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उत्तराखंड: डॉक्टरों ने जिंदा मरीज को बताया मृत, अंतिम संस्कार के दौरान हुआ खुलासा

उत्तराखंड में डोईवाला के एक अस्पताल की लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है. अस्पताल ने मरीज को वेंटिलेटर पर रखने के बाद मृत घोषित कर दिया. मरीज के परिजन अंतिम संस्कार के लिए उसे घर लाए तो इस बीच पता चला कि वो तो जिंदा है. इसके बाद मरीज को फिर से दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मामला खानपुर क्षेत्र के कर्णपुर गांव का है.

Doctors told alive patient dead, revealed during funeral
डोईवाला के अस्पताल ने जिंदा मरीज को बताया मृत, अंतिम संस्कार के लिए नहलाते समय सांसें चलती मिलीं
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Published : Apr 9, 2022, 2:26 PM IST

लक्सर: डोईवाला के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराए गए एक ग्रामीण को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. इसके बाद उसे वेंटिलेटर से हटाकर परिजनों को सौंप दिया. अंतिम संस्कार की तैयारियां करते समय परिजन को उनकी सांसें चलती महसूस हुईं. जिसके बाद आनन फानन में ग्रामीण को अस्पताल में भर्ती कराया गया.

जिंदा मरीज को डॉक्टर ने बता दिया मृत: खानपुर क्षेत्र के कर्णपुर गांव निवासी अजब सिंह (60) की तबीयत अधिक खराब होने पर उनके परिजन डोईवाला स्थित हिमालयन अस्पताल लेकर गए थे. बताया गया कि उनका ब्लड प्रेशर काफी लो हो गया था. उपचार के दौरान चिकित्सकों ने उन्हें वेंटिलेटर पर रखा था. चार दिन तक अजब सिंह वेंटिलेटर पर रखे गए. डॉक्टर ये बताते रहे कि उनकी तबीयत नहीं सुधरी है. परिजनों के अनुसार बीते दिन चिकित्सक ने अजब सिंह को मृत घोषित कर दिया. वेंटिलेटर से हटाकर उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया.

अंतिम संस्कार के लिए नहलाते समय पता चला जिंदा हैं: परिजन उन्हें घर वापस ले आए. अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरू कर दी गईं. बताया गया कि जब अंतिम संस्कार से पहले उन्हें नहलाया जा रहा था, तभी उनकी सांस चलती महसूस हुई. इसके बाद आनन-फानन में परिजन उन्हें अस्पताल लेकर आए. फिलहाल लक्सर के एक प्राइवेट नर्सिंग होम में ग्रामीण को भर्ती कराया गया है. जहां उनका उपचार चल रहा है.

जिंदा मरीज को बताया मृत

ये भी पढ़ें- विधान परिषद में 40 साल बाद बहुमत हासिल करने जा रही भाजपा: योगी आदित्यनाथ

बेटे ने कहा अस्पताल पर हो कार्रवाई: ग्रामीण अजब सिंह के बेटे अनुज का कहना है ऐसे हॉस्पिटल के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई हो ताकि और लोगों को भी सबक मिल सके. उन्होंने कहा कि पिता के इलाज में करीब ₹1,70,000 खर्च आया. उसके बाद भी डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. अनुज ने कहा कि मामले को लेकर उच्चाधिकारियों से शिकायत करेंगे.

लक्सर: डोईवाला के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराए गए एक ग्रामीण को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. इसके बाद उसे वेंटिलेटर से हटाकर परिजनों को सौंप दिया. अंतिम संस्कार की तैयारियां करते समय परिजन को उनकी सांसें चलती महसूस हुईं. जिसके बाद आनन फानन में ग्रामीण को अस्पताल में भर्ती कराया गया.

जिंदा मरीज को डॉक्टर ने बता दिया मृत: खानपुर क्षेत्र के कर्णपुर गांव निवासी अजब सिंह (60) की तबीयत अधिक खराब होने पर उनके परिजन डोईवाला स्थित हिमालयन अस्पताल लेकर गए थे. बताया गया कि उनका ब्लड प्रेशर काफी लो हो गया था. उपचार के दौरान चिकित्सकों ने उन्हें वेंटिलेटर पर रखा था. चार दिन तक अजब सिंह वेंटिलेटर पर रखे गए. डॉक्टर ये बताते रहे कि उनकी तबीयत नहीं सुधरी है. परिजनों के अनुसार बीते दिन चिकित्सक ने अजब सिंह को मृत घोषित कर दिया. वेंटिलेटर से हटाकर उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया.

अंतिम संस्कार के लिए नहलाते समय पता चला जिंदा हैं: परिजन उन्हें घर वापस ले आए. अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरू कर दी गईं. बताया गया कि जब अंतिम संस्कार से पहले उन्हें नहलाया जा रहा था, तभी उनकी सांस चलती महसूस हुई. इसके बाद आनन-फानन में परिजन उन्हें अस्पताल लेकर आए. फिलहाल लक्सर के एक प्राइवेट नर्सिंग होम में ग्रामीण को भर्ती कराया गया है. जहां उनका उपचार चल रहा है.

जिंदा मरीज को बताया मृत

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बेटे ने कहा अस्पताल पर हो कार्रवाई: ग्रामीण अजब सिंह के बेटे अनुज का कहना है ऐसे हॉस्पिटल के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई हो ताकि और लोगों को भी सबक मिल सके. उन्होंने कहा कि पिता के इलाज में करीब ₹1,70,000 खर्च आया. उसके बाद भी डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. अनुज ने कहा कि मामले को लेकर उच्चाधिकारियों से शिकायत करेंगे.

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