नई दिल्ली : कोविड -19 महामारी की विनाशकारी दूसरी लहर आने के महीनों बाद एक अगस्त को देश में 2, 69,713 यात्रियों ने उड़ान भरी. नागरिक उड्डयन मंत्रालय (Ministry of Civil Aviation) के आंकड़ों के अनुसार घरेलू एयरलाइंस (domestic airlines) ने पूरे भारत में 2,065 उड़ानों में 2,69,713 यात्रियों को ले जाया, जबकि इसके अगले दिन यात्रियों की संख्या घटकर 2,38,489 हो गई.
घरेलू उड़ान भरने वालों की संख्या में रिकॉर्ड उछाल का विश्लेषण करते हुए. एविएशन कंसल्टेंसी और रिसर्च फर्म (aviation consultancy and research firm) CAPA ने कहा कि एक और दो अगस्त को घरेलू पैक्स (domestic pax ) 250k / दिन तक पहुंच गए, जो जुलाई के दैनिक औसत से लगभग 100k अधिक है. यह किराए के निचले स्तर पर बेचे जाने के कारण था, क्योंकि कैप के विस्तार की अधिसूचना में देरी हुई थी.
एविएशन कंसल्टेंसी ने कहा कि यह दर्शाता है कि बाजार को कम किराए (lower fares) से प्रेरित किया जा सकता है. मूल्य विनियमन (Price regulation) विकास को बाधित कर रहा है और इसकी निरंतरता एयरलाइन वित्तीय को प्रभावित करेगी. विशेष रूप से, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कोविड से पहले 5 जुलाई को घरेलू एयरलाइनों को 65 प्रतिशत पर संचालित करने की अनुमति दी थी.
मई 2020 के बाद पहली बार सरकार ने घरेलू एयरलाइंस की क्षमता (domestic airlines capacity) को एक जून से 80 फीसदी से घटाकर 50 फीसदी कर दिया.
एक विमानन विशेषज्ञ ने कहा कि 31 जुलाई तक मूल्य सीमा प्रभावी होने के कारण उड़ान भरने वालों की संख्या में उछाल आया और इससे एयरलाइंस को कम कीमत पर टिकट बेचने के लिए पर्याप्त समय मिल गया. उन्होंने कहा कि डीजीसीए द्वारा अपना आदेश बढ़ाने के तुरंत बाद, टिकट की कीमतें पहले की तरह ही हो गईं.
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पिछले हफ्ते, ब्रोकरेज फर्म आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज (brokerage firm ICICI Securities ) ने एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें कहा गया कि भारत में हवाई यात्री यातायात (Air passenger traffic) सातवें सप्ताह से बढ़ा है.
17 जुलाई से औसतन उड़ान 1,623 से बढ़कर 1,785 पहुंच गई. पूर्व सप्ताह में प्रति प्रस्थान उड़ान भरने वालों की संख्या तेजी से गिरकर 102 से 93 हो गई.