नई दिल्ली: कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि पाकिस्तानी महिला जासूस को संवेदनशील जानकारी देने के आरोप में गिरफ्तार डीआरडीओ पुणे लैब के निदेशक प्रदीप कुरुलकर आरएसएस से जुड़े हुए हैं. ये विभाग पीएम के अधीन है इसलिए उन्होंने पीएम से जवाब मांगा है.
कांग्रेस मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा (Congress media head Pawan Khera) ने कहा, 'डीआरडीओ पुणे लैब के निदेशक प्रदीप कुरुलकर 14 साल से आरएसएस के एक संगठन संस्कार भारती के पदाधिकारी के रूप में आरएसएस से जुड़े हुए हैं. हालांकि अब आरएसएस ने कुरुलकर के साथ संबंधों से इनकार किया है, लेकिन डीआरडीओ निदेशक उन कार्यक्रमों में शामिल होते रहे हैं जहां आरएसएस के शीर्ष पदाधिकारी मौजूद थे. चूंकि डीआरडीओ सीधे पीएम के अधीन आता है, इसलिए उन्हें इस कड़ी को स्पष्ट करना चाहिए.'
कांग्रेस की यह टिप्पणी पिछले हफ्ते पाकिस्तान की एक महिला जासूस को संवेदनशील जानकारी देने के लिए महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते द्वारा कुरुलकर को गिरफ्तार किए जाने के बाद आई है. वैज्ञानिक अक्टूबर 2022 से एटीएस की निगरानी में थे.
खेड़ा ने आरोप लगाया कि यह पहली बार नहीं है कि भाजपा/आरएसएस के किसी पदाधिकारी को सत्तारूढ़ पार्टी और उसके वैचारिक संरक्षक से जोड़ा गया है, लेकिन अतीत में भी इस तरह के उदाहरण सामने आए हैं.
खेड़ा ने कहा कि 'इससे पहले एमपी बीजेपी आईटी सेल के प्रभारी ध्रुव सक्सेना का मामला सामने आया था, जिनके पाकिस्तान की ISI से संबंध थे. फिर नांदेड़ में आरएसएस के एक पदाधिकारी यशवंत शिंदे थे जिन्होंने अदालत में हलफनामा दिया कि उन्होंने बम बनाने का प्रशिक्षण प्राप्त किया है. RSS एक गैर पंजीकृत संगठन है. अब वे कुरुलकर के साथ किसी भी तरह के संबंध से इनकार करते हैं लेकिन इंटरनेट पर ऐसी तस्वीरें और वीडियो उपलब्ध हैं जो आरएसएस के साथ उनके संबंध दिखाते हैं.'
उन्होंने कहा कि 'एक वीडियो में कुरुलकर एक कार्यक्रम में अपनी किताब के बारे में बात कर रहे हैं, जहां मंच पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी बैठे हैं. हम पीएम से जानना चाहेंगे कि ये रिश्ता क्या कहलाता है.'
खेड़ा के अनुसार, 'कुरुलकर आरएसएस की चौथी पीढ़ी के पदाधिकारी हैं और पुणे में आरएसएस के कार्यक्रमों में सैक्सोफोन बजाते रहे हैं. एक कार्यक्रम में, कुरुलकर आरएसएस की वर्दी पहने एक सभा को संबोधित करते हुए दिखाई दे रहे हैं.' कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी ने पठानकोट आतंकी हमले के बाद संयुक्त जांच के लिए पाकिस्तान की आईएसआई को आमंत्रित किया था.
खेड़ा ने कहा कि 'हमें पता चला है कि कुरुलकर को हनीट्रैप में फंसाया गया, लेकिन असली हनी ट्रैप यह था कि आप डीआरडीओ में थे और आरएसएस के कार्यक्रमों में भाग ले रहे थे. वह देर रात से व्हाट्सएप पर जासूसी करने वाली महिला से चैट कर रहा था. लेकिन सरकार को इसकी भनक तक नहीं लगी.'
खेड़ा ने कहा कि 'सरकार ने नागरिकों के मोबाइल फोन पर जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस रखा है, लेकिन अगर कुरुकलर के मोबाइल पर पेगासस का इस्तेमाल किया गया होता तो सरकार को समय रहते इस तरह की जासूसी का पता चल जाता.'
उन्होंने कहा कि 'केंद्र सरकार ने पठानकोट ब्लास्ट में आईएसआई को क्लीन चिट दे दी थी. डीआरडीओ की स्थापना जवाहरलाल नेहरू ने की थी और यह पुणे प्रयोगशाला इंदिरा गांधी द्वारा स्थापित की गई थी. वे हमारे पूर्व प्रधानमंत्रियों पर हर समय हमला करते हैं लेकिन आज उसी संगठन में आरएसएस से जुड़ा एक जासूस बैठा है. कुरुलकर आकाश और अग्नि मिसाइल कार्यक्रमों में अहम भूमिका निभा रहे थे. इस मामले पर चर्चा होनी चाहिए.'
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