सीकर. राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में पहली बार डॉक्टर इस प्रकार से लामबंद हुए हैं. उन्होंने घर और क्लीनिक पर भी मरीजों को देखना बंद कर दिया है. राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में डॉक्टर लगातार बीते एक सप्ताह से हड़ताल पर हैं. शहर के सभी निजी अस्पतालों में ताले लगे हुए हैं. आरटीएच बिल के विरोध में डॉक्टर ऐसे उतरे हैं कि न तो आउटडोर में, न ही इंडोर में मरीजों को उपचार मिल रहा है.
निजी अस्पतालों में मरीजों के इलाज का काम बिल्कुल ही ठप पड़ा है. जिसके कारण मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वर्तमान में मौसम में परिवर्तन के कारण बच्चे और बुजुर्ग वायरल की चपेट में आ रहे हैं, लेकिन निजी चिकित्सकों की हड़ताल के कारण उन्हें प्राइवेट में इलाज नहीं मिल पा रहा है. दूसरी, तरफ सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. सरकारी अस्पतालों के आंकड़ों की माने तो अस्पतालों में मरीजों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है. जिसके कारण मरीजों को इलाज के लिए घंटों लंबी लाइन में अपनी बारी का इंतजार करना पड़ रहा है.
गोलगप्पे बेचने वाली महिला डॉक्टर
राजस्थान विधानसभा में पारित राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में प्रदेश के डॉक्टरों के साथ-साथ सीकर जिले के निजी चिकित्सक भी हड़ताल पर हैं. डॉक्टर धरना देकर, रैली और कैंडल मार्च निकालकर लगातार अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. सीकर के नवलगढ़ रोड पर स्थित एक निजी अस्पताल की महिला चिकित्सक ने अपने अस्पताल पर ताला लगा दिया है. उसी के बाहर रेहड़ी पर गोलगप्पे बेच कर अपना विरोध जता रहीं हैं.
महिला चिकित्सक डॉक्टर अनीता ने पोस्टर में अपने अस्पताल का नाम खीचड़ हॉस्पिटल से बदलकर पुचका भंडार कर दिया. पोस्टर में नीचे लिखा है कि पहले यहां सामान्य डिलीवरी, ऑपरेशन, नसबंदी जैसे काम किए जाते थे. लेकिन अब यहां मीठे पुचके, खट्टे पुचके, तीखे पुचके और दही वाले पुचके बेचे जाते हैं. अंत में डॉक्टर ने अपना नाम लिखा है अनीता पुचके वाली पूर्व चिकित्सक निजी अस्पताल.