नई दिल्ली : पंजाब चुनाव 2022 के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर 'खालिस्तान' (vishwas kejriwal khalistan row) को लेकर आरोप लगे हैं. कभी केजरीवाल के सहयोगी रहे कवि डॉ कुमार विश्वास के बयान के बाद राहुल गांधी, पीएम मोदी समेत कई नेताओं ने केजरीवाल को कठघरे में खड़ा किया है. विश्वास ने पंजाब में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार के दौरान केजरीवाल पर अलगाववादियों का समर्थन करने का आरोप लगाया था.
इसी बीच शुक्रवार को समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि केंद्र सरकार डॉ कुमार विश्वास की सुरक्षा की समीक्षा (Dr Kumar Vishwas Security Review) करेगी. बता दें कि कवि कुमार विश्वास आम आदमी पार्टी (आप) के संस्थापक सदस्यों में शामिल रहे हैं. उन्होंने केजरीवाल पर अलगाववाद से परहेज न करने और किसी भी कीमत पर सत्ता हासिल करने के प्रयास करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि सत्ता हासिल करने के लिए वह किसी भी हद तक गिर सकता है, उसे (केजरीवाल) मुझसे बेहतर कोई नहीं जानता.
सीएम केजरीवाल की सफाई के बाद डॉ कुमार विश्वास ने कहा, मासूम चेहरा बनाकर सफेद झूठ बोलने में उसे महारत हासिल है. उन्होंने कहा कि पूरे बयान में उसने (केजरीवाल) ने कवि, हास्यास्पद जैसी बातें कहीं, लेकिन ये नहीं बताया कि उन्होंने पिछले पंजाब चुनाव में अलगाववादियों के साथ साहनुभूति रखने वाले लोगों के साथ बैठकें की या नहीं. विश्वास ने कहा कि अगर केजरीवाल कहते हैं कि राहुल-पीएम मोदी एक स्वर में कैसे बात कर रहे हैं तो इसका सीधा जवाब है कि राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दे पर उन्हें देश की अखंडता की परवाह करने की तमीज है.
विश्वास ने केजरीवाल को चुनौती दी और कहा, केजरीवाल को सामने आना चाहिए और कहना चाहिए कि वह खालिस्तान के खिलाफ है. ऐसा कहने में उन्हें क्या समस्या है. उन्होंने कहा कि स्वराज की बातें करने वाले आदमी ने खुद अपनी पार्टी का संविधान बदल दिया. आप विरोधी दलों की ओर से बोलने के आरोप पर विश्वास ने कहा, केजरीवाल को खुद बताना चाहिए कि वह किन लोगों से मिलते रहे हैं. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो मैं खुद (विश्वास) बता दूंगा. भगत सिंह का चेला बताने को लेकर विश्वास ने कहा कि कम से कम भगत सिंह के नाम का गलत इस्तेमाल न करें.
समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया कि केंद्र सरकार आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व नेता कुमार विश्वास की सुरक्षा की समीक्षा कर रही है और उन्हें एक केंद्रीय एजेंसी के जरिए सुरक्षा मुहैया करायी जा सकती है. आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि विश्वास के आप संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ आरोप लगाए जाने के बाद यह कदम उठाया गया है.
सूत्रों ने बताया, 'सरकार कुमार विश्वास की सुरक्षा की समीक्षा कर रही है. समीक्षा करने के बाद तथा खुफिया सूचनाओं के आधार पर खतरे का आकलन करते हुए उन्हें सुरक्षा दे सकती है.' समीक्षा के बाद विश्वास को एक केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी के जरिए सुरक्षा दी जा सकती है.
विश्वास के आरोप
मुंबई में समाचार एजेंसी एएनआई को एक सवाल के जवाब में 2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव का जिक्र किया था. बकौल डॉ कुमार विश्वास, उसने (केजरीवाल) कहा कि चिंता मत कर या तो मैं एक स्वतंत्र सूबे का मुख्यमंत्री बनूंगा या स्वतंत्र देश का पहला प्रधानमंत्री (kejriwal khalistan PM statement).
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कुमार विश्वास ने कहा, अलगाववाद और 2020 रेफरेंडम की इंटरनेशनल फंडिंग और आईएसआई को लेकर चिंता जताने पर उसने (केजरीवाल) कहा, तो क्या हुआ स्वतंत्र देश का पहला प्रधानमंत्री (kejriwal khalistan PM statement) बनूंगा. उन्होंने कहा कि इस आदमी की सोच में अलगाववाद को लेकर कई चिंता नहीं, वह (केजरीवाल) किसी भी कीमत पर सत्ता चाहता है.