अररिया: नेपाल से निकलने वाली नदियां उफान पर हैं. परमान, बकरा, कनकई, भलुआ, रतुआ जैसी नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है. जिले के सिकटी, पलासी, जोकीहाट और अररिया के कुछ इलाकों में बाढ़ जैसी स्थित उत्पन्न हो गई है. बाढ़ से परमान नदी का बहाव अररिया शहर के करीब हो गया है.
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पानी के तेज बहाव में डायवर्सन बहा: इसको लेकर जीरोमाइल के करीब एनएच 327 E का बना डायवर्सन बह जाने से पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी असम और किशनगंज जिले के कई प्रखंडों का संपर्क अररिया जिले से लगभग भंग हो गया है. डायवर्सन बह जाने के कारण बड़ी वाहनों का लगभग आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया है.
अररिया का बंगाल और सिलीगुड़ी से संपर्क भंग: वहीं छोटे वाहन लंबी दूरी तय कर जोकीहाट पलासी टेढ़ागाछ आदि जगह पर जा रहे हैं. बता दें कि एनएच 327 ई पर पुल निर्माण के दौरान डायवर्सन बनाया गया था. जिस पर वाहनों का परिचालन हो रहा था, लेकिन शुक्रवार की देर शाम नदी के बहाव से वह डायवर्सन भी बह गया है.
उफान पर परमान नदी: जिला आपदा पदाधिकारी विजय कुमार ने बताया कि अचानक परमान नदी के जलस्तर में वृद्धि होने के कारण यह डायवर्सन क्षतिग्रस्त हो गया है. फिलहाल आवागमन पूरी तरह से बाधित है. वहीं उन्होंने बताया कि जोकीहाट के हरवा चौक पर भी पुल के धंस जाने के कारण बड़े वाहनों का परिचालन तकरीबन एक महीने पहले से बंद कर दिया गया है.
"डायवर्सन के बह जाने के बाद अब पूरी तरह से यह रास्ता बड़े वाहनों के लिए बंद हो गया है. अभी बारिश रुकी हुई है और नदियों के जलस्तर में भी कमी आ रही है. इससे हम लोग यह उम्मीद करते हैं कि जहां-जहां सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं उन जगहों को दोबारा मरम्मत कर चलने योग बना लेंगे."- विजय कुमार, जिला आपदा पदाधिकारी
2017 की घटना के बाद बनाया गया था बड़ा पुल: बता दें कि 2017 में जीरो माइल के करीब ही एक बड़ा हादसा हुआ था. सड़क कट जाने से एक महिला अपने बच्चे के साथ नदी में बह गई थी. उसी समय से लोगों की मांग थी कि इस पुल की जगह बड़े पुल का निर्माण कराया जाए, ताकि बाढ़ के समय जो जल का दबाव रहता है वह सड़कों पर कम पड़े.
बड़े पुल के पास का डायवर्सन बहा: इसी के मद्देनजर एनएच 327 ई पर उसी जगह पर एक बड़े पुल का निर्माण कराया जा रहा है. उसी के पास यह डायवर्सन बना था जो नदी में विलीन हो गया है. इसके कारण अब बंगाल और सिलीगुड़ी से अररिया का संपर्क भंग हो गया है.
पूर्णिया में पुल का अप्रोच पथ ध्वस्त: पूर्णिया से भी ऐसा ही मामला सामने आया है. करीब 6 करोड़ की लागत से बना बॉक्स ब्रिज का अप्रोच पथ निर्माण के एक साल के अंदर ही धवस्त हो गया. पिछले 6 महीने के अंदर यह पूर्णिया का तीसरा पुल है जो गिरा है. इस पुल के टूट जाने से 25 गांव का संपर्क मुख्यालय से भंग हो गया है.
भागलपुर में भी हो चुका है हादसा: इससे पहले बिहार के भागलपुर में भी पुल रेत की तरह गंगा में समा चुका है. 2014 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पुल का शिलान्यास किया था, लेकिन 9 साल में ही यह पुल बनकर तैयार नहीं हुआ उल्टे भरभराकर गिर गया. इससे पहले पिछले साल 30 अप्रैल को इस निर्माणाधीन पुल का हिस्सा गिर चुका था. खुस नीतीश कुमार ने इसके निर्माण कार्य को लेकर सवाल उठाए थे.