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निलंबित तृणमूल सांसदों के हंगामे के कारण राज्यसभा लॉबी के द्वार का शीशा टूटा - ruckus by suspended Trinamool

राज्यसभा में अशोभनीय व्यवहार के कारण तृणमूल कांग्रेस के छह सदस्यों को एक दिन के लिए निलंबित करने के बाद उन्होंने उच्च सदन की लॉबी में विरोध प्रदर्शन किया, जिससे एक द्वार का शीशा टूट गया है. सूत्रों ने बताया कि इस समूची घटना के बारे में रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जिसे राज्यसभा के महासचिव को सौंपा जाएगा.

राज्यसभा
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Published : Aug 4, 2021, 9:14 PM IST

नई दिल्ली : राज्यसभा में अशोभनीय व्यवहार के कारण तृणमूल कांग्रेस के छह सदस्यों को एक दिन के लिए निलंबित करने के बाद उन्होंने उच्च सदन की लॉबी में विरोध प्रदर्शन किया, जिससे एक द्वार का शीशा टूट गया और एक महिला सुरक्षा अधिकारी को चोट आयी. सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी.

राज्यसभा सचिवालय के सूत्रों ने बताया कि निलंबित किए जाने के बाद जब सचिवालय ने इन सदस्यों से सदन की कार्यवाही में भाग नहीं लेने को कहा तो उन्होंने राज्यसभा की गैलरी में प्रवेश करने का प्रयास किया किंतु उन्हें सुरक्षा अधिकारियों ने रोक दिया.

सूत्रों ने बताया कि इसके बाद उन सदस्यों ने केंद्रीय कक्ष के समीप गैलरी के प्रवेश स्थल पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया और वे गाना गाने लगे.

उन्होंने बताया कि बुधवार को जब सदन की बैठक को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया, तो निलंबित सदस्यों ने कथित रूप से जबरदस्ती राज्यसभा के सदन कक्ष में प्रवेश करने का प्रयास किया. इसी दौरान सांसद अर्पिता घोष ने लॉबी के द्वार के शीशे को कथित तौर पर तोड़ दिया जिससे सुरक्षा अधिकारी को चोट लग गई.

सूत्रों ने बताया कि इस समूची घटना के बारे में रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जिसे राज्यसभा के महासचिव को सौंपा जाएगा. इससे पहले राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने पेगासस जासूसी मुद्दे पर तख्तियां लेकर विरोध प्रदर्शन करने को लेकर तृणमूल कांग्रेस के छह सांसदों को दिन भर के लिए निलंबित कर दिया था.

सुबह शून्यकाल में तृणमूल कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सदस्य आसन के समीप आ गए थे और पेगासस जासूसी मुद्दे को लेकर सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे थे। वे इस मुद्दे पर सदन में चर्चा कराए जाने की मांग कर रहे थे.

नायडू ने सदन में तख्तियां प्रदर्शित करने पर आपत्ति जतायी और आसन की अवज्ञा कर हंगामा करने वाले सदस्यों से नियम 255 के तहत सदन से बाहर जाने को कहा। उन्होंने स्वयं किसी का नाम नहीं लिया और राज्यसभा सचिवालय से इन सदस्यों के नाम देने को कहा.

बाद में एक संसदीय बुलेटिन में बताया गया कि जिन छह सदस्यों को पूरे दिन के लिए निलंबित किया गया है उनमें तृणमूल की डोला सेन, मोहम्मद नदीमुल हक, अबीर रंजन विश्वास, शांता छेत्री, अर्पिता घोष एवं मौसम नूर शामिल हैं.

पढ़ें- 2019 में UAPA के तहत 1948 लोगों को किया गिरफ्तार, 34 आरोपियों पर आरोप हुए सिद्ध

बुलेटिन में कहा गया, 'राज्यसभा के ये सदस्य तख्तियां लेकर आसन के समक्ष आ गये. आसन की आज्ञा का पालन नहीं किया और आज सुबह उनका आचरण पूरी तरह से अनुचित था. सभापति ने उन्हें नियम 255 के तहत सदन से बाहर निकल जाने के लिए कहा था.' इसमें कहा गया कि ये छह सदस्य दिन की शेष बैठक में भाग नहीं लेंगे.

