास और परीक्षण में शामिल टीमों को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि लेजर गाइडेड एटीजीएम के सफल विकास से एमबीटी अर्जुन की मारक क्षमता में वृद्धि होगी.

पूर्णतया स्वदेशी तरीके से विकसित एटीजीएम एक्सप्लोसिव रिएक्टिव आर्मर (ईआरए) सुरक्षित बख्तरबंद वाहनों से निपटने के लिए एक टेंडेम हाई एक्सप्लोसिव एंटी-टैंक (हीट) वारहेड का इस्तेमाल करता है. एटीजीएम को मल्टी-प्लेटफॉर्म लॉन्च क्षमता के साथ विकसित किया गया है और वर्तमान में एमबीटी अर्जुन की 120 मिमी राइफल्ड गन से इसके तकनीकी मूल्यांकन का परीक्षण चल रहा है.

एटीजीएम के परीक्षण में इस्तेमाल किए गए टैंक की आयामी बाधाओं के कारण निचली सीमाओं पर लक्ष्यों को भेद पाना एक चुनौती रहा है, जिसे एमबीटी अर्जुन के द्वारा सफलतापूर्वक एटीजीएम का परीक्षण कर पूरा किया गया है. इस उपलब्धि के साथ अब एटीजीएम की न्यूनतम से अधिकतम सीमा तक लक्ष्यों को हासिल करने की क्षमता स्थापित की गई है. इससे पहले के परीक्षण अधिकतम रेंज के लिए सफल रहे हैं.

Last Updated : Aug 4, 2022, 8:05 PM IST
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