डिब्रूगढ़/अमृतसर: 'वारिस पंजाब दे' प्रमुख अमृतपाल सिंह समेत 10 खालिस्तानी कैदी कड़ी सुरक्षा घेरे के बीच डिब्रूगढ़ की सेंट्रल जेल में अपने दिन गुजार रहे हैं. दो महीने से डिब्रूगढ़ जेल में बंद 'वारिस पंजाब दे' प्रमुख अमृतपाल सिंह को केंद्र सरकार के आदेश के मुताबिक डिब्रूगढ़ जेल के अधिकारियों ने सभी सुविधाएं मुहैया कराई हैं.
डिब्रूगढ़ जेल अधिकारी खालिस्तानी कैदियों को उनके परिवार के सदस्यों से मिलने की अनुमति दे रहे हैं. एक दिन पहले 'वारिस पंजाब दे' प्रमुख अमृतपाल सिंह की पत्नी ने जेल में अमृतपाल सिंह से काफी देर तक मुलाकात की थी. इसके बाद, कई राष्ट्रीय मीडिया आउटलेट्स ने बताया कि अमृतपाल सिंह जेल के अंदर फोन के उपयोग और भोजन की समस्याओं की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर चले गए थे. इसके बाद डिब्रूगढ़ जेल अधिकारियों और जिला आयुक्त बिस्वजीत पेगू ने इस घटना को खारिज कर दिया. डीसी विश्वजीत पेगु ने ईटीवी भारत को बताया कि जेल के अंदर ऐसी कोई घटना नहीं हुई है. रिपोर्टों को खारिज करते हुए डीसी ने जवाब दिया कि अमृतपाल सिंह की पत्नी ने यह प्रोपेगेंडा फैलाया है.
जिला आयुक्त ने कहा कि जेल के सभी पहलुओं पर वे हमेशा निगरानी रखते हैं. अमृतपाल सिंह ने साथियों के साथ फोन व्यवस्था की मांग की और जेल अधिकारियों ने इसकी व्यवस्था कर दी है। जरूरत पड़ने पर जेल के 'जेलर' के फोन से परिवार से फोन पर बात कराने की व्यवस्था की गई है. उपायुक्त ने यह भी बताया कि जेल अधिकारी कैदियों के भोजन की व्यवस्था पर भी ध्यान दे रहे हैं. पेगु ने यह भी बताया कि भोजन की सूची लेकर उनसे भोजन आपूर्ति की व्यवस्था की गयी है. पहले तो पंजाब के खान-पान, खासकर सब्जियों में कोई समानता न होने के कारण थोड़ी दिक्कत हुई, लेकिन अब ऐसी कोई दिक्कत नहीं है, जिला आयुक्त ने फोन पर पूरा मामला स्पष्ट किया.
जबकि पंजाब सरकार ने बीबी किरणदीप कौर का हवाला देते हुए डिब्रूगढ़ जेल प्रशासन पर कुछ और ही आरोप लगाए हैं.
पंजाब सरकार पर आरोप: बीबी किरणदीप कौर ने कहा कि वह हर हफ्ते अमृतपाल सिंह से मिलने असम की डिब्रूगढ़ जेल जाती हैं. हर हफ्ते की तरह कल की मुलाकात का समय भी बहुत जल्दी बीत गया. इस बैठक से पता चला कि अमृतपाल सिंह व उनके साथ अन्य कैदियों ने भूख हड़ताल किया. हड़ताल का कारण कि उन्हें डिब्रूगढ़ जेल से फोन करने की अनुमति नहीं दिया जाना है. इसते चलते वह अपने परिजनों से बात नहीं कर पाते हैं. उन्होंने कहा कि यह सुविधा हर जेल में है. उन्होंने मुलाकात करवाने के एवज में रिश्वत लेने का भी आरोप लगाया.
सुविधाओं की मांग: अमृतपाल सिंह की ओर से आरोप लगाते हुए कहा गया कि जेल में खाने-पीने की व्यवस्था अच्छी नहीं है. कभी दाल या सब्जी में नमक नहीं डालते तो कभी रोटी में तम्बाकू मिला होता है जो खाने लायक नहीं होता. जेल में तैनात सुरक्षाकर्मी उनकी भाषा नहीं समझते हैं. ऐसे में वह मानसिक समस्याओं से भी जूझ रहे हैं, जिससे उनके स्वास्थ्य पर काफी फर्क पड़ रहा है. सरकार को जल्द से जल्द इन मुद्दों का समाधान करना चाहिए. यह केवल सामान्य सुविधाओं की मांग है, वीआईपी ट्रीटमेंट की कोई मांग नहीं है. किरणदीप कौर ने कहा कि वह आज से अपने पति के साथ इस भूख हड़ताल में हिस्सा लेगी.
कोर्ट में आरोप पत्र पेश: असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के 27 साथियों के खिलाफ पुलिस ने अजनाला की अदालत में आरोप पत्र कर दिया गया. हालांकि, मुख्य आरोपी अमृतपाल सिंह के खिलाफ यह आरोप पत्र चालान पेश नहीं किया गया. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि कुछ देर बाद अमृतपाल सिंह के खिलाफ पूरक आरोप पत्र पेश किया जाएगा.