गौरतलब है कि नियम 255 के तहत नाम लिए जाने पर सदस्यों को पूरे दिन के लिए सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया जाता है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : राज्यसभा में अशोभनीय व्यवहार के कारण तृणमूल कांग्रेस के छह सदस्यों को एक दिन के लिए निलंबित करने के बाद उन्होंने उच्च सदन की लॉबी में विरोध प्रदर्शन किया, जिससे एक द्वार का शीशा टूट गया और एक महिला सुरक्षा अधिकारी को चोट आयी. सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी.

राज्यसभा सचिवालय के सूत्रों ने बताया कि निलंबित किए जाने के बाद जब सचिवालय ने इन सदस्यों से सदन की कार्यवाही में भाग नहीं लेने को कहा तो उन्होंने राज्यसभा की गैलरी में प्रवेश करने का प्रयास किया किंतु उन्हें सुरक्षा अधिकारियों ने रोक दिया.

सूत्रों ने बताया कि इसके बाद उन सदस्यों ने केंद्रीय कक्ष के समीप गैलरी के प्रवेश स्थल पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया और वे गाना गाने लगे.

उन्होंने बताया कि बुधवार को जब सदन की बैठक को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया, तो निलंबित सदस्यों ने कथित रूप से जबरदस्ती राज्यसभा के सदन कक्ष में प्रवेश करने का प्रयास किया. इसी दौरान सांसद अर्पिता घोष ने लॉबी के द्वार के शीशे को कथित तौर पर तोड़ दिया जिससे सुरक्षा अधिकारी को चोट लग गई.

सूत्रों ने बताया कि इस समूची घटना के बारे में रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जिसे राज्यसभा के महासचिव को सौंपा जाएगा. इससे पहले राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने पेगासस जासूसी मुद्दे पर तख्तियां लेकर विरोध प्रदर्शन करने को लेकर तृणमूल कांग्रेस के छह सांसदों को दिन भर के लिए निलंबित कर दिया था.

सुबह शून्यकाल में तृणमूल कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सदस्य आसन के समीप आ गए थे और पेगासस जासूसी मुद्दे को लेकर सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे थे। वे इस मुद्दे पर सदन में चर्चा कराए जाने की मांग कर रहे थे.

नायडू ने सदन में तख्तियां प्रदर्शित करने पर आपत्ति जतायी और आसन की अवज्ञा कर हंगामा करने वाले सदस्यों से नियम 255 के तहत सदन से बाहर जाने को कहा। उन्होंने स्वयं किसी का नाम नहीं लिया और राज्यसभा सचिवालय से इन सदस्यों के नाम देने को कहा.

बाद में एक संसदीय बुलेटिन में बताया गया कि जिन छह सदस्यों को पूरे दिन के लिए निलंबित किया गया है उनमें तृणमूल की डोला सेन, मोहम्मद नदीमुल हक, अबीर रंजन विश्वास, शांता छेत्री, अर्पिता घोष एवं मौसम नूर शामिल हैं.

पढ़ें- 2019 में UAPA के तहत 1948 लोगों को किया गिरफ्तार, 34 आरोपियों पर आरोप हुए सिद्ध

बुलेटिन में कहा गया, 'राज्यसभा के ये सदस्य तख्तियां लेकर आसन के समक्ष आ गये. आसन की आज्ञा का पालन नहीं किया और आज सुबह उनका आचरण पूरी तरह से अनुचित था. सभापति ने उन्हें नियम 255 के तहत सदन से बाहर निकल जाने के लिए कहा था.' इसमें कहा गया कि ये छह सदस्य दिन की शेष बैठक में भाग नहीं लेंगे.

गौरतलब है कि नियम 255 के तहत नाम लिए जाने पर सदस्यों को पूरे दिन के लिए सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया जाता है.

(पीटीआई-भाषा)

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