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Omicron के बढ़ते मामलों के बीच भारत में बूस्टर डोज पर विशेषज्ञों की अलग-अलग राय

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Published : Dec 21, 2021, 9:05 PM IST

Updated : Dec 21, 2021, 11:07 PM IST

स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने ईटीवी भारत को बताया कि सभी के लिए कोविड-19 वैक्सीन की पहली खुराक सुनिश्चित करना प्रमुख मुद्दा था, जिस पर एनटीएजीआई के सदस्यों ने जोर दिया है. हालांकि, सरकार बूस्टर डोज (booster dose) पर भी विचार-विमर्श कर रही है.

booster-dose
भारत में बूस्टर डोज

नई दिल्ली : टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (NATGI) की लगातार दो बैठकों के बावजूद बूस्टर डोज (booster dose) पर कोई सहमति नहीं बन पाई है. भारत के स्वास्थ्य विशेषज्ञों में बूस्टर डोज को लेकर अलग-अलग राय है. कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञों का सुझाव है कि सरकार को बूस्टर खुराक पर अंतिम निर्णय लेने से पहले सभी पात्र लोगों को कम से कम एक खुराक सुनिश्चित करनी चाहिए. हालांकि, अन्य विशेषज्ञों का मत है कि फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कर्मियों और पुरानी बीमारियों से जूझ रहे लोगों को पहले बूस्टर खुराक मिलनी चाहिए.

एशियन सोसाइटी ऑफ इमरजेंसी मेडिसिन (Asian Society of Emergency Medicine) के अध्यक्ष डॉ तमोरिश कोले (Tamorish Kole) ने कहा कि ओमीक्रोन वेरिएंट के सामने आने के बाद कोविड-19 से बचाव के लिए टीकाकरण, बूस्टर डोज के साथ-साथ रोकथाम के प्रयासों के महत्व पर जोर दिया जाना चाहिए. डॉ. कोले ने रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि स्वास्थ्य सेवा और अग्रिम पंक्ति के वर्कर में समय के साथ कोविड-19 संक्रमण के खिलाफ टीके की प्रभावशीलता भी कम हो रही है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने ईटीवी भारत को बताया कि सभी के लिए कोविड-19 वैक्सीन की पहली खुराक सुनिश्चित करना प्रमुख मुद्दा था, जिस पर एनटीएजीआई के सदस्यों ने जोर दिया है.

मंगलवार तक, भारत में 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से ओमीक्रोन (बी.1.1.529) के कम से कम 200 मामले सामने आ चुके हैं. महाराष्ट्र और दिल्ली में ओमीक्रोन के सबसे ज्यादा 56 मामले दर्ज किए गए हैं. वैश्विक स्तर पर अब तक 96 देशों में ओमीक्रोन के मामले दर्ज किए गए हैं. ब्रिटेन और अमेरिका में ओमीक्रोन के मामलों सबसे अधिक दर्ज किए गए हैं.

इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन की प्रमुख डॉ. सुनीला गर्ग का बयान

भारत में स्वास्थ्य विशेषज्ञ और शिक्षाविद इस बात से चिंतित हैं कि कोरोना वायरस का यह वेरिएंट अत्यधिक संक्रामक है. ईटीवी भारत से बातचीत में, इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन (IAPSM) की प्रमुख डॉ. सुनीला गर्ग ने कहा कि पात्र आबादी के लिए टीके की कम से कम एक खुराक सुनिश्चित करना आवश्यक है.

यह भी पढ़ें- वैज्ञानिक अध्ययन के आधार पर बूस्टर डोज देने का फैसला होगा : डॉ. वीके पॉल

डॉ गर्ग ने कहा कि अब तक के अध्ययनों से संकेत मिलता है कि हमारे वर्तमान दो टीके कोविड के नए वेरिएंट से लड़ सकते हैं और जैसा कि सरकार कह रही है कि पूरी पात्र आबादी के लिए टीकों की पहली खुराक को पूरा करना बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा कि भारत की बड़ी आबादी में पहले से ही प्राकृतिक प्रतिरक्षा विकसित हो चुकी है.

गर्ग ने कहा कि दूसरी लहर में बड़ी संख्या में लोगों को प्राकृतिक रूप से एंटी बॉडीज मिले और टीकाकरण के बाद उनकी प्रतिरक्षा को बढ़ावा मिला. उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता बाकी आबादी का टीकाकरण होना चाहिए. हमें वैक्‍सीन मैत्री के बारे में भी सोचना चाहिए, ताकी हम उस देश को टीके भेज सकें जहां इसकी जरूरत है. उन्होंने आगे कहा कि सरकार इस समय बूस्टर डोज पर भी विचार-विमर्श कर रही है.

नई दिल्ली : टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (NATGI) की लगातार दो बैठकों के बावजूद बूस्टर डोज (booster dose) पर कोई सहमति नहीं बन पाई है. भारत के स्वास्थ्य विशेषज्ञों में बूस्टर डोज को लेकर अलग-अलग राय है. कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञों का सुझाव है कि सरकार को बूस्टर खुराक पर अंतिम निर्णय लेने से पहले सभी पात्र लोगों को कम से कम एक खुराक सुनिश्चित करनी चाहिए. हालांकि, अन्य विशेषज्ञों का मत है कि फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कर्मियों और पुरानी बीमारियों से जूझ रहे लोगों को पहले बूस्टर खुराक मिलनी चाहिए.

एशियन सोसाइटी ऑफ इमरजेंसी मेडिसिन (Asian Society of Emergency Medicine) के अध्यक्ष डॉ तमोरिश कोले (Tamorish Kole) ने कहा कि ओमीक्रोन वेरिएंट के सामने आने के बाद कोविड-19 से बचाव के लिए टीकाकरण, बूस्टर डोज के साथ-साथ रोकथाम के प्रयासों के महत्व पर जोर दिया जाना चाहिए. डॉ. कोले ने रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि स्वास्थ्य सेवा और अग्रिम पंक्ति के वर्कर में समय के साथ कोविड-19 संक्रमण के खिलाफ टीके की प्रभावशीलता भी कम हो रही है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने ईटीवी भारत को बताया कि सभी के लिए कोविड-19 वैक्सीन की पहली खुराक सुनिश्चित करना प्रमुख मुद्दा था, जिस पर एनटीएजीआई के सदस्यों ने जोर दिया है.

मंगलवार तक, भारत में 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से ओमीक्रोन (बी.1.1.529) के कम से कम 200 मामले सामने आ चुके हैं. महाराष्ट्र और दिल्ली में ओमीक्रोन के सबसे ज्यादा 56 मामले दर्ज किए गए हैं. वैश्विक स्तर पर अब तक 96 देशों में ओमीक्रोन के मामले दर्ज किए गए हैं. ब्रिटेन और अमेरिका में ओमीक्रोन के मामलों सबसे अधिक दर्ज किए गए हैं.

इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन की प्रमुख डॉ. सुनीला गर्ग का बयान

भारत में स्वास्थ्य विशेषज्ञ और शिक्षाविद इस बात से चिंतित हैं कि कोरोना वायरस का यह वेरिएंट अत्यधिक संक्रामक है. ईटीवी भारत से बातचीत में, इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन (IAPSM) की प्रमुख डॉ. सुनीला गर्ग ने कहा कि पात्र आबादी के लिए टीके की कम से कम एक खुराक सुनिश्चित करना आवश्यक है.

यह भी पढ़ें- वैज्ञानिक अध्ययन के आधार पर बूस्टर डोज देने का फैसला होगा : डॉ. वीके पॉल

डॉ गर्ग ने कहा कि अब तक के अध्ययनों से संकेत मिलता है कि हमारे वर्तमान दो टीके कोविड के नए वेरिएंट से लड़ सकते हैं और जैसा कि सरकार कह रही है कि पूरी पात्र आबादी के लिए टीकों की पहली खुराक को पूरा करना बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा कि भारत की बड़ी आबादी में पहले से ही प्राकृतिक प्रतिरक्षा विकसित हो चुकी है.

गर्ग ने कहा कि दूसरी लहर में बड़ी संख्या में लोगों को प्राकृतिक रूप से एंटी बॉडीज मिले और टीकाकरण के बाद उनकी प्रतिरक्षा को बढ़ावा मिला. उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता बाकी आबादी का टीकाकरण होना चाहिए. हमें वैक्‍सीन मैत्री के बारे में भी सोचना चाहिए, ताकी हम उस देश को टीके भेज सकें जहां इसकी जरूरत है. उन्होंने आगे कहा कि सरकार इस समय बूस्टर डोज पर भी विचार-विमर्श कर रही है.

Last Updated : Dec 21, 2021, 11:07 PM IST
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