नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन (Dr Harsh Vardhan) ने कोविड-19 महामारी के दौरान ड्यूटी समय से परे जाकर मरीजों का इलाज करने और सदी की सबसे बड़ी चुनौती से देश को बाहर निकालने में मदद करने के लिए बृहस्पतिवार को डॉक्टरों की प्रशंसा की.
राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस (नेशनल डॉक्टर्स डे) के मौके पर हर्षवर्धन ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिये प्रख्यात चिकित्सकों, आयुर्विज्ञान के प्रोफेसरों और चिकित्सा जगत की हस्तियों को संबोधित किया. इस मौके पर उन्होंने महामारी के दौरान जान गंवाने वाले डॉक्टरों को श्रद्धांजलि अर्पित की.
उन्होंने कहा, 'सामान्य तौर पर इस दिन को अधिक हर्षोल्लास और उत्साह से मनाया जाना चाहिए लेकिन मैं कुछ नहीं कर सकता बल्कि चिकित्सा जगत की कई महान आत्माओं के जाने से दुखी हूं जिनमें से अधिकतर समय से पहले चले गए.'
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स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी बयान में हर्षवर्धन को उद्धृत करते हुए कहा गया, 'उनकी क्षति दुर्भाग्यपूर्ण है और बावजूद इसके चिकित्सा जगत के लिए यह गर्व और प्रेरणा का मामला है. इतिहास गवाह रहेगा कि जब भी मानवता को बचाने की जरूरत पड़ी डॉक्टर कर्तव्य निर्वहन के लिए आगे आए.'
उन्होंने कहा कि अगर चिकित्सा समुदाय में साथी नागरिकों की पीड़ा के प्रति करुणा नहीं होती तो इस महामारी की कहानी अधिक निराशाजनक होती. हर्षवर्धन ने कहा, 'कई डॉक्टर घर में आराम से रहने का विकल्प चुन सकते थे लेकिन आप में से किसी ने भी ऐसा नहीं किया. इसके उलट हमने देखा कि वृद्ध और सेवानिवृत्त डॉक्टर स्वेच्छा से जरूरत के समय मदद के लिए सामने आए.'
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, 'हमने मेडिकल विद्यार्थियों, युवाओं में उत्साह देखा जिन्होंने कुछ साल पहले ही वयस्क अवस्था में कदम रखा है, जिन्हें खतरों की जानकारी है लेकिन देश को सदी की इस सबसे बड़ी चुनौती से निकालने में मदद के लिए वे तत्पर रहे.'