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रेमडेसिविर की कालाबाजारी के आरोप में डॉक्टर समेत 3 लोग गिरफ्तार - रेमडेसिविर इंजेक्शन की एमआरपी

देश में कोरोना महामारी के बीच रेमडेसिविर इंजेक्शन की मारामारी बढ़ गई है, जिसके चलते कई राज्यों में धड़ल्ले से इसकी ब्लैक मार्केटिंग हो रही है. ऐसा ही एक मामला गुजरात के सूरत से सामने आया है. जहां कोरोना काल में फ्रंट लाइन वॉरियर्स कहे जाने वाले एक डॉक्टर समते तीन लोग पुलिस के हत्थे चढ़े हैं.

रेमडेसिविर की कालाबाजारी
रेमडेसिविर की कालाबाजारी
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Published : Apr 28, 2021, 9:23 AM IST

सूरत : कोरोना संक्रमण की वैश्विक आपादा के समय मानवता को भूल कुछ रुपयों के लालच में जीवन रक्षक रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का सिलसिला शहर में जारी है. जरुरतमंदों से इंजेक्शन की अधिक कीमत वसूलने वाले डॉक्टर समेत तीन लोग को पुलिस ने धरदबोचा है.

कोरोना महामारी के बीच रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत बढ़ गई है, जिसके चलते कई राज्यों में धड़ल्ले से इसकी ब्लैक मार्केटिंग हो रही है. ऐसा ही एक मामला गुजरात के सूरत से सामने आया है. जहां कोरोना काल में फ्रंट लाइन वॉरियर्स कहे जाने वाले एक डॉक्टर समते अलग-अलग स्थान से तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इनके पास से पुलिस को प्रमुख एंटी वायरल दवा की तीन शीशी मिली हैं.

पढ़ें- कोरोना टीकाकरण : 18 साल से ऊपर वालों के लिए आज से पंजीकरण

पुलिस के मुताबिक, पकड़े गए आरोपी रेमडेसिविर इंजेक्शन की एमआरपी (अधिकतम खुदरा मूल्य) से अधिक कीमत पर इसे बेच कर पैसे कमा रहे थे. भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 120-बी (आपराधिक साजिश) आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.

सूरत : कोरोना संक्रमण की वैश्विक आपादा के समय मानवता को भूल कुछ रुपयों के लालच में जीवन रक्षक रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का सिलसिला शहर में जारी है. जरुरतमंदों से इंजेक्शन की अधिक कीमत वसूलने वाले डॉक्टर समेत तीन लोग को पुलिस ने धरदबोचा है.

कोरोना महामारी के बीच रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत बढ़ गई है, जिसके चलते कई राज्यों में धड़ल्ले से इसकी ब्लैक मार्केटिंग हो रही है. ऐसा ही एक मामला गुजरात के सूरत से सामने आया है. जहां कोरोना काल में फ्रंट लाइन वॉरियर्स कहे जाने वाले एक डॉक्टर समते अलग-अलग स्थान से तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इनके पास से पुलिस को प्रमुख एंटी वायरल दवा की तीन शीशी मिली हैं.

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पुलिस के मुताबिक, पकड़े गए आरोपी रेमडेसिविर इंजेक्शन की एमआरपी (अधिकतम खुदरा मूल्य) से अधिक कीमत पर इसे बेच कर पैसे कमा रहे थे. भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 120-बी (आपराधिक साजिश) आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.

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