हाफलोंग : पूर्वोत्तर भारत का स्विट्जरलैंड कहे जाने वाले दीमा हसाओ का प्रशासन इसकी प्राकृतिक सुंदरता का लाभ उठाकर पर्यटकों को आकर्षित करने और इसे भारत के 'सबसे स्वच्छ जिले' के रूप में विकसित करने का प्रयास कर रहा है. उत्तरी कछार पर्वतीय स्वायत्त परिषद (एनसीएचएसी) के अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि कभी भयानक उग्रवाद से पीड़ित रहे असम के पर्वतीय जिले को क्षेत्र में एक बेहद शांतिपूर्ण और सुंदर पर्यटक स्थल बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं.
दीमा हसाओ को नियंत्रित करने वाली परिषद ने अपने प्रयासों के तहत एक मसौदा पर्यटन नीति प्रकाशित की है, जिसमें विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर यात्रियों के लिए पांच अलग-अलग स्थल विकसित करने की योजना है. एनसीएचएसी के मुख्य कार्यकारी सदस्य (प्रभारी) हेन सैमुअल चांगसन ने कहा, "उचित पर्यटन बुनियादी ढांचे का न होना हमारी कमज़ोरियों में से एक है. इसके लिए गैर-शांतिपूर्ण स्थितियों को भी जिम्मेदार माना जा सकता है. यह नीति दर्शाती है कि दीमा हसाओ के लोग, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के निवासी बुनियादी जरूरतों के अलावा पर्यटन क्षेत्र में क्या चाहते हैं.”
उन्होंने कहा कि जिले में बेरोजगार युवाओं की संख्या अधिक है, उन्हें यह एहसास होने लगा है कि वे प्राकृतिक बुनियादी ढांचे का लाभ उठा सकते हैं. चांगसन ने कहा, "इसके लिए, हमने पर्यटन नीति सुव्यवस्थित की है. यह एक मसौदा नीति है और हमें इसे परिषद के सत्र में पारित करना होगा. हमारे पास अपने स्वयं के छोटे पर्यटन स्थल होंगे। हम असम पर्यटन सर्किट के साथ भी एकीकृत होंगे."
गुवाहाटी से लगभग 330 किलोमीटर दूर दीमा हसाओ का मुख्यालय हाफलोंग राज्य का एकमात्र हिल स्टेशन है. यह पूछे जाने पर कि क्या दशकों का उग्रवाद और उसके दुष्परिणाम यात्रियों को दीमा हसाओ जाने से रोक रहे हैं, इस पर चांगसन ने कहा कि शांति किसी भी विकास की नींव है और जिले में अब शांति कायम है. उन्होंने कहा, "हम सड़क, पानी और दूरसंचार जैसे बुनियादी ढांचे में पीछे थे. हालांकि, हाल के वर्षों में इन क्षेत्रों में काफी सुधार हुआ है."
पर्यटन सलाहकार जेड नुनिसा ने दीमा हसाओ के बारे में कहा कि परिषद का दृष्टिकोण जिले को स्वच्छ और हरित बनाकर इस क्षेत्र को पूरी तरह से प्लास्टिक मुक्त बनाना है. उन्होंने कहा, "अगर हमारा जिला स्वच्छ होगा, तो लोग यहां आएंगे. हम सिर्फ एक गांव या किसी विशेष स्थान को सबसे स्वच्छ बनाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं, बल्कि हम दीमा हसाओ को भारत का सबसे स्वच्छ जिला बनाने की कोशिश कर रहे हैं."
उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि न केवल सरकार, बल्कि सभी संगठन और हितधारक हमारा समर्थन करेंगे और हम दीमा हसाओ को भारत का सबसे स्वच्छ जिला बनाएंगे. मुझे उम्मीद है कि बहुत जल्दी इसमें सफलता मिलेगी."
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