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तमिलनाडु में 33 हजार करोड़ का कृषि बजट, जानिए बजट की खास बातें

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Published : Mar 19, 2022, 5:49 PM IST

तमिलनाडु के कृषि और किसान कल्याण मंत्री एम.आर.के पनीरसेल्वम ने कृषि बजट पेश किया. करीब 33,007 करोड़ के इस बजट में जानिए किस मद में कितनी राशि दी गई.

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कृषि बजट

चेन्नई: तमिलनाडु के कृषि और किसान कल्याण मंत्री एम.आर.के पनीरसेल्वम ने शनिवार को राज्य विधानसभा में 2022-23 के लिए विशेष कृषि बजट पेश किया, जिसकी कुल लागत करीब 33,007 करोड़ है. मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के नेतृत्व वाली द्रमुक सरकार के पिछले साल मई में सत्ता संभालने के बाद से यह पहला पूर्ण राज्य कृषि बजट है. बजट में कृषि क्षेत्र के समग्र विकास के लिए योजनाएं शामिल हैं, जिसमें गांवों में आत्मनिर्भरता और कृषि विकास के लिए एक योजना शामिल है. पनीरसेल्वम ने बजट पेश करते हुए कहा कि किसानों और विशेषज्ञों के विचार मांगे गए, उनके आधार पर बजट तैयार किया गया है. उन्होंने कहा कि कृषि बजट किसानों के अनुरूप है.

बजट की मुख्य बातें

  • कलैग्नारिन अखिल ग्राम एकीकृत कृषि विकास कार्यक्रम योजना को 300 करोड़ रुपये के परिव्यय से 3,204 ग्राम पंचायतों में लागू किया जाएगा. अनैथु ग्राम अन्ना मारुमलार्ची थिट्टम ​​के साथ मिलकर लागू किया जाएगा.
  • कृषि पंप सेटों को मुफ्त बिजली उपलब्ध कराने के लिए राज्य द्वारा संचालित बिजली इकाई, तमिलनाडु जनरेशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन कॉरपोरेशन को 4,508.23 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है.
  • 65.34 करोड़ रुपये खर्च कर 3,000 सौर ऊर्जा संचालित पंप-सेट स्थापित किए जाएंगे.
  • राज्य सरकार वर्ष 2022-23 में 126 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न उत्पादन प्राप्त करने के लिए कदम उठाएगी.
  • शुष्क भूमि विकास मिशन पर 132 करोड़ रुपये खर्च कर लागू किया जाएगा, जिसमें शुष्क भूमि वाले किसानों को समर्थन देने के लिए 3,000 शुष्क भूमि समूहों में 7.5 लाख एकड़ के क्षेत्र को शामिल किया जाएगा.
  • वर्ष 2020-2021 के मुआवजे के रूप में 9.26 लाख किसानों को 2,055 करोड़ रुपये की राशि वितरित की गई है. सरकार ने इस वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए प्रीमियम सब्सिडी के राज्य हिस्से के रूप में 2,399 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं.
  • जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए 4 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है.
  • 60,000 किसानों को उनकी फसलों को बारिश से बचाने के लिए तिरपाल दिए जाएंगे. इस पर 5 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
  • 9 करोड़ रुपये की लागत से नारियल विकास योजना लागू की जाएगी.
  • 92 करोड़ रुपये से तमिलनाडु बाजरा मिशन योजना लागू की जाएगी
  • दलहन विकास योजना के लिए 60 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.
  • स्व-सहायता समूहों की आय बढ़ाने के लिए, तमिलनाडु राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 1.67 करोड़ रुपये की लागत से 3,350 मधुमक्खी पालन इकाइयां बनाई जाएंगी.
  • महिलाओं की दैनिक आय बढ़ाने के लिए चमेली, कंद, गेंदा, गुलाब और गुलदाउदी जैसी फूलों की फसलों की खेती को 5.37 करोड़ रुपये के परिव्यय से 4,250 एकड़ में बढ़ाया जाएगा.
  • सोयाबीन क्षेत्र को बढ़ाने के उद्देश्य से तंजावुर, सेलम, तिरुवल्लूर, तिरुनेलवेली, विल्लुपुरम और कुड्डालोर जिलों को केंद्र और राज्य सरकार के फंड के तहत 1.20 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की जाएगी.
  • अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के सीमांत किसानों को अतिरिक्त 20 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान करने के लिए 5 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की जाएगी.
  • गन्ने की खेती की लागत को कम करने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार के कोष के तहत 10 करोड़ रुपये की लागत से गन्ना खेती विकास कार्यक्रम लागू किया जाएगा.
  • आपूर्ति किए गए गन्ने के तौल में सटीक हो ऐसा सुनिश्चित करने और किसानों को भुगतान में तेजी लाने के लिए चीनी मिलों में 1.50 करोड़ रुपये की लागत से स्वचालित वजन प्रणाली लागू की जाएगी.
  • गन्ना किसानों को 195 रुपये प्रति मीट्रिक टन का विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा. इससे 1.2 लाख किसानों को फायदा होगा.
    बागवानी फसलों में पारंपरिक किस्मों का पुनरुद्धार
  • 30 करोड़ रुपये की लागत से तमिलनाडु जैविक खेती मिशन लागू किया जाएगा. फल फसल परियोजना को बढ़ावा देने के लिए 20.21 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
  • हल्दी और अदरक की खेती के लिए 3 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे.
  • किसानों की सभी आवश्यक जानकारी प्रदान करने के लिए एक नया मोबाइल एप बनाया जाएगा.
  • मायलादुथुराई में 75 लाख रुपये की लागत से मृदा परीक्षण केंद्र स्थापित किए जाएंगे.
  • सेलम और कृष्णागिरी जिलों में अरहर की दाल की खेती के लिए विशेष जोन बनाए जाएंगे.
  • नारियल, आम, अमरूद और केले में फसल अंतर को लेकर छोटे और सीमांत किसानों को 38,000 एकड़ क्षेत्र को कवर करने के लिए 'इंटरक्रॉप किट' दी जाएगी. इस पर 27.51 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
  • पारंपरिक देशी सब्जी की खेती को पुनर्जीवित करने के लिए 2 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे.
  • राज्य सरकार ताड़ के पेड़ों की संख्या बढ़ाने के लिए 10 लाख ताड़ के बीज वितरित करेगी जो तमिलनाडु का राज्य वृक्ष है.
  • 15 करोड़ रुपये की लागत से 50 और उझावर संधियों (Uzhavar sandhais) का जीर्णोद्धार किया जाएगा, जिसमें कंप्यूटर और सूचना प्रौद्योगिकी उपकरण, इलेक्ट्रॉनिक मूल्य डिस्प्ले बोर्ड और सार्वजनिक पता प्रणाली जैसी सुविधाओं की व्यवस्था की जाएगी.
  • कोठागिरी, वेप्पनथट्टई, पनरुती, चिदंबरम, कीलपेन्नाथुर और थिरुवरूर में कार्यरत छह उझावर संधियों को जनता के लिए आसान पहुंच के नए स्थानों पर स्थानांतरित किया जाएगा, जबकि धर्मपुरी, नागपट्टिनम, वेल्लोर और तिरुपत्तूर जिलों में नई स्थापित की जाएंगी. इस पर 10 करोड़ रुपये की कुल लागत आएगी.

गौरतलब है कि कृषि में लगे मजदूरों के बारे में इस बजट में केवल चार बार उल्लेख किया गया है. एक कृषि मजदूरों के लिए एप का उपयोग करने के बारे में, मजदूरों की जगह ड्रोन और अन्य आधुनिक तकनीकों का उपयोग. श्रम लागत को कम करने के लिए और कृषि के मशीनीकरण को लेकर जिक्र किया गया है.

पढ़ें- Tamil Nadu Budget: सरकारी स्कूलों में लड़कियों को उच्च शिक्षा के लिए हर महीने 1-1 हजार रुपये सहायता

चेन्नई: तमिलनाडु के कृषि और किसान कल्याण मंत्री एम.आर.के पनीरसेल्वम ने शनिवार को राज्य विधानसभा में 2022-23 के लिए विशेष कृषि बजट पेश किया, जिसकी कुल लागत करीब 33,007 करोड़ है. मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के नेतृत्व वाली द्रमुक सरकार के पिछले साल मई में सत्ता संभालने के बाद से यह पहला पूर्ण राज्य कृषि बजट है. बजट में कृषि क्षेत्र के समग्र विकास के लिए योजनाएं शामिल हैं, जिसमें गांवों में आत्मनिर्भरता और कृषि विकास के लिए एक योजना शामिल है. पनीरसेल्वम ने बजट पेश करते हुए कहा कि किसानों और विशेषज्ञों के विचार मांगे गए, उनके आधार पर बजट तैयार किया गया है. उन्होंने कहा कि कृषि बजट किसानों के अनुरूप है.

बजट की मुख्य बातें

  • कलैग्नारिन अखिल ग्राम एकीकृत कृषि विकास कार्यक्रम योजना को 300 करोड़ रुपये के परिव्यय से 3,204 ग्राम पंचायतों में लागू किया जाएगा. अनैथु ग्राम अन्ना मारुमलार्ची थिट्टम ​​के साथ मिलकर लागू किया जाएगा.
  • कृषि पंप सेटों को मुफ्त बिजली उपलब्ध कराने के लिए राज्य द्वारा संचालित बिजली इकाई, तमिलनाडु जनरेशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन कॉरपोरेशन को 4,508.23 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है.
  • 65.34 करोड़ रुपये खर्च कर 3,000 सौर ऊर्जा संचालित पंप-सेट स्थापित किए जाएंगे.
  • राज्य सरकार वर्ष 2022-23 में 126 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न उत्पादन प्राप्त करने के लिए कदम उठाएगी.
  • शुष्क भूमि विकास मिशन पर 132 करोड़ रुपये खर्च कर लागू किया जाएगा, जिसमें शुष्क भूमि वाले किसानों को समर्थन देने के लिए 3,000 शुष्क भूमि समूहों में 7.5 लाख एकड़ के क्षेत्र को शामिल किया जाएगा.
  • वर्ष 2020-2021 के मुआवजे के रूप में 9.26 लाख किसानों को 2,055 करोड़ रुपये की राशि वितरित की गई है. सरकार ने इस वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए प्रीमियम सब्सिडी के राज्य हिस्से के रूप में 2,399 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं.
  • जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए 4 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है.
  • 60,000 किसानों को उनकी फसलों को बारिश से बचाने के लिए तिरपाल दिए जाएंगे. इस पर 5 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
  • 9 करोड़ रुपये की लागत से नारियल विकास योजना लागू की जाएगी.
  • 92 करोड़ रुपये से तमिलनाडु बाजरा मिशन योजना लागू की जाएगी
  • दलहन विकास योजना के लिए 60 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.
  • स्व-सहायता समूहों की आय बढ़ाने के लिए, तमिलनाडु राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 1.67 करोड़ रुपये की लागत से 3,350 मधुमक्खी पालन इकाइयां बनाई जाएंगी.
  • महिलाओं की दैनिक आय बढ़ाने के लिए चमेली, कंद, गेंदा, गुलाब और गुलदाउदी जैसी फूलों की फसलों की खेती को 5.37 करोड़ रुपये के परिव्यय से 4,250 एकड़ में बढ़ाया जाएगा.
  • सोयाबीन क्षेत्र को बढ़ाने के उद्देश्य से तंजावुर, सेलम, तिरुवल्लूर, तिरुनेलवेली, विल्लुपुरम और कुड्डालोर जिलों को केंद्र और राज्य सरकार के फंड के तहत 1.20 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की जाएगी.
  • अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के सीमांत किसानों को अतिरिक्त 20 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान करने के लिए 5 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की जाएगी.
  • गन्ने की खेती की लागत को कम करने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार के कोष के तहत 10 करोड़ रुपये की लागत से गन्ना खेती विकास कार्यक्रम लागू किया जाएगा.
  • आपूर्ति किए गए गन्ने के तौल में सटीक हो ऐसा सुनिश्चित करने और किसानों को भुगतान में तेजी लाने के लिए चीनी मिलों में 1.50 करोड़ रुपये की लागत से स्वचालित वजन प्रणाली लागू की जाएगी.
  • गन्ना किसानों को 195 रुपये प्रति मीट्रिक टन का विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा. इससे 1.2 लाख किसानों को फायदा होगा.
    बागवानी फसलों में पारंपरिक किस्मों का पुनरुद्धार
  • 30 करोड़ रुपये की लागत से तमिलनाडु जैविक खेती मिशन लागू किया जाएगा. फल फसल परियोजना को बढ़ावा देने के लिए 20.21 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
  • हल्दी और अदरक की खेती के लिए 3 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे.
  • किसानों की सभी आवश्यक जानकारी प्रदान करने के लिए एक नया मोबाइल एप बनाया जाएगा.
  • मायलादुथुराई में 75 लाख रुपये की लागत से मृदा परीक्षण केंद्र स्थापित किए जाएंगे.
  • सेलम और कृष्णागिरी जिलों में अरहर की दाल की खेती के लिए विशेष जोन बनाए जाएंगे.
  • नारियल, आम, अमरूद और केले में फसल अंतर को लेकर छोटे और सीमांत किसानों को 38,000 एकड़ क्षेत्र को कवर करने के लिए 'इंटरक्रॉप किट' दी जाएगी. इस पर 27.51 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
  • पारंपरिक देशी सब्जी की खेती को पुनर्जीवित करने के लिए 2 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे.
  • राज्य सरकार ताड़ के पेड़ों की संख्या बढ़ाने के लिए 10 लाख ताड़ के बीज वितरित करेगी जो तमिलनाडु का राज्य वृक्ष है.
  • 15 करोड़ रुपये की लागत से 50 और उझावर संधियों (Uzhavar sandhais) का जीर्णोद्धार किया जाएगा, जिसमें कंप्यूटर और सूचना प्रौद्योगिकी उपकरण, इलेक्ट्रॉनिक मूल्य डिस्प्ले बोर्ड और सार्वजनिक पता प्रणाली जैसी सुविधाओं की व्यवस्था की जाएगी.
  • कोठागिरी, वेप्पनथट्टई, पनरुती, चिदंबरम, कीलपेन्नाथुर और थिरुवरूर में कार्यरत छह उझावर संधियों को जनता के लिए आसान पहुंच के नए स्थानों पर स्थानांतरित किया जाएगा, जबकि धर्मपुरी, नागपट्टिनम, वेल्लोर और तिरुपत्तूर जिलों में नई स्थापित की जाएंगी. इस पर 10 करोड़ रुपये की कुल लागत आएगी.

गौरतलब है कि कृषि में लगे मजदूरों के बारे में इस बजट में केवल चार बार उल्लेख किया गया है. एक कृषि मजदूरों के लिए एप का उपयोग करने के बारे में, मजदूरों की जगह ड्रोन और अन्य आधुनिक तकनीकों का उपयोग. श्रम लागत को कम करने के लिए और कृषि के मशीनीकरण को लेकर जिक्र किया गया है.

पढ़ें- Tamil Nadu Budget: सरकारी स्कूलों में लड़कियों को उच्च शिक्षा के लिए हर महीने 1-1 हजार रुपये सहायता

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