तिरूवनंतपुरम : केरल विधानसभा (Kerala Legislative Assembly) में आज (सोमवार) मुख्यमंत्री पिनराई विजयन (Chief Minister Pinarayi Vijayan) और कांग्रेस नीत यूडीएफ सदस्यों के बीच कोडाकारा हवाला धन लूट मामले (Kodakara hawala money robbery case) को लेकर जोरदार बहस हुई. यूडीएफ ने आरोप लगाया कि एलडीएफ सरकार और मुख्यमंत्री अपराध में कथित तौर पर शामिल भाजपा नेताओं का बचाव कर रहे हैं. यूडीएफ सदस्यों ने इसका विरोध करते हुए सदन का बहिष्कार किया.
इस मुद्दे पर विपक्षी नेताओं ने स्थगन प्रस्ताव का नोटिस (notice of adjournment motion) पेश करते हुए आरोप लगाया कि अवैध रूप से धन अंतरण के लिए भाजपा के कुछ नेताओं ने षड्यंत्र रचे, वहीं पुलिस ने उन्हें आरोप पत्र में गवाह के तौर पर सूचीबद्ध किया है, जिसे हाल में स्थानीय अदालत में दायर किया गया. उन्होंने कहा कि मामले की जांच केंद्रीय एजेंसी को सौंपी जानी चाहिए.
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उन्होंने संदेह जताया कि भाजपा-माकपा के बीच गुप्त गठजोड़ है ताकि करोड़ों रुपये के कथित घोटाले की जांच रोकी जा सके.
जवाब में विजयन ने यूडीएफ के आरोपों से इंकार करते हुए कहा, विपक्षी दल जानबूझकर तथ्यों को छिपाने और जनता का ध्यान भटकाने का प्रयास कर रहा है.
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाए कि कोडाकारा में लूटी गई राशि छह अप्रैल को विधानसभा चुनाव प्रभावित करने के लिए जुटाई गई बड़ी रकम का हिस्सा थी और राज्य पुलिस ने अपने दायरे में मामले की जांच की और आरोपपत्र दाखिल किया.
उन्होंने कहा कि भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष के. सुरेंद्रन और पार्टी के 17 राज्य या जिला पदाधिकारियों सहित 250 गवाहों से इस मामले में पूछताछ हो चुकी है.
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बहरहाल विपक्ष आरोप लगाता रहा कि भाजपा नेताओं को मामले में आरोपी बनाने के बजाए गवाह बनाया गया ताकि जांच को बाधित किया जा सके.
रोजी एम. जॉन (कांग्रेस) ने प्रस्ताव के लिए नोटिस दिया, जिसमें आरोप लगाया गया कि भाजपा ने काला धन का प्रयोग कर चुनाव की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बाधित करने का प्रयास किया.
हवाला धन लूट मामले की जांच कर रही विशेष जांच टीम ने पिछले हफ्ते स्थानीय अदालत में अपराध में कथित तौर पर शामिल 22 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया.