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संसद में महिलाओं के आरक्षण के लिए विधेयक लाने से पहले विचार-विमर्श जरूरी : सरकार - न्याय मंत्री किरेन रीजीजू

केंद्रीय विधि और न्याय मंत्री किरेन रीजीजू ने लोकसभा में कहा कि संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण के विषय पर विचार-विमर्श जरूरी है.

रीजीजू
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Published : Jul 28, 2021, 7:54 PM IST

नई दिल्ली : सरकार ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण के विषय पर विधेयक लाने के लिए सावधानी पूर्वक विचार-विमर्श जरूरी है.

केंद्रीय विधि और न्याय मंत्री किरेन रीजीजू ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में सदन में यह बात कही.

द्रमुक सदस्य कनिमोई ने प्रश्न किया था कि क्या सरकार का संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए महिला प्रतिनिधित्व विधेयक लाने का कोई विचार है?

पढ़ें :- निशिकांत दुबे ने थरूर को विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया

रीजीजू ने अपने लिखित उत्तर में कहा, 'लैंगिक न्याय सरकार के लिए महत्वपूर्ण प्रतिबद्धता है. इस विषय पर संविधान में संशोधन के लिए संसद में विधेयक लाने से पहले सभी राजनीतिक दलों के बीच आम-सहमति के आधार पर सावधानी पूर्वक विचार-विमर्श जरूरी है.'

संसद में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए विधेयक लाने की मांग लंबे समय से चल रही है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : सरकार ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण के विषय पर विधेयक लाने के लिए सावधानी पूर्वक विचार-विमर्श जरूरी है.

केंद्रीय विधि और न्याय मंत्री किरेन रीजीजू ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में सदन में यह बात कही.

द्रमुक सदस्य कनिमोई ने प्रश्न किया था कि क्या सरकार का संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए महिला प्रतिनिधित्व विधेयक लाने का कोई विचार है?

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रीजीजू ने अपने लिखित उत्तर में कहा, 'लैंगिक न्याय सरकार के लिए महत्वपूर्ण प्रतिबद्धता है. इस विषय पर संविधान में संशोधन के लिए संसद में विधेयक लाने से पहले सभी राजनीतिक दलों के बीच आम-सहमति के आधार पर सावधानी पूर्वक विचार-विमर्श जरूरी है.'

संसद में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए विधेयक लाने की मांग लंबे समय से चल रही है.

(पीटीआई-भाषा)

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