जमुई: बिहार के जमुई जिले में मध्यप्रदेश के सीधी जिले की तरह एक आदिवासी के साथ दबंगयी की गयी. एक पुलिसवाले ने मुफ्त में जामुन नहीं देने पर एक आदिवासी महिला की जामुन से भरी टोकरी सड़क पर उलट दी. लेकिन, यहां एक अच्छी बात यह रही कि एक दूसरे पुलिस वाले ने इस घटना का विरोध किया. इसके बाद उस भले पुलिसवाले का साथ आसपास के लोगों ने भी दिया. आरोपी पुलिसवाले के पक्ष में भी कुछ पुलिसवाले खड़े हो गये थे. लेकिन अन्ततः दबंगयी करने वाले पुलिसवाले को हर्जाना देना पड़ा.
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क्या है मामलाः टाउन थाना क्षेत्र के कचहरी चौक पर अंबेडकर मूर्ति के सामने की घटना है. एक आदिवासी महिला जंगल से जामुन तोड़कर लाती और यहां बैठकर बेचा करती थी. इस दौरान उसकी गोद में छोटा बच्चा भी रहता है. रोज की तरह महिला सड़क किनारे जामुन बेच रही थी तभी कैदियों को कचहरी लेकर आये वैन के एक पुलिसवाले ने टोकरी से जामुन उठा लिया. महिला ने पैसे मांगे तो वह आग बबूला हो उठा. पुलिसिया हनक दिखाते हुए उसकी टोकरी में एक लात मारी. टोकरी का सारा जामुन उसके बूट के नीचे आ गया. फिर बूट से जामुन को कुचलते और महिला को चेतावनी देते हुए जाने लगा.
पुलिसवाले ने किया विरोधः जब एक पुलिसवाला बूट के नीचे एक गरीब आदिवासी महिला की रोजी रोटी को कुचल रहा था उस वक्त वहां पर एक भला पुलिसवाला पहुंच गया. वह सिविल ड्रेस में था. उसने जामुन की टोकरी पलटने वाले सिपाही को पकड़ लिया. महिला के नुकसान की भरपायी करने को बोला. इस दौरान आसपास खड़े लोग भी आक्रोशित हो गये. आरोपी पुलिस वाले से पैसे देने की बात कहने लगे. हंगामा बढ़ता देख कैदी वाहन के साथ आये अन्य पुलिसवाले भी मौके पर पहुंच गया.
महिला को दिया जुर्मानाः वे अपने साथी का पक्ष लेते हुए महिला के द्वारा अवैध तरीके से दुकान लगाने की दलील देने लगे. इस पर मददगार पुलिस वाले ने उनसभी को उसकी ड्यूटी याद दिलायी. उनसे कहा कि अतिक्रमण हटाने के लिए वे लोग नहीं आये हैं. महिला को हर्जाना देने की बात दोहरायी. इस बीच मौके पर जुटे लोग उग्र हो गये. न्यायालय के पास बात बढ़ता देख आरोपी पुलिसवाले ने हर्जाना देने में भलाई समझी. बताया जाता है कि उसने 400 रुपये आदिवासी महिला को दी.
पुलिस की दबंगयी से आक्रोशः वीडियो में भी साफ देखा जा सकता दो लोगों में बकझक हो रही है. एक सिविल ड्रेस वाला पुलिवाला है जो गरीब महिला के पक्ष में खड़ा था. वर्दीधारी पुलसवालों से साफ कह रहा है इस गरीब का जो नुकसान हुआ है उसका पैसा दिलवाइऐ वर्ना छोडूंगा नहीं. न्यायालय के पास पुलिसवाले की इस हरकत से लोगों का काफी आक्रोश था. तब किसी तरह बीच-बचाव करके गरीब आदिवासी को समझा-बुझाकर मामले को संभाला गया. एमपी के सीधी में हुई घटना से लोग दुखी तो थे ही इस घटना ने जमुई वासियों के मन में पुलिस के प्रति घृणा पैदा कर दिया. वह तो एक पुलिस वाले ने आदिवासी महिला का पक्ष लेकर मोर्चा संभाला तो स्थिति संभल गई.