कोलकाता : पश्चिम बंगाल के भाजपा प्रमुख दिलीप घोष ने गुरुवार को चुनाव आयोग (ईसीआई) से आग्रह किया कि राज्य में केंद्रीय बलों को जल्द से जल्द तैनात किया जाए. चुनाव से पहले लोगों के बीच डर दूर होना चाहिए.
राज्य में भाजपा के अध्यक्ष ने ईसीआई अधिकारियों के साथ एक बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि चुनाव आयोग की पूरी टीम यहां आगामी विधानसभा चुनावों की व्यवस्था का निरीक्षण करने के लिए आई है. एक विपक्षी दल के रूप में हमने उनसे आग्रह किया है कि वे ऐसा माहौल सुनिश्चित करें, जिसमें तटस्थ और शांतिपूर्ण वातावरण में लोग मताधिकार का प्रयोग कर सकें. यह महत्वपूर्ण है कि केंद्रीय बलों को जल्द ही यहां तैनात किया जाए.
घोष ने कहा कि चुनावों के दौरान बंगाल में 'भय का माहौल' है और दावा किया कि 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान राज्य के सभी 42 संसदीय क्षेत्रों में हिंसा की सूचना मिली थी. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि केंद्रीय बलों को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के लिए मतदान केंद्रों और राज्य पुलिस के बाहर तैनात किया जाना चाहिए.
तृणमूल कांग्रेस कर रही पक्षपात
तृणमूल कांग्रेस के (टीएमसी) आरोपों के बारे में पूछे जाने पर कि भाजपा ने सीमा सुरक्षा बलों (बीएसएफ) के माध्यम से लोगों को अपने पक्ष में वोट करने के लिए धमकी दी है, घोष ने कहा कि हम निश्चित हैं कि रोहिंग्याओं का नाम सीमा में मतदाता सूची में शामिल किया गया है. इन क्षेत्रों में चुनाव आयोग को इस पर गौर करना चाहिए. उन्होंने आगे पश्चिम बंगाल पुलिस पर गुरुवार को भाजपा कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी का उदाहरण देते हुए पक्षपात करने का आरोप लगाया. कहा कि पुलिस ने तब कोई कार्रवाई नहीं की, जब शुरुआत में टीएमसी कार्यकर्ताओं ने भड़काऊ नारे लगाए. जब भाजपा के कुछ कार्यकर्ताओं ने प्रतिवाद में नारे लगाए, तो पुलिस ने उन्हें आधी रात को उनके घरों से गिरफ्तार कर लिया.
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पुलिस ने गुरुवार को कहा कि भाजपा के युवा नेता सुरेश शॉ और पार्टी के दो अन्य कार्यकर्ताओं को चंदननगर में एक राजनीतिक रैली में उत्तेजक नारे लगाए जाने के मामले में गिरफ्तार किया गया. भाजपा पिछले कुछ महीनों में पश्चिम बंगाल में शीर्ष नेताओं अमित शाह, जेपी नड्डा के साथ राज्य का दौरा कर आक्रामक प्रचार कर रही है. पश्चिम बंगाल की 294 विधानसभा सीटों पर अगले कुछ महीनों में चुनाव होने वाले हैं.