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यूपी : जनसंख्या कानून का ड्राफ्ट तैयार, दो से अधिक बच्चे तो होगी दिक्कत

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Published : Jul 10, 2021, 2:48 PM IST

उत्तर प्रदेश में बढ़ती जनसंख्या के मद्देनजर जनसंख्या नियंत्रण विधेयक-2021 का मसौदा तैयार किया गया है. पढ़ें पूरी खबर...

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लखनऊ : उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण कानून लाए जाने की तैयारी तेज कर दी गई है. आने वाले समय में उत्तर प्रदेश में दो से अधिक बच्चे वालों की सुविधाओं में कटौती की जाएगी. पंचायत से लेकर निकाय चुनाव लड़ने से रोक होगी. सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा. यह व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर करेगा कि वह कानून मानना चाहता है या फिर नहीं. अगर कोई व्यक्ति कानून मानता है तो सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा. यदि नहीं मानता है तो इससे वंचित रहेगा.

उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग ने जनसंख्या नियंत्रण विधेयक-2021 का मसौदा तैयार करके वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है. लोगों से सुझाव मांगे गए हैं. इसके बाद आयोग यह मसौदा राज्य सरकार को सौंपेगा. सरकार अध्ययन करके लागू करेगी.

दूसरे राज्यों के कानून का अध्ययन कर बनाया गया विधेयक

राज्य विधि आयोग के चेयरमैन जस्टिस एएन मित्तल कहते हैं कि आजादी के समय से ही जनसंख्या नियंत्रण कानून लाए जाने की जरूरत थी. हमने स्वतः संज्ञान लेकर इस कानून को बनाने के लिए कदम उठाया है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनसंख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. जनसंख्या वृद्धि पर रोक लगाया जाना आवश्यक हो गया है. कई राज्य इस दिशा में कदम उठाए हैं. जनसंख्या पर रोक नहीं लगाया गया तो बेरोजगारी, भुखमरी समेत अन्य समस्याएं बढ़ती जाएंगी. इसलिए जनसंख्या नियंत्रण को लेकर असम, राजस्थान और मध्य प्रदेश में लागू कानूनों का अध्ययन किया गया है.

बेरोजगारी और भुखमरी समेत अन्य पहलुओं को ध्यान में रखकर एक मसौदा तैयार किया गया है. इसके बाद सरकार इसे प्रदेश में कानून के रूप में लागू करेगी. जिन लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ लेना होगा वे कानून का पालन भी करेंगे.

पढ़ें :- 'कुछ लोग तैयार कर रहे क्रिकेट टीम, चीन की तरह एक ही बच्चा पैदा करें'

उन्होंने बताया कि हमने अपने मसौदे में शामिल किया है कि अगर कोई व्यक्ति दो बच्चों की नीति नहीं अपनाता है तो उसका राशन कार्ड स्थगित कर दिया जाए. उसे सरकार द्वारा मिलने वाली तमाम सेवाओं से वंचित कर दिया जाएगा. विपक्ष के चुनावी साल में ऐसा कानून लाने के आरोप में जस्टिस मित्तल कहते हैं कि बहुत गलत है. सरकार ने इसमें कोई पहल नहीं की है. हमने स्वतः संज्ञान लेकर मसौदा तैयार किया है.

उत्तर प्रदेश में जनसंख्या की स्थिति

2011 की जनगणना के अनुसार उत्तर प्रदेश की आबादी करीब 20 करोड़ थी. मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश की अनुमानित जनसंख्या करीब 24 करोड़ मानी जा रही है. धर्म के आधार पर 2011 में उत्तर प्रदेश में हिंदुओं की आबादी करीब 16 करोड़ थी. यह कुल आबादी का करीब 80 फ़ीसदी था. वहीं, मुसलमानों की आबादी करीब चार करोड़ के आसपास रही है. ईसाई की करीब चार लाख, सिख की साढ़े छह लाख और जैन की दो लाख 30 हजार जनसंख्या रही है.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण कानून लाए जाने की तैयारी तेज कर दी गई है. आने वाले समय में उत्तर प्रदेश में दो से अधिक बच्चे वालों की सुविधाओं में कटौती की जाएगी. पंचायत से लेकर निकाय चुनाव लड़ने से रोक होगी. सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा. यह व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर करेगा कि वह कानून मानना चाहता है या फिर नहीं. अगर कोई व्यक्ति कानून मानता है तो सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा. यदि नहीं मानता है तो इससे वंचित रहेगा.

उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग ने जनसंख्या नियंत्रण विधेयक-2021 का मसौदा तैयार करके वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है. लोगों से सुझाव मांगे गए हैं. इसके बाद आयोग यह मसौदा राज्य सरकार को सौंपेगा. सरकार अध्ययन करके लागू करेगी.

दूसरे राज्यों के कानून का अध्ययन कर बनाया गया विधेयक

राज्य विधि आयोग के चेयरमैन जस्टिस एएन मित्तल कहते हैं कि आजादी के समय से ही जनसंख्या नियंत्रण कानून लाए जाने की जरूरत थी. हमने स्वतः संज्ञान लेकर इस कानून को बनाने के लिए कदम उठाया है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनसंख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. जनसंख्या वृद्धि पर रोक लगाया जाना आवश्यक हो गया है. कई राज्य इस दिशा में कदम उठाए हैं. जनसंख्या पर रोक नहीं लगाया गया तो बेरोजगारी, भुखमरी समेत अन्य समस्याएं बढ़ती जाएंगी. इसलिए जनसंख्या नियंत्रण को लेकर असम, राजस्थान और मध्य प्रदेश में लागू कानूनों का अध्ययन किया गया है.

बेरोजगारी और भुखमरी समेत अन्य पहलुओं को ध्यान में रखकर एक मसौदा तैयार किया गया है. इसके बाद सरकार इसे प्रदेश में कानून के रूप में लागू करेगी. जिन लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ लेना होगा वे कानून का पालन भी करेंगे.

पढ़ें :- 'कुछ लोग तैयार कर रहे क्रिकेट टीम, चीन की तरह एक ही बच्चा पैदा करें'

उन्होंने बताया कि हमने अपने मसौदे में शामिल किया है कि अगर कोई व्यक्ति दो बच्चों की नीति नहीं अपनाता है तो उसका राशन कार्ड स्थगित कर दिया जाए. उसे सरकार द्वारा मिलने वाली तमाम सेवाओं से वंचित कर दिया जाएगा. विपक्ष के चुनावी साल में ऐसा कानून लाने के आरोप में जस्टिस मित्तल कहते हैं कि बहुत गलत है. सरकार ने इसमें कोई पहल नहीं की है. हमने स्वतः संज्ञान लेकर मसौदा तैयार किया है.

उत्तर प्रदेश में जनसंख्या की स्थिति

2011 की जनगणना के अनुसार उत्तर प्रदेश की आबादी करीब 20 करोड़ थी. मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश की अनुमानित जनसंख्या करीब 24 करोड़ मानी जा रही है. धर्म के आधार पर 2011 में उत्तर प्रदेश में हिंदुओं की आबादी करीब 16 करोड़ थी. यह कुल आबादी का करीब 80 फ़ीसदी था. वहीं, मुसलमानों की आबादी करीब चार करोड़ के आसपास रही है. ईसाई की करीब चार लाख, सिख की साढ़े छह लाख और जैन की दो लाख 30 हजार जनसंख्या रही है.

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