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कितना अलग है 2016 के मुकाबले इस बार टीएमसी का घोषणापत्र, जानें?

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए तृणमूल कांग्रेस ने घोषणा पत्र जारी कर दिया है. इसमें ममता बनर्जी ने घर-घर राशन पहुंचाने का वादा किया है. इसी तरह के कुछ वादे पार्टी द्वारा 2016 के मैनिफेस्टो में भी किए गए थे.

टीएमसी का घोषणापत्र
टीएमसी का घोषणापत्र
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Published : Mar 17, 2021, 9:41 PM IST

हैदराबाद : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए तृणमूल कांग्रेस ने घोषणा पत्र जारी कर दिया है. इसमें ममता बनर्जी ने घर-घर राशन पहुंचाने का वादा किया है. घोषणा पत्र जारी करते हुए टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने कहा कि हमने सभी लोगों के लिए काम किया है. बता दें कि ऐसे ही वादे ममता ने 2016 के विधानसभा चुनाव में भी किए थे.

जहां इस बार ममता ने विधवाओं को एक हजार रुपये देने का वादा किया, बेरोजगारी कम करने और पांच लाख लोगों को रोजगार देने का भी वादा किया, वहीं 2016 में ममता ने उद्योग पर जोर दिया था. 2016 में ममता ने पनागर, गोलतोर, विद्यासागर में औद्योगिक पार्कों में सुधार का वादा किया था.

इतना ही नहीं उन्होंने रसूलपुर और भोर सी पोर्ट परियोजनाओं, बंदरगाह प्रबंधन के माध्यम से नौसैनिक व्यापार को काफी बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया था. पिछली बार टीएमसी ने अपने मैनिफेस्टो में नए बंदरगाहों के माध्यम से बंगाल में अर्थव्यवस्था में सुधार करने का दावा किया था.

टीएमसी ने इस बार अपने मैनिफेस्टो में गरीब, एससी-एसटी को 12 हजार रुपये देने का वादा किया है .उन्होंने कहा कि दुआरे योजना के तहत गरीबों को राशन दिया जाएगा . इतना ही नहीं राज्य में तृणमूल कांग्रेस शासन के दौरान गरीबी 40 प्रतिशत तक घट जाने का दावा करते हुए घोषणापत्र में किसानों को वार्षिक वित्तीय सहायता 6,000 रुपये से बढ़ा कर 10,000 रुपये करने का भी वादा किया गया है.

वहीं पिछली बार यूनेस्को की मदद से रूरल क्राफ्ट एंड कल्चर हब के तहत कई ग्रामीण कारीगरों को रोजगार प्रदान करने का एलान किया गया था. साथ ही शांति निकेतन में छोटे पैमाने पर निर्माण के लिए एक वैश्विक बाजार खोलने की घोषणा की गई थी. आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए आवासीय प्रशिक्षण केंद्रों का निर्माण आईसीडीएस केंद्रों को ईंट और चिटमहल क्षेत्रों में स्थापित करने के साथ-साथ महिलाओं और बच्चों को उचित पोषण की व्यवस्था करने पर जोर दिया था.

इस साल जहां टीएमसी ने पहली बार बंगाल में हर परिवार को न्यूनतम आय देने का वादा किया है, 1.6 करोड़ सामान्य श्रेणी के परिवारों को 500 रुपये प्रति महीना, जबकि एससी/एसटी श्रेणी में आने वाले परिवारों को 1,000 रुपये प्रति महीना देने का वादा किया है. यह रकम सीधे परिवार की महिला मुखिया के बैंक खाते में भेजी जाएगी.

वहीं 2016 में भी ममता तांती साथी योजना शुरू की थी. इसके तहत कई कारीगरों को करघा वितरित करने वादा किया था.

गरीब और असहाय महिलाओं के लिए पेंशन योजना, मजदूरों के लिए 100 दिन का काम, ग्रामीण विकास कार्यक्रमों में किसान कल्याण कार्यक्रम आदि शुरू करने का दावा किया था.

इस साल मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 लाख की क्रेडिट सीमा के साथ छात्रों के लिए नई कार्ड योजना लाई जाएगी और इस पर सिर्फ चार प्रतिशत ब्याज देना होगा. उन्होंने कहा, अगले पांच वर्षों में हम 10 लाख एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) इकाइयां तथा 2000 नई बड़ी औद्योगिक इकाइयां लगाएंगे.

वहीं 2016 में टीएमसी ने अविकसित क्षेत्रों में कक्षा IX-X के छात्रों के लिए, मध्याह्न भोजन की प्रणाली शुरू करने का वादा किया था. स्कूल, कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों की संख्या में काफी वृद्धि करने की बात की थी. इसके अलावा टीएमसी ने हर स्कूल में कंपयूटर शिक्षा देने का वादा किया था. साथ ही नेताजी सुभाष मुक्त विश्वविद्यालय केंद्रों को दुर्गापुर और जलपाईगुड़ी में खोलने की योजना का एलान किया गया था.

पढ़ें - प. बंगाल चुनाव : TMC का घोषणा पत्र जारी, वादों की झड़ी

2016 में टीएमसी ने सभी ब्लॉकों में कम से कम एक आईटीआई संस्थान बनाने के साथ चार प्रतियोगी परीक्षा प्रशिक्षण संस्थान और दार्जिलिंग में एक नेपाली कॉलेज खोलने की घोषणा की थी.

2021 के घोषणा पत्र में तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा, महिष्या, तिली, तामुल और साहा जैसी उन सभी जातियों को ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) का दर्जा दिलाने के लिए एक विशेष कार्यबल गठित करेंगे, जिन्हें ओबीसी के रूप में मान्यता नहीं प्राप्त है. साथ ही भारत सरकार से महतो (जाति) को (एसटी) अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की सिफारिश करने का वादा करने के साथ तराई और दुआर क्षेत्र के विकास के लिए एक विशेष विकास बोर्ड का गठन करने का एलान किया है, जबकि 2016 का घोषणापत्र वाई-फाई कनेक्टिविटी, दूसरा इंडो-भूटान गेट, मिलान मेला में बनाए जाने वाले प्रदर्शनी-सह-मेला ग्राउंड और कन्वेंशन सेंटर, दक्षिणेश्वर मंदिर के पास यातायात को नियंत्रित करने के लिए स्काई वॉक बनाए जाने पर केंद्रित था.

इसके अलावा 2016 में फेरीवालों का पुनर्वास और उन्हें आईडी कार्ड जारी करने पर बल दिया गया था.

हैदराबाद : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए तृणमूल कांग्रेस ने घोषणा पत्र जारी कर दिया है. इसमें ममता बनर्जी ने घर-घर राशन पहुंचाने का वादा किया है. घोषणा पत्र जारी करते हुए टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने कहा कि हमने सभी लोगों के लिए काम किया है. बता दें कि ऐसे ही वादे ममता ने 2016 के विधानसभा चुनाव में भी किए थे.

जहां इस बार ममता ने विधवाओं को एक हजार रुपये देने का वादा किया, बेरोजगारी कम करने और पांच लाख लोगों को रोजगार देने का भी वादा किया, वहीं 2016 में ममता ने उद्योग पर जोर दिया था. 2016 में ममता ने पनागर, गोलतोर, विद्यासागर में औद्योगिक पार्कों में सुधार का वादा किया था.

इतना ही नहीं उन्होंने रसूलपुर और भोर सी पोर्ट परियोजनाओं, बंदरगाह प्रबंधन के माध्यम से नौसैनिक व्यापार को काफी बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया था. पिछली बार टीएमसी ने अपने मैनिफेस्टो में नए बंदरगाहों के माध्यम से बंगाल में अर्थव्यवस्था में सुधार करने का दावा किया था.

टीएमसी ने इस बार अपने मैनिफेस्टो में गरीब, एससी-एसटी को 12 हजार रुपये देने का वादा किया है .उन्होंने कहा कि दुआरे योजना के तहत गरीबों को राशन दिया जाएगा . इतना ही नहीं राज्य में तृणमूल कांग्रेस शासन के दौरान गरीबी 40 प्रतिशत तक घट जाने का दावा करते हुए घोषणापत्र में किसानों को वार्षिक वित्तीय सहायता 6,000 रुपये से बढ़ा कर 10,000 रुपये करने का भी वादा किया गया है.

वहीं पिछली बार यूनेस्को की मदद से रूरल क्राफ्ट एंड कल्चर हब के तहत कई ग्रामीण कारीगरों को रोजगार प्रदान करने का एलान किया गया था. साथ ही शांति निकेतन में छोटे पैमाने पर निर्माण के लिए एक वैश्विक बाजार खोलने की घोषणा की गई थी. आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए आवासीय प्रशिक्षण केंद्रों का निर्माण आईसीडीएस केंद्रों को ईंट और चिटमहल क्षेत्रों में स्थापित करने के साथ-साथ महिलाओं और बच्चों को उचित पोषण की व्यवस्था करने पर जोर दिया था.

इस साल जहां टीएमसी ने पहली बार बंगाल में हर परिवार को न्यूनतम आय देने का वादा किया है, 1.6 करोड़ सामान्य श्रेणी के परिवारों को 500 रुपये प्रति महीना, जबकि एससी/एसटी श्रेणी में आने वाले परिवारों को 1,000 रुपये प्रति महीना देने का वादा किया है. यह रकम सीधे परिवार की महिला मुखिया के बैंक खाते में भेजी जाएगी.

वहीं 2016 में भी ममता तांती साथी योजना शुरू की थी. इसके तहत कई कारीगरों को करघा वितरित करने वादा किया था.

गरीब और असहाय महिलाओं के लिए पेंशन योजना, मजदूरों के लिए 100 दिन का काम, ग्रामीण विकास कार्यक्रमों में किसान कल्याण कार्यक्रम आदि शुरू करने का दावा किया था.

इस साल मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 लाख की क्रेडिट सीमा के साथ छात्रों के लिए नई कार्ड योजना लाई जाएगी और इस पर सिर्फ चार प्रतिशत ब्याज देना होगा. उन्होंने कहा, अगले पांच वर्षों में हम 10 लाख एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) इकाइयां तथा 2000 नई बड़ी औद्योगिक इकाइयां लगाएंगे.

वहीं 2016 में टीएमसी ने अविकसित क्षेत्रों में कक्षा IX-X के छात्रों के लिए, मध्याह्न भोजन की प्रणाली शुरू करने का वादा किया था. स्कूल, कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों की संख्या में काफी वृद्धि करने की बात की थी. इसके अलावा टीएमसी ने हर स्कूल में कंपयूटर शिक्षा देने का वादा किया था. साथ ही नेताजी सुभाष मुक्त विश्वविद्यालय केंद्रों को दुर्गापुर और जलपाईगुड़ी में खोलने की योजना का एलान किया गया था.

पढ़ें - प. बंगाल चुनाव : TMC का घोषणा पत्र जारी, वादों की झड़ी

2016 में टीएमसी ने सभी ब्लॉकों में कम से कम एक आईटीआई संस्थान बनाने के साथ चार प्रतियोगी परीक्षा प्रशिक्षण संस्थान और दार्जिलिंग में एक नेपाली कॉलेज खोलने की घोषणा की थी.

2021 के घोषणा पत्र में तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा, महिष्या, तिली, तामुल और साहा जैसी उन सभी जातियों को ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) का दर्जा दिलाने के लिए एक विशेष कार्यबल गठित करेंगे, जिन्हें ओबीसी के रूप में मान्यता नहीं प्राप्त है. साथ ही भारत सरकार से महतो (जाति) को (एसटी) अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की सिफारिश करने का वादा करने के साथ तराई और दुआर क्षेत्र के विकास के लिए एक विशेष विकास बोर्ड का गठन करने का एलान किया है, जबकि 2016 का घोषणापत्र वाई-फाई कनेक्टिविटी, दूसरा इंडो-भूटान गेट, मिलान मेला में बनाए जाने वाले प्रदर्शनी-सह-मेला ग्राउंड और कन्वेंशन सेंटर, दक्षिणेश्वर मंदिर के पास यातायात को नियंत्रित करने के लिए स्काई वॉक बनाए जाने पर केंद्रित था.

इसके अलावा 2016 में फेरीवालों का पुनर्वास और उन्हें आईडी कार्ड जारी करने पर बल दिया गया था.

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