हैदराबाद: तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई साउंडराजन ने बीआरएस सरकार को एक और झटका दिया. उन्होंने मंत्रिपरिषद द्वारा अनुशंसित मनोनीत एमएलसी के नामों को खारिज कर दिया. राज्यपाल ने कोटा एमएलसी के तहत दासोजू श्रवण और कुर्रा सत्यनारायण की उम्मीदवारी को मंजूरी देने के लिए कहा...तमिलिसाई ने उन सिफारिशों को खारिज कर दिया.
यह स्पष्ट किया गया है कि उन्होंने सेवा क्षेत्र में कोई सेवा नहीं की है और उन्हें इस कोटा के तहत नामांकित नहीं किया जा सकता है. तमिलिसाई ने कहा कि इन दोनों के पास साहित्य, विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र, कला, सहकारी आंदोलन और सामाजिक सेवा में कोई विशिष्टता नहीं है. अनुच्छेद 171(5) योग्यताएं पर्याप्त नहीं हैं. उन्होंने कहा कि मनोनीत कोटे के तहत एमएलसी के पास पर्याप्त योग्यता नहीं है.
राज्यपाल ने कहा कि उचित योग्यता के बिना नामांकन करना उचित नहीं है... राज्य में अनेक प्रतिष्ठित व्यक्ति योग्यताधारी हैं... राजनीति से जुड़े लोगों की योग्यता पर विचार किये बिना उनके नाम की अनुशंसा करना उचित नहीं है. राज्यपाल ने कहा कि जन प्रतिनिधित्व कानून में स्पष्ट है कि किसी को भी एमएलसी के रूप में नामित नहीं किया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि खुफिया सहित किसी भी अन्य एजेंसी की ओर से ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं है, जिसमें कहा गया हो कि दासोजू श्रवण, जिनकी वर्तमान में सिफारिश की गई है, कुर्रा सत्यनारायण की अयोग्यता के अंतर्गत नहीं आते हैं. उन्होंने कहा कि सभी चीजें मंत्रिस्तरीय अनुशंसा से जुड़ी नहीं थीं. यदि इस क्रम में इन दोनों नामों को मंजूरी मिल गयी तो संबंधित क्षेत्र में विशेष ज्ञान और अनुभव रखने वालों को मान्यता नहीं मिल पायेगी.
मंत्रिपरिषद और मुख्यमंत्री ने केसीआर को राजनीति से जुड़े लोगों के नाम खारिज करने की सलाह दी है. इस संबंध में राज्यपाल तमिलिसाई ने सीएस शांतिकुमारी को लिखे पत्र में स्पष्टीकरण दिया. पिछले दिनों एमएलसी कौशिक रेड्डी को भी इसी तरह का झटका लगा था. कौशिक रेड्डी को केसीआर सरकार ने राज्यपाल कोटे से एमएलसी उम्मीदवार के रूप में तय किया गया और राज्यपाल के पास भेजा गया.
फिर भी, कौशिक रेड्डी का नाम अस्वीकार कर दिया गया, क्योंकि वह कहीं भी कोई सेवा कार्य नहीं कर रहे थे. बाद में उन्होंने एमएलए कोटा में परिषद में प्रवेश किया. अब हाल ही में दासोजू श्रवण और कुर्रा सत्यनारायण को भी ऐसे ही झटके का सामना करना पड़ा है.