हैदराबाद : कोरोना महामारी के कारण लगभग सभी राज्याें में लॉकडाउन लगाया गया है. इस दौरान ज्यादातर लाेग घर से ही दफ्तर का काम कर रहे हैं. ऐसे में देखा जा रहा है कि पति-पत्नी के बीच झगड़े ज्यादा हाे रहे हैं. बात यहीं तक सीमित नहीं हैं. पत्नियां अपने पतियों के साथ 24 घंटे घर पर बिताने में असमर्थ हैं.
इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस महामारी के दौरान घरेलू हिंसा और तलाक के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी गई है. कोरोना महामारी महिलाओं के लिए नई मुश्किलें लेकर आई है. लॉकडाउन और 'वर्क फ्रॉम होम' की सुविधा के कारण समस्याएं और जटिल हाे गई हैं.
तेलंगाना की बात करें ताे पिछले डेढ़ साल में राज्य में घरेलू हिंसा के मामलाें में तेजी आई है.
बता दें कि यहां ढाई साल पहले महिला सहायता केंद्र की स्थापना की गई. पिछले ढाई साल की तुलना में पिछले एक से डेढ़ साल में घरेलू हिंसा की अधिक शिकायतें मिलीं हैं.
प्रतिदिन औसतन लगभग 28 मामले सामने आ रहे हैं. अब तक 10,338 मामले सामने आए हैं.
मार्च 2021 तक 10,338 मामले
अगस्त 2017 में राज्य महिला एवं बाल कल्याण विभाग ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए चौबीसों घंटे कार्यरत महिला सहायता केंद्र-181 की स्थापना की थी.
तब से लेकर पिछले साल फरवरी तक यानी लगभग ढाई साल में घरेलू हिंसा के 8,148 मामले दर्ज किए गए.
कोरोना काल में यानी मार्च 2021 तक 10,338 मामले सामने आए थे. यौन उत्पीड़न के मामले भी उसी अनुपात में बढ़े हैं. पिछले साल अकेले अप्रैल-मार्च में 975 मामले सामने आए.
बच्चों पर अत्याचार
इस दाैरान बच्चाें की सुरक्षा भी प्रभावित हुई है. यह चिंता का विषय है कि पिछले एक साल के दौरान बच्चों के यौन शोषण के 241 मामले दर्ज किए गए. वहीं अब तक कुल 491 मामले सामने आ चुके हैं.
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