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मुलायम सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में कार्रवाई की मांग, 2005 में दर्ज हुई थी शिकायत - Mulayam Singh Yadav

सपा पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) एवं उनके बेटे अखिलेश यादव (akhilesh yadav) के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में दायर याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार इस मामले में अभियुक्तों को जेल भेजने के बजाय उनके करीबियों के ठिकानों पर छापेमारी कर रही है.

Mulayam Singh yadav
मुलायम सिंह यादव
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Published : Dec 22, 2021, 9:38 PM IST

लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) तथा उनके बेटे एवं पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव (akhilesh yadav) के खिलाफ आय के अधिक संपंत्ति का मामला दायर कराने वाले याचिकाकर्ता ने बुधवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार इस मामले के प्रमुख अभियुक्तों को जेल भेजने के बजाय उनके करीबियों के ठिकानों पर छापे डलवा रही है.

उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता विश्वनाथ चतुर्वेदी (Advocate Vishwanath Chaturvedi) ने संवाददाता-सम्मेलन में आरोप लगाया, 'मुलायम सिंह यादव व उनके परिवार के खिलाफ दायर आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) (CBI) ने न्यायालय को गुमराह किया है.' चतुर्वेदी (Advocate Vishwanath Chaturvedi) ने कहा कि सीबीआई (CBI) कह रही है कि उसने 2013 में यह मामला बंद कर दिया, लेकिन अगर ऐसा है तो उसकी कोई रिपोर्ट तो होगी और वह रिपोर्ट याचिकाकर्ता को मिलनी ही चाहिए. उन्होंने कहा कि सीबीआई ने अभी तक ऐसी कोई रिपोर्ट उन्हें उपलब्ध नहीं कराई है.

चतुर्वेदी के मुताबिक सीबीआई ने अप्रैल 2019 में उच्चतम न्यायालय से कहा था कि उसने मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के खिलाफ आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति मामले में प्राथमिक जांच 2013 में बंद कर दी थी.

ये भी पढ़ें: जौनपुर में अखिलेश बोले, क्षेत्रीय दलों के साथ यूपी की सत्ता में करेंगे परिवर्तन

उससे पहले 2005 में चतुर्वेदी ने मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) उनके बेटे अखिलेश यादव (akhilesh yadav) और बहू डिंपल यादव (Dimple Yadav) के खिलाफ आय के अधिक संपत्ति से अधिक संपत्ति मामले में शिकायत की थी. उन्होंने जनहित याचिका दाखिल कर इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी. चतुर्वेदी ने कहा, उनकी याचिका पर शीर्ष अदालत ने 2007 में सीबीआई को मामले की जांच के आदेश दिए थे. चतुर्वेदी ने आरोप लगाया कि यादव परिवार को केंद्र सरकारों का समर्थन करने के एवज में वर्ष 2007 से अब तक संरक्षण मिल रहा है.

ये भी पढे़ं: बीजेपी को सत्ता से हटाने के लिए कुर्बानी देने को तैयार, सीटों के बंटवारे को लेकर कोई समस्या नहीं : शिवपाल

(भाषा)

लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) तथा उनके बेटे एवं पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव (akhilesh yadav) के खिलाफ आय के अधिक संपंत्ति का मामला दायर कराने वाले याचिकाकर्ता ने बुधवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार इस मामले के प्रमुख अभियुक्तों को जेल भेजने के बजाय उनके करीबियों के ठिकानों पर छापे डलवा रही है.

उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता विश्वनाथ चतुर्वेदी (Advocate Vishwanath Chaturvedi) ने संवाददाता-सम्मेलन में आरोप लगाया, 'मुलायम सिंह यादव व उनके परिवार के खिलाफ दायर आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) (CBI) ने न्यायालय को गुमराह किया है.' चतुर्वेदी (Advocate Vishwanath Chaturvedi) ने कहा कि सीबीआई (CBI) कह रही है कि उसने 2013 में यह मामला बंद कर दिया, लेकिन अगर ऐसा है तो उसकी कोई रिपोर्ट तो होगी और वह रिपोर्ट याचिकाकर्ता को मिलनी ही चाहिए. उन्होंने कहा कि सीबीआई ने अभी तक ऐसी कोई रिपोर्ट उन्हें उपलब्ध नहीं कराई है.

चतुर्वेदी के मुताबिक सीबीआई ने अप्रैल 2019 में उच्चतम न्यायालय से कहा था कि उसने मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के खिलाफ आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति मामले में प्राथमिक जांच 2013 में बंद कर दी थी.

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उससे पहले 2005 में चतुर्वेदी ने मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) उनके बेटे अखिलेश यादव (akhilesh yadav) और बहू डिंपल यादव (Dimple Yadav) के खिलाफ आय के अधिक संपत्ति से अधिक संपत्ति मामले में शिकायत की थी. उन्होंने जनहित याचिका दाखिल कर इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी. चतुर्वेदी ने कहा, उनकी याचिका पर शीर्ष अदालत ने 2007 में सीबीआई को मामले की जांच के आदेश दिए थे. चतुर्वेदी ने आरोप लगाया कि यादव परिवार को केंद्र सरकारों का समर्थन करने के एवज में वर्ष 2007 से अब तक संरक्षण मिल रहा है.

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(भाषा)

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