नई दिल्ली : संसद के दोनों सदनों में पिछले कुछ दिन से गतिरोध चल रहा है. राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को पेगासस मामले पर कार्यस्थगन का नोटिस दिया और कहा कि प्रश्नकाल, शून्यकाल और दूसरे कामकाज को निलंबित किया जाना चाहिए तथा इस विषय पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में चर्चा होनी चाहिए.
सोमवार को खड़गे के चैम्बर में कई विपक्षी दलों के नेताओं ने मंथन किया. इस बैठक में खड़गे के अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा और जयराम रमेश, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले, आम आदमी पार्टी के सुशील गुप्ता और कुछ अन्य नेता मौजूद थे.
खड़गे ने संवादददाताओं से कहा, 'हमने बार-बार यह आग्रह किया कि हमें नियम 267 के तहत चर्चा की अनुमति दी जाए ताकि इस विषय से जुड़े सभी खुलासे हो जाएं.' उन्होंने दावा किया कि पेगासस जासूसी मामला देश के लिए बहुत गंभीर विषय है क्योंकि सरकार पिछले कुछ साल से जासूसी करवा रही है.
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा, 'आज निजता खत्म की जा रही है. सबकी जासूसी की जा रही है. क्या राहुल गांधी जी और जिनकी भी जासूसी की गई, क्या वे सभी आतंकवादी हैं?'
इससे पहले विपक्षी नेताओं की बैठक के संदर्भ में खड़गे ने ट्वीट किया, 'भाजपा सरकार संसद को लगातार कमतर और बाधित करने में लगी हुई है, ऐसे में भारत की प्रगतिशील पार्टियों ने इसकी रणनीति बनाने के लिए बैठक की कि 'जन की बात' को कैसे प्रभावी ढंग से उठाना है.' उन्होंने कहा, 'चाहे सरकार जितनी भी हमारी आवाज दबा ले, हम लोगों की आवाज उठाते रहेंगे.'
गौरतलब है कि पेगासस जासूसी मामले, केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर संसद के मॉनसून सत्र में लगातार गतिरोध बना हुआ है. सत्र 19 जुलाई को आरंभ हुआ था और इसके बाद से अब तक दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित रही है.