चेन्नई : डीएमके गठबंधन की आगामी विधानसभा चुनाव के लिए सीटें साझा करने की बातचीत अगले चरण में पहुंच गई है. इस बीच DMK अपने सहयोगियों जैसे कांग्रेस, एमडीएमके और वाम दलों के साथ सीटों को लेकर कड़ी तोल-मोल कर रहा है.
CPI और CPM ने अपने हेड क्वार्टर अन्ना अरिवालयम में डीएमके के साथ पहले दौर की बातचीत की, जो आज अनिर्णायक रही. वामपंथी दलों को दोहरे अंकों की सीटों की उम्मीद थी, लेकिन डीएमके ने उनके दावे को नकार दिया क्योंकि वे अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने की उम्मीद कर रहे थे.
गठबंधन की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस पिछली बार यहां 40 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. उसे इस बार लड़ने के लिए 35 सीटें मिलने की उम्मीद थी, लेकिन डीएमके, कांग्रेस को 25 से अधिक सीटें देने में अनिच्छुक है और मजबूती से नाप-तोल कर रही है.
इसी तरह सत्तारूढ़ , एआईएडीएमके गठबंधन में भी गतिरोध की स्थिति बनी हुई है. पीएमके के साथ एक समझौते पर मुहर लगाने के बाद, एआईएडीएमके को भाजपा और विजयकांत के डीएमडीके के साथ सीट बंटवारे की डील को अंतिम रूप देना मुश्किल हो रहा है.
सूत्रों के अनुसार केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी 30 से अधिक सीटों की मांग कर रही है, जबकि एआईएडीएमके, भाजपा को पीएमके से अधिक सीटों की पेशकश करने के लिए तैयार नहीं है. पीएमके को गठबंधन में 23 मिली हैं.
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विजयकांत की डीएमडीके भी गठबंधन में 20 से अधिक सीटें हासिल करने के लिए जोर लगा रही है, जबकि एआईएडीएमके उसे 15 से कम सीटे देने की कोशिश कर रही है.
तमिलनाडु के दोनों प्रमुख राजनीतिक दल अधिक से अधिक सीटों पर अपने दम पर पर चुनाव लड़ने के दृढ़ निर्णय पर कायम हैं, जिससे उनके पार्टनर हाशिए पर जा रहे हैं